52 की उम्र में चढ़ा इश्क का खुमार, 25 साल के पोते संग दादी ने भागकर रचाई शादी, पति ने जहर देने का लगाया इल्जाम
यूपी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 52 साल की एक महिला ने 25 साल के लड़के के साथ शादी की. हैरानी की बात यह है कि महिला ने तीसरी बार शादी रचाई है और लड़का रिश्ते में उसका पोता लगता है.

प्यार कभी भी, कहीं भी और किसी से भी हो सकता है, यह एक ऐसा सच है जिसे हम हमेशा सुनते आए हैं. लेकिन जब प्यार की कहानी उम्र की सारी सीमाएं तोड़ दे, तो वह किसी फिल्म से कम नहीं लगती है. उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में कुछ ऐसा ही हुआ, जो सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन यह सच है.
यहां 52 साल की चार बच्चों की मां को 25 साल के लड़के से प्यार हो जाता है. अब तक तो सब नॉर्मल है, लेकिन आगे सुनिए. यह लड़के की प्रेमिका उसकी दादी है. यह कहानी तब और भी दिलचस्प बन गई जब महिला ने अपने पति और बच्चों को छोड़कर इस 25 साल के युवक के साथ भागने का फैसला किया. न सिर्फ वह युवक के साथ भागी, बल्कि दोनों ने मिलकर शादी भी कर ली.
मंदिर में रचाई शादी
यह एक दिलचस्प और चौंकाने वाली प्रेम कहानी है, जो उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के बसखारी थाना क्षेत्र के प्रतापपुर बेलवरिया दलित बस्ती से सामने आई. यह कहानी एक ऐसी महिला की है, जो तीसरी बार शादी के बंधन में बंधी. दोनों ने गोविंद साहब मंदिर में शादी की.
20 साल बाद रचाई तीसरी शादी
इंद्रावती की दूसरी शादी 20 साल पहले प्रतापपुर बेलवरिया निवासी चंद्रशेखर आजाद के साथ हुई थी. इस शादी से उनकी एक बेटी और दो बेटे हुए थे. चंद्रशेखर से शादी के 2 साल पहले इंद्रावती ने पहली बार शादी की थी, जिससे उसकी एक लड़की है. हालांकि. कुछ समय से महिला का अपने पति ने मन उठ गया था, जिसके बाद उसे अपने गांव में रहने वाले लड़के से प्यार हो गया, जो रिश्ते में पोता लगता है.
पति काम के सिलसिले में रहता था दूर
इंद्रावती के पति चंद्रशेखर आजाद का आरोप है कि उनकी पत्नी ने एक घिनौनी साजिश रची थी, जिसमें उनका और उनके बच्चों का जीवन खतरे में था. चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि वह रोजी-रोटी के सिलसिले में दूसरे शहर में रहते थे और जब वह वापस लौटे, तो उन्हें अपनी पत्नी इंद्रावती और घर के पास रहने वाले आजाद के रिश्ते के बारे में पता चला.
जहर देकर मारने का था प्लान
चंद्रशेखर के अनुसार, दोनों मिलकर एक खौ़फनाक साजिश रच रहे थे. उनका कहना था कि इंद्रावती और उसका प्रेमी योजना बना रहे थे कि उसे और उनके तीनों बच्चों को जहर देकर मार दिया जाए. चंद्रशेखर का दावा है कि यह साजिश उन्हें समय रहते पता चल गई और उसी की बदौलत उनके और उनके बच्चों की जान बच गई.