Abhijit Muhurat: वो पवित्र समय जिसमें PM मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में किया ध्वजारोहण, यह पल क्यों है खास?
Ram Mandir Dhwajarohan Ceremony: पीएम मोदी आज अभिजीत मुहूर्त के मौके पर अयोध्या में ध्वजारोहण करेंगे. ज्योतिष में इस मुहूर्त को शुभ माना जाता है. 25 नवंबर को पीएम मोदी द्वारा अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के लिए चुना गया है. यह दिन त्रेतायुग के राम-सीता विवाह की पंचमी तिथि से जुड़ा है.
Ram Mandir Dhwajarohan Ceremony 2025: यूपी के अयोध्या में आज ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अभिजीत मुहूर्त के समय राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे. यह एक ऐसा समय है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में 'विजय और सफलता' का प्रतीक माना जाता है. इस मुहूर्त का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसी दिन विवाह पंचमी भी है, जो त्रेतायुग में भगवान राम और माता सीता के विवाह की याद दिलाता है.
विश्व हिंदू परिषद की ओर से जारी बयान के अनुसार ध्वजारोहण का समय दोपहर ११ से 12:35 बजे के बीच तय किया गया है. मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा है और उसके ऊपर 30 फीट लंबे ध्वजदंड पर केसरिया ध्वज लगाया जाएगा. यह ध्वज इलेक्ट्रिक सिस्टम से लैस है और पीएम मोदी बटन दबाकर इसे आरोहित करेंगे. ध्वज पर कोविदार वृक्ष, सूर्यवंश का प्रतीक और ‘ॐ' का चिन्ह अंकित होगा. रिहर्सल के दौरान सेना की मदद भी ली गई है.
अभिजीत मुहूर्त क्या है?
ज्योतिष में एक दिन को कई मुहूर्तों (समय-खंडों) में बांटा जाता है. यह एक विशेष मुहूर्त है, जिसे अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है. इस मुहूर्त को बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि 'अभिजीत' का अर्थ होता है 'विजेजा'. इस मुहूर्त में किए गए कामों में सफलता की संभावना अधिक मानी जाती है. खास तौर पर पूजा, भूमि पूजन, नई शुरुआत, निवेश आदि कार्यों के लिए यह सबसे बेहतर समय माना जाता है.
ज्योतिषविदों के मुताबिक अभिजीत मुहूर्त लगभग दिन में मध्य के समय आता है. आज यह मुहूर्त 11 से 12:35 बजे के बीच है. हालांकि, यह समय सूर्य की स्थिति और दिनानुसार थोड़ा बदल सकता है. इस मुहूर्त के हिसाब से ही 25 नवंबर 2025 में ध्वजारोहण तय किया गया है.
यही वजह है कि 25 नवंबर को अयोध्या राम मंदिर में पीएम मोदी द्वारा अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर का ध्वजारोहण होगा. इस समय को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बहुत अनुकूल समय बताया जा रहा है.
अभिजीत मुहूर्त का धार्मिक महत्व
25 नवंबर की तिथि विवाह पंचमी का दिन भी है. पंचांग और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह वही तिथि है जब त्रेतायुग में भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस वजह से इस दिन को विशेष धार्मिक महत्व दिया गया है.
मंदिर शिखर पर ध्वज फहराना सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं बल्कि पाप पर विजय का प्रतीक है. यही कारण है कि श्री राम मंदिर निर्माण की समापन अवस्था, विजय का संदेश और धार्मिक शक्ति का सिम्बॉल माना जा रहा है.
क्या है सियासी संदेश?
पीएम मोदी का शिखर पर ध्वजारोहण करना न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि एक सशक्त संदेश भी है. संदेश यह है कि भगवान राम मंदिर का निर्माण सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में पूरा हुआ है.





