SDM कर रहे थे फर्जीवाड़ा, जिनकी जगह खुद दी परीक्षा, वो दोनों हो गए फेल; अब SOG ने हनुमान राम को किया गिरफ्तार
एसडीएम हनुमान राम का नाम लिया था. उनके बयानों के आधार पर हनुमानराम को गिरफ्तार किया गया. बाड़मेर जिले के बिसारणिया गांव निवासी हनुमान राम विरदा ने RAS परीक्षा-2021 में 22वीं रैंक हासिल की है. हनुमान राम 2016 से लगातार RAS की तैयारी कर रहे थे.

सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में राज्य में पहली बार किसी एसडीएम को गिरफ्तार किया गया है. हनुमान राम ने एसआई भर्ती परीक्षा में नरपतराम की जगह डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा दी थी. जिसका खुलासा होने के बाद SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की टीम ने जैसलमेर के फतेहगढ़ के एसडीएम हनुमान राम को गिरफ्तार किया है. 3 दिन पहले जोधपुर रेंज पुलिस ने एसआई भर्ती मामले में 29 वर्षीय नरपतराम और उसकी 27 वर्षीय पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार कर SOG को सौंप दिया था.
पूछताछ में दोनों ने एसडीएम हनुमान राम का नाम लिया था. उनके बयानों के आधार पर हनुमानराम को गिरफ्तार किया गया. बाड़मेर जिले के बिसारणिया गांव निवासी हनुमान राम विरदा ने RAS परीक्षा-2021 में 22वीं रैंक हासिल की है. हनुमान राम 2016 से लगातार RAS की तैयारी कर रहे थे और दूसरे प्रयास में ही उन्होंने RAS में 22वीं रैंक हासिल की है. हनुमान राम के पिता कौशला राम खेती करते हैं. माता पेम्पो देवी, दो भाई और 6 बहनें हैं
सरकारी नौकरी में रहकर नहीं छोड़ी तैयारी
हनुमान राम ने 2016 में भाटिया आश्रम सूरतगढ़ से आरएएस की तैयारी की. उन्होंने 2016 में आरएएस की परीक्षा दी, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हुआ. 2018 में उनका सिलेक्शन बाड़मेर में सांख्यिकी विभाग कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर हुआ. उन्होंने सरकारी सेवा में रहते हुए RAS (Rajasthan Administrative Service) की तैयारी नहीं छोड़ी. दूसरे प्रयास में सफलतापूर्व उनका सिलेक्शन हो गया. हनुमान राम की पहली पोस्टिंग 13 फरवरी 2023 को चितलवाना (जालौर) में एसडीएम के पद पर हुई थी. इसके बाद वे बागोड़ा (सांचौर) में एसडीएम रहे और फिर उनका ट्रांसफर शिव एसडीएम के पद पर हुआ. 11 फरवरी 2025 को वे फतेहगढ़, जैसलमेर में एसडीएम के पद पर पदभार ग्रहण किया.
15 लाख की डील में दी परीक्षा
SOG ने डमी कैंडिडेट के जरिए एसआई परीक्षा पास करने वाले हरखू जाट तक पहुंची. पकड़े जाने के बाद हरखू ने पूछताछ में नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा का नाम लिया था. हरखू ने बताया था कि इंद्रा से उसकी मुलाकात लाइब्रेरी में हुई थी. हरखू पढ़ाई में कमजोर था, जबकि इंद्रा होशियार थी, इसलिए हरखू ने इंद्रा को अपनी जगह परीक्षा देने का ऑफर दिया था. जब यह बात इंद्रा के पति नरपत को पता चली तो उसने हरखू से 15 लाख रुपए लेकर इंद्रा को डमी कैंडिडेट के तौर पर हरखू की जगह परीक्षा दिलवाई, जिसमें हरखू पास हो गया. हरखू का सिलेक्शन प्लाटून कमांडर के पद पर हो गया.
गिरफ्तार हुई इंद्रा
हालांकि इंद्रा ने भी परीक्षा दी थी, लेकिन वह इंटरव्यू में फेल हो गई थी. पति-पत्नी को जब हरखू के SOG में पकड़े जाने की सूचना मिली तो दोनों भाग निकले. तीन दिन पहले जोधपुर रेंज पुलिस ने ऑपरेशन तर्पण के जरिए नरपतराम और इंद्रा को गिरफ्तार किया. नरपतराम को गोवा में एक वाइन शॉप से और इंद्रा को खेमे का कुआं, पाल रोड (जोधपुर) से गिरफ्तार किया गया. पति की गिरफ्तारी की भनक लगते ही इंद्रा भागने की फिराक में थी, लेकिन उससे पहले ही पकड़ी गई.