सरकार पैसा दे रही तो जा कहां रहे, हिसाब दो... BJP नेता वसुंधरा राजे ने अपनी ही सरकार पर क्यों उठाए सवाल?
Vasundhra Raje: राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे मंलगवार 8 अप्रैल को झालवाड़ पहुंचीं. इस दौरान बैठक में कार्यकर्ताओं ने उनसे रायपुर कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति का शिकायत की. गर्मी के मौसम की शुरुआत में पेयजल संकट की बात सुनकर उन्हें गुस्सा आ गया. राजे ने अधिकारियों को जमकर क्लास लगाई.

Vasundhra Raje: बीजेपी की सीनियर लीडर और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपने तीखे अंदाज को लेकर चर्चा में रहती हैं. मंगलवार को झालावाड़ में उन्होंने अधिकारियों की काम में लापरवाही को देखते हुए जमकर क्लास लगाई. पानी की संख्या को लेकर विवाद, जिसे सुनकर उन्हें गुस्सा आ गया और राजे ने जलदाय विभाग के इंजीनियर्स को फटकार लगाई दी. साथ ही जल संकट की समस्या को तत्काल प्रभाव से दूर करने को कहा.
जानकारी के अनुसार, मंलगवार 8 अप्रैल को एक बैठक में वसुंधरा राजे से कार्यकर्ताओं ने रायपुर कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति का शिकायत की. इसी वह पर भड़क उठीं. उन्होंने अधिकारियों ने पूछा क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ आप अफसरों को ही प्यास लगती है. लोग परेशान हैं.
क्यों आया वसुंधरा राजे को गुस्सा?
जल संकट की शिकायत पर वसुंधरा राजे ने कहा, गर्मी में जनता पेयजल संकट का सामना कर रही है. वह त्रस्त हैं और अफसर तृप्त हैं. पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे. उन्होंने भड़कते हुए कहा, अफसर सो रहे हैं. लोग रो रहे हैं. मैं ऐसा होने नहीं दूंगी. राजे ने कहा, पीएम मोदी ने 42 हजार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए हैं.
राजे अधिकारियों ने कहा, मुझे पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से के फंड में आपने क्या किया? हमारी सरकार इस समस्या के समाधान के लिए पैसे दे रही है लेकिन अफसर योजनाओं की सही तरीके से काम नहीं कर रहे. अप्रैल में ही लोग पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आगे क्या होगा.
राजे के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस मामले पर कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का ट्वीट बीजेपा का सच सामने लाने के लिए काफी है. कितनी दुख की बात है कि पूर्व सीएम को अपनी पार्टी की सरकार के होने के बाद भी पानी जैसे आवश्यकता को के लिए सोशल मीडिया पर कहना पड़ रहा है. यह दिखाता है कितनी गड़बड़ी है. बता दें कि इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की ओर से अलग-अलग रिएक्शन आ रहे हैं. अब देखना यह होगा की झालावाड़ की जनता की पानी की समस्या कब दूर होती है.