राजस्थान बोर्ड परीक्षा 2025 में बड़ा घोटाला, 12 हजार छात्रों के रिजल्ट में गड़बड़ी; कई सवालों की चेक नहीं हुईं कॉपियां
राजस्थान बोर्ड में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. 12 हजार छात्रों के रिजल्ट में गड़बड़ी पाई गई है. अब बोर्ड ने तय किया है कि ऐसे मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी. इसके अलावा, कॉपियों की जांच प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित सिस्टम लागू करने की तैयारी चल रही है ताकि नंबर जोड़ने और एंट्री की गलती न हो.

राजस्थान से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (BSER), अजमेर द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 में 12,035 छात्रों के रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी पाई गई है. ये गड़बड़ी इतनी गंभीर है कि कई छात्रों को जितने नंबर वास्तव में मिले थे, वे रिजल्ट में दर्ज ही नहीं किए गए. इस तरह की लापरवाही आंसर शीट्स जांच के दौरान हुई है.
बोर्ड की जांच में खुलासा हुआ है कि कई शिक्षकों ने कॉपियों की जांच करते समय लापरवाही बरती. कुछ शिक्षकों ने छात्रों के नंबर सही से जोड़े ही नहीं, जबकि कई कॉपियों में कई सवालों को चेक ही नहीं किया गया. नतीजा यह हुआ कि 12 हजार से ज्यादा छात्रों के रिजल्ट गलत बन गए किसी के नंबर कम आ गए, तो किसी का पास होकर भी फेल दिखा दिया गया.
कैसे खुला यह मामला?
असल में, यह पूरा मामला छात्रों की शिकायतों और पुनर्मूल्यांकन (Revaluation) की प्रक्रिया के दौरान सामने आया. कई छात्रों को अपने अंकों पर शक हुआ, तो उन्होंने बोर्ड से दोबारा कॉपी जांच की मांग की. जब उनकी कॉपियां दोबारा जांची गईं, तो पाया गया कि शिक्षकों ने कॉपियों की जांच में कई गंभीर गलतियां की थी. इसके बाद बोर्ड ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और अब कार्रवाई की तैयारी में है.
कितने छात्रों का रिजल्ट बदला?
10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लाखों छात्रों में से हजारों के नतीजे पुनर्मूल्यांकन के बाद बदले गए हैं. आइए देखें आंकड़े:
-10वीं कक्षा
कुल छात्र: 10,71,460
पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन: 26,597
जिनके रिजल्ट में बदलाव हुआ: 7,410 छात्र
-12वीं (Arts)
कुल छात्र: 5,78,164
पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन: 6,255
जिनके रिजल्ट में बदलाव हुआ: 1,469 छात्र
-12वीं (Science)
कुल छात्र: 2,72,138
पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन: 11,314
जिनके रिजल्ट में बदलाव हुआ: 2,966 छात्र
यानी सिर्फ 10वीं और 12वीं की तीनों स्ट्रीम मिलाकर 12,035 छात्रों के नतीजे बदल गए, जो एक बड़ा आंकड़ा है.
शिक्षकों की लापरवाही उजागर
इस गड़बड़ी के पीछे 500 से ज्यादा शिक्षकों की लापरवाही सामने आई है. बोर्ड ने जांच में पाया कि कुछ शिक्षकों ने कॉपी जांचने में बहुत ही गैर-जिम्मेदार रवैया अपनाया. लगभग 200 शिक्षकों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं. इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. बाकी बचे शिक्षकों के खिलाफ भी विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई प्रस्तावित की गई है. बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अब मूल्यांकन प्रणाली को और पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न हो.
आगे क्या होगा?
अब बोर्ड ने तय किया है कि ऐसे मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी. इसके अलावा, कॉपियों की जांच प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित सिस्टम लागू करने की तैयारी चल रही है ताकि नंबर जोड़ने और एंट्री की गलती न हो. बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि छात्रों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और जिन छात्रों को नुकसान हुआ है, उन्हें संशोधित रिजल्ट और अंक पत्र जल्द जारी किए जाएंगे.