राजस्थान में छाया ‘लॉरेंस जैकेट’ ट्रेंड, युवाओं में खरीदने की मची होड; जानें पुलिस क्यों ले रही एक्शन
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की जैकेट का नया ट्रेंड सोशल मीडिया पर काफी चल रहा है. काले और नारंगी रंग की उस जैकेट की नकल कर बनाई गई “लॉरेंस जैकेट” युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इस खतरनाक ट्रेंड ने पुलिस को भी सतर्क कर दिया है.
जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की जैकेट पहने एक पुरानी तस्वीर अक्सर वायरल होती रहती है. अब लॉरेंस की इस जैकेट का क्रेज राजस्थान में देखने को मिल रहा है. काले और नारंगी रंग की उस जैकेट की नकल कर बनाई गई 'लॉरेंस जैकेट' युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इस खतरनाक ट्रेंड ने पुलिस को भी सतर्क कर दिया है, क्योंकि अधिकारी इसे अपराधियों के महिमामंडन की नई मिसाल मान रहे हैं.
ट्रेंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी कड़ी में कोटपूतली-बहरोड़ पुलिस ने स्थानीय बाजार में इन जैकेटों की नकल बेचने के आरोप में तीन लोगों को धर दबोचा है.
स्थानीय बाजार में बिक रही थीं 35 ‘लॉरेंस जैकेट’
एसपी देवेंद्र कुमार बिश्नोई के अनुसार, 38 वर्षीय कृष्ण उर्फ गुड्डू शर्मा, 31 वर्षीय संजय सैनी और 50 वर्षीय सुरेशचंद्र शर्मा को कोटपूतली शहर के सिटी प्लाजा से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से 35 जैकेटें बरामद हुईं, जिन पर गैंगस्टर का नाम छपा हुआ था और उन्हें खुलेआम बेचा जा रहा था.
अपराधियों का महिमामंडन रोकने के निर्देश के बाद कार्रवाई
एसपी ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई पुलिस मुख्यालय के उन निर्देशों के बाद की गई है, जिनमें अपराधियों के प्रचार-प्रसार और महिमामंडन पर सख्त रोक लगाने को कहा गया था. उन्होंने बताया, "एएसपी नाजिम अली और सर्किल ऑफिसर राजेंद्र कुमार बुरदक के नेतृत्व में एसएचओ राजेश कुमार शर्मा की टीम ने खुफिया सूचना पर यह छापेमारी की."
पुरानी तस्वीर से शुरू हुआ नया क्रेज
सूत्रों का कहना है कि जिस तस्वीर ने इस ट्रेंड को जन्म दिया, वह साल 2017-2018 में अदालत पेशी के दौरान ली गई थी. यह फोटो हाल ही में इंस्टाग्राम पर फिर से वायरल हुई, जिसके बाद युवाओं में बिश्नोई की नकल करने और उस जैकेट को पहनकर तस्वीरें पोस्ट करने का चलन बढ़ गया है.
अन्य लोगों की तलाश में जांच जारी
पुलिस ने ऐसी जैकेटों की बिक्री, प्रचार या निर्माण में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की प्रवृत्ति को जड़ से खत्म करना जरूरी है, ताकि युवाओं को अपराध की ओर आकर्षित होने से रोका जा सके.





