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PM मोदी का बड़ा ऐलान, न्यूक्लियर एनर्जी में अब निजी क्षेत्र की एंट्री, शीतकालीन सत्र में आएगा Atomic Energy Bill 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि सरकार पहली बार निजी कंपनियों को न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में प्रवेश देने की तैयारी कर रही है. इसके लिए शीतकालीन सत्र में ‘Atomic Energy Bill, 2025’ पेश किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 100 गीगावॉट करना है. पीएम मोदी ने स्कायरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन पर स्पेस सेक्टर में निजी भागीदारी की सफलता की भी सराहना की और कहा कि युवा नए युग के इनोवेशन का नेतृत्व कर रहे हैं.

PM मोदी का बड़ा ऐलान, न्यूक्लियर एनर्जी में अब निजी क्षेत्र की एंट्री, शीतकालीन सत्र में आएगा Atomic Energy Bill 2025
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( Image Source:  ANI )

Modi Govt to Open Nuclear Sector for Private Players, Major Reform Announced: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश की परमाणु नीति में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत देते हुए बताया कि केंद्र सरकार अब निजी कंपनियों को भी न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में प्रवेश की अनुमति देने की तैयारी कर रही है. यह क्षेत्र अब तक पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में था.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हम परमाणु क्षेत्र को भी खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इस क्षेत्र में निजी सेक्टर की मजबूत भूमिका की नींव रखी जा रही है. इससे छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर, एडवांस्ड रिएक्टर और न्यूक्लियर इनोवेशन में बड़े अवसर पैदा होंगे. यह सुधार हमारी ऊर्जा सुरक्षा और टेक्नोलॉजिकल नेतृत्व को नई ताकत देगा.”

प्रधानमंत्री यह बयान स्कायरूट एयरोस्पेस के नए ‘इन्फिनिटी कैंपस’ के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान दे रहे थे, जो हैदराबाद स्थित स्पेस स्टार्टअप के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यह कंपनी दो पूर्व ISRO वैज्ञानिकों ने बनाई थी और आज देश की निजी स्पेस इंडस्ट्री का प्रतीक बन चुकी है.

न्यूक्लियर क्षमता 2047 तक 100 GW का लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत की न्यूक्लियर पावर क्षमता को बढ़ाकर 100 गीगावॉट किया जाए, जो वर्तमान 8.8 गीगावॉट से कई गुना अधिक है. इसी दिशा में सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में 'एटॉमिक एनर्जी बिल, 2025' पेश करेगी, जो निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा उत्पादन में भागीदारी का रास्ता दिखाएगा.

कानूनी ढांचे में बड़ा बदलाव

फिलहाल Atomic Energy Act, 1962 के तहत सिर्फ केंद्र सरकार और उसकी स्वामित्व वाली कंपनियों को ही परमाणु संयंत्र बनाने और चलाने का अधिकार है. राज्य सरकारें और निजी कंपनियां इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकतीं. इस वर्ष फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ही संकेत दिया था कि सरकार न्यूक्लियर लाइबिलिटी कानून में भी संशोधन करने जा रही है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश और तकनीकी सहयोग के लिए रास्ता साफ हो सकेगा.

स्पेस सेक्टर में निजी कंपनियों की सफलता की तारीफ

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बताया कि स्पेस सेक्टर में निजी भागीदारी की अनुमति देने के बाद देश की क्षमताओं में अभूतपूर्व उछाल आया है. उन्होंने कहा, “स्कायरूट का इन्फिनिटी कैंपस नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक है. सीमित संसाधनों के बावजूद भारत ने ISRO के साथ अंतरिक्ष जगत में अपनी पहचान बनाई. अब निजी क्षेत्र की ऊर्जा और युवाओं की प्रतिभा भारत को ग्लोबल सैटेलाइट लॉन्च हब बना सकती है.” पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारतीय युवाओं की उद्यमिता, जोखिम उठाने की क्षमता और इनोवेशन देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है.

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