जयपुर में हार्ट अटैक से 9 साल की बच्ची की मौत! टिफिन खाने से पहले अचानक हुई बेहोश और फिर...
Jaipur News: सीकर के दांता कस्बे स्थित आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ने वाली 9 साल की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत हो गई. बच्ची लंच ब्रेक में खाने के लिए बैठी अचानक बेहोश होकर गिर गई. डॉक्टर को दिल का दौड़ा पड़ने का शक है. हालांकि परिवार ने पोस्टमार्टम कराए बिना अंतिम संस्कार कर दिया.

Jaipur News: हार्ट अटैक एक बेहद खतरनाक समस्या बनती जा रही है. बुजुर्गों, युवा के बाद अब छोटे-छोटे बच्चों की भी दिल का दौड़ा पड़ने से मृत्यु हो जा रही है. अब राजस्थान के जयपुर से ऐसा ही मामला सामने आया है. एक स्कूल में पढ़ने वाली 9 साल की बच्ची अचानक बेहोश हुई और उसके बाद उसने दम तोड़ दिया. अभी आशंका जताई जा रही है कि मौत की वजह हार्ट अटैक हो सकती है.
सीकर के दांता कस्बे स्थित आदर्श विद्या मंदिर स्कूल की चौथी कक्षा की छात्रा प्राची कुमावत के साथ सोमवार (14 जुलाई) को कुछ अजीब हुआ. प्राची ने ब्रेक टाइम में जैसे ही अपना टिफिन खोला और खाने बैठी, अचानक बेहोश हो गई. अस्पताल लेकर गए तो उसे मृत घोषित कर दिया गया.
क्या है मामला?
प्राची के अचानक बेहोश होने के बाद टीचर्स उसे पास के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां डॉ. सुबाष वर्मा ने बताया कि प्राची की कोई नब्ज नहीं थी, ब्लड प्रेशर गिरा हुआ था और सांसें रुक-रुक कर निकल रही थीं. ये सभी लक्षण दिल का दौरा पड़ने जैसे थे. उन्होंने उसे बचाने की पूरी कोशिश की और CPR, ऑक्सीजन, और इमरजेंसी दवाएं दी, लेकिन जब हालत सुधार न हुई तो उसे एसकेआईकेर के बड़े अस्पताल भेजा गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.
प्रिंसिपल का बयान
आदर्श विद्या मंदिर स्कूल के प्रिंसिपल नंद किशोर तिवारी ने बताया कि प्राची पिछले 2-3 दिन स्कूल में नहीं आई थी. उसके माता-पिता ने बताया था कि उसे हल्का सर्दी-जुकाम था. सोमवार को जब वह स्कूल लौटी थी, तो वह पूरी तरह स्वस्थ नजर आई थी. उसने सुबह की प्रार्थना में हिस्सा लिया था, लेकिन लंच टाइम के दौरान होश खो दिया.
बच्चों में ज्यादा खतरा
डॉ. सुबाष वर्मा ने बताया कि स्कूल स्टाफ हमें लेकर आया. प्राची की सांस रुक रही थी, नब्ज गायब थी, दिल नहीं धड़क रहा था. हमने CPR शुरू की, ऑक्सीजन दी तथा इमरजेंसी इंजेक्शन और ड्रिप भी लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद उसे एम्बुलेंस से सीकर भेजा गया. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में कार्डियक अरेस्ट बहुत कम देखने को मिलता है. कहीं जन्मजात हार्ट डिज़ीज़ या इलेक्ट्रिकल इम्पल्स की समस्या रह जाती है, जिसे माता-पिता पकड़ नहीं पाते. NDTV से बात करते हुए परिवारवालों ने कहा, प्राची ने कभी कोई गंभीर लक्षण नहीं बताए और उसकी अचानक मौत ने उन्हें सदमे में डाल दिया.
सदमे में परिजन
साल की बच्ची के निधन से परिवार सदमे में आ गया है. परिजन ने प्राची के शव को घर लाकर उसका अंतिम संस्कार किया और पोस्टमार्टम नहीं करवाया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. आरके जानगिड ने बताया कि उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक उसे बचाने की कोशिश की थी, लेकिन बिना पोस्टमार्टम किए निश्चित तौर पर हार्ट अटैक कहना संभव नहीं है.