पहले तलाक फिर POCSO का मुकदमा, अजमेर में मौलवी से परेशान पिता-पुत्र ने अपनाया सनातन धर्म
खानपुरा क्षेत्र में रहने वाले शुभम अग्रवाल ने बताया कि मैं हिंदू धर्म और इसके सिद्धांतों से प्रेरित होकर सनातन धर्म में शामिल हुआ हूं. अब मैं नियमित रूप से पूजा-पाठ और भक्ति भाव से जीवन व्यतीत करूंगा. उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने के लिए स्थानीय क्रिश्चियन गंज स्थित मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की.

राजस्थान के अजमेर में धर्म परिवर्तन का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां मौलवी से परेशान होकर एक मुस्लिम पिता और बेटे ने हिंदू धर्म अपना लिया. दोनों ने अपना नाम भी बदल लिया है. शरीफ खान अब शुभम अग्रवाल बन गए हैं, जबकि उनके बेटे अमन खान ने अपना नाम बदलकर अमन अग्रवाल रख लिया है.
खानपुरा क्षेत्र में रहने वाले शुभम अग्रवाल ने बताया कि मैं हिंदू धर्म और इसके सिद्धांतों से प्रेरित होकर सनातन धर्म में शामिल हुआ हूं. अब मैं नियमित रूप से पूजा-पाठ और भक्ति भाव से जीवन व्यतीत करूंगा. उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने के लिए स्थानीय क्रिश्चियन गंज स्थित मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की.
मौलवी ने कराया तालाक
शुभम अग्रवाल ने आरोप लगाया कि खानपुरा की एक मस्जिद के मौलवी ने उनकी पत्नी और बेटी को अपनी बातों में फंसा लिया, जिसके कारण उनका तलाक हो गया. उनकी बेटी ने उनके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि मुझे महसूस हुआ कि हिंदू समाज ज्यादा सहायक और दयालु है. मैंने और मेरे बेटे ने इसी सोच के साथ सनातन धर्म अपना लिया. अब हम दोनों इस नए जीवन से खुश हैं, जबकि मेरी बेटी अपनी मां के साथ रह रही है.
मुस्लिम समाज ने नहीं की मदद
शरीफ खान का कहना है कि जब उन्होंने अपने समाज के सदस्यों से मदद की गुहार लगाई, तो कोई भी उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया. उन्होंने कहा कि हमने समाज से उम्मीद की थी कि वे हमारी मदद करेंगे, लेकिन किसी ने हमारा साथ नहीं दिया. इससे हमें यह एहसास हुआ कि समाज में हमारी कोई अहमियत नहीं है.
पंडित ने क्या कहा?
पंडित आनंद पुरोहित ने बताया कि शुभम अग्रवाल और उनके बेटे ने पिछले छह महीनों से लगातार मानसिक परेशानी झेली थी. उन्होंने सनातन धर्म में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी. विधि-विधान से हवन और पूजा के बाद उनकी धर्म वापसी करवाई गई. यह घटना अजमेर में धर्म परिवर्तन के मुद्दे को लेकर चर्चा का विषय बन गई है.