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शादी की तरह लिव-इन के लिए भी रजिस्‍ट्रेशन, आधार होगा जरूरी - क्‍या कहते हैं उत्तराखंड में UCC के नए नियम

उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को अपने अधिकारियों को UCC पोर्टल के बारे में बताने और इसके इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग दी. इस कार्यक्रम में तीन विभाग ने अधिकारी मौजूद रहे. यह 20 जनवरी को समाप्त होने वाला है. इसमें लव मैरिज, लिव-इन रिलेशनशिप संबंधी सभी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.

शादी की तरह लिव-इन के लिए भी रजिस्‍ट्रेशन, आधार होगा जरूरी - क्‍या कहते हैं उत्तराखंड में UCC के नए नियम
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( Image Source:  canva )

New UCC Rules In Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने की तैयारी में है. इसके लिए ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 26 जनवरी 2025 को इसे लागू कर सकते हैं. इसमें लव मैरिज, लिव-इन रिलेशनशिप संबंधी सभी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को अपने अधिकारियों को UCC पोर्टल के बारे में बताने और इसके इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग दी. इस कार्यक्रम में तीन विभाग ने अधिकारी मौजूद रहे. यह 20 जनवरी को समाप्त होने वाला है. यूसीसी पोर्टल पर तीन आवेदकों के लॉग इन करने का ऑप्शन हैं, जिनमें नागरिक, सेवा केंद्र कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं. पोर्टल में साइन अप करने के लिए जरूरी डिटेल भरना पड़ेगा.

UCC पोर्टल पर देनी होगी डिटेल

UCC पोर्टल पर अलग-अलग सेवाओं में शादी के लिए रजिस्ट्रेशन करने की मदद मिलेगी. इस लिस्ट में विवाह पंजीकरण, तलाक और लिव-इन पंजीकरण, लिव-इन संबंधों की समाप्ति, बिना वसीयत के उत्तराधिकार और कानूनी उत्तराधिकारियों की घोषणा, वसीयत उत्तराधिकार, आवेदन खारिज होने की स्थिति में अपील, सूचना तक पहुंच और शिकायत पंजीकरण शामिल हैं. इस पोर्टल पर लॉगइन करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा.

लिव-इन की शिकायत

पोर्टल पर शादी और लिव-इन पर आपत्ति जताने वाला कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकता है. किसी भी तरह की गलत जानकारी के लिए सब-रजिस्ट्रेशन को शिकायतों की जांच का काम सौंपा जाएगा. इस संबंध में ट्रेनर मुकेश ने कहा कि शिकायत करने वाले नागरिकों को भी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इससे गलत सूचनाओं को खत्म करने में मदद मिलेगी. शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, उम्र, राष्ट्रीयता, धर्म, पिछले संबंध की स्थिति और फोन नंबर देना अनिवार्य होता है. अब लिव-इन रिलेशनशिप के लिए भी ऐसी ही जानकारी देनी होगी.

UCC से क्या होगा प्रदेश में बदलाव?

धामी सरकार बहुत जल्द प्रदेश में यूसीसी लागू करने जा रही है. यह नियम कोड शादी, तलाक, मेंटिनेंस, संपत्ति का अधिकार, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है. किसी का कोई भी धर्म जाति क्यों न हो सबके लिए एक समान कानून है यूसीसी. इससे हर धर्म के लोग इन मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के जरिए करते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पॉलीगैमी या बहुविवाह पर भी रोक लगेगी और लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल होगी. यूसीसी के तहत सभी धर्मों के बच्चों को गोद लिया जा सकेगा.

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