लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू की गुत्थी अब भी अनसुलझी! SIT कनेक्शन का पता लगाने में नाकाम, रिपोर्ट में हुए ये खुलासे
लॉरेंस बिश्नोई के जेल इंटरव्यू की रहस्यभरी कहानी आज भी अनसुलझी बनी हुई है. जांच एजेंसी SIT कनेक्शन और तकनीकी पहलुओं की जांच में कई अहम सवालों का जवाब पाने में असमर्थ रही है. हाल की रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं, जो मामले की जटिलता को और बढ़ा देते हैं.

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का जेल से लिया गया इंटरव्यू अब भी रहस्य बना हुआ है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पेश की गई एसआईटी रिपोर्ट ने कई अहम खुलासे किए, लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर इंटरव्यू के दौरान इस्तेमाल हुआ फोन और इंटरनेट कनेक्शन किसका था?
जांच टीम ने माना कि तकनीकी सीमाओं के कारण वह जूम ऐप से जुड़े डिवाइस या नेटवर्क की सही पहचान नहीं कर पाई. इस दौरान कोर्ट में नियुक्त अमिकस क्यूरी (कोर्ट मित्र) तनु बेदी ने एसआईटी की रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणियां दर्ज कराईं. उनकी दलीलों ने न सिर्फ जांच की दिशा पर सवाल उठाए बल्कि नए खुलासे भी सामने रखे.
इंटरव्यू के तकनीकी राज़
बेदी ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी अब तक यह तय करने में असफल रही है कि उस इंटरव्यू के दौरान इस्तेमाल हुआ जूम ऐप किसके मोबाइल या इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ा था. वजह है कि ऐप आईएमईआई ट्रेसिंग की इजाजत ही नहीं देता. यानी तकनीकी तौर पर यह राज़ अब भी अंधेरे में है.
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पत्रकार और बर्खास्त डीएसपी की करीबी
उन्होंने यह भी कहा कि एसआईटी ने जांच का ज्यादा ध्यान तकनीकी पहलुओं की बजाय बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू और एक पत्रकार के बीच संबंधों पर लगाया. दिलचस्प बात यह रही कि इंटरव्यू के वक्त दोनों की मोबाइल टावर लोकेशन एक जैसी मिली और वे लगातार फोन पर भी संपर्क में थे.
जेल से भेजे गए गिफ्ट
सुनवाई में यह खुलासा भी हुआ कि गैंगस्टर रवि राज ने बयान में कहा था कि गुरशेर संधू ने साबरमती जेल से बाहर रहते हुए अपने सहयोगी के जरिए उसके लिए कुछ गिफ्ट भिजवाए थे, जिन्हें आगे चलकर लॉरेंस बिश्नोई तक पहुंचा दिया गया. इस खुलासे ने जांच को और पेचीदा बना दिया.
पुलिस अफसरों की संलिप्तता पर सवाल
तनु बेदी ने साफ किया कि जांच में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से जुड़ा कोई संदिग्ध वित्तीय लेन-देन सामने नहीं आया. दस बर्खास्त पुलिसकर्मियों में से सिर्फ दो पर ही सीधे तौर पर भूमिका निभाने का शक है. गुरशेर सिंह संधू और उनका करीबी एक कॉन्स्टेबल. बाकी आठ अधिकारियों को केवल ड्यूटी की लापरवाही के चलते नौकरी से हटाया गया.
जांच अटकी, कोर्ट की नई तारीख
वहीं, एसआईटी के प्रमुख प्रबोध कुमार ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल जांच ठप पड़ी है. आगे तभी बढ़ेगी जब गुरशेर सिंह संधू खुद शामिल होंगे और जांच में सहयोग करेंगे. इधर, हाई कोर्ट ने यह भी तय किया कि पहले संधू की बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी.अब मामला 16 अक्टूबर 2025 तक टल गया है. उस दिन कोर्ट न सिर्फ एसआईटी रिपोर्ट