फांसी की सजा काट रहा कैदी अस्पताल से भागा, 5 साल की बच्ची का पहले किया था रेप, फिर हत्या कर शव को बेड बॉक्स में छुपाया
मंगलवार रात चंडीगढ़ के सेक्टर-32 स्थित जीएमसीएच अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब फांसी की सजा काट रहा एक कैदी पुलिस को धक्का देकर फरार हो गया. यह कोई आम कैदी नहीं था. उसका नाम सोनू सिंह था. वही सोनू जिसे मार्च 2025 में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी.
चंडीगढ़ से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां फांसी की सजा काट रहा एक कैदी पुलिस को धक्का देकर अस्पताल से भाग गया. यह वही दोषी है जिसने पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की थी. पहले उसका रेप किया, फिर हत्या कर शव को बेड बॉक्स में छिपा दिया था.
इस जघन्य अपराध के लिए अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन अब उसकी फरारी ने पुलिस सुरक्षा और जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
इलाज के लिए लाया गया था अस्पताल
सोनू सिंह को लुधियाना सेंट्रल जेल से इलाज के लिए पंजाब पुलिस चंडीगढ़ लेकर आई थी. लेकिन रात के अंधेरे में वह पुलिस की गिरफ्त से निकल गया. आरोपी ने मौका पाते ही एक कॉन्स्टेबल को धक्का दिया और अस्पताल की बिल्डिंग से बाहर दौड़ पड़ा. इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, वह अंधेरे में गायब हो गया.
पुलिस अलर्ट, ब्रांचों में मची हलचल
घटना की खबर मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस, क्राइम ब्रांच, जिला क्राइम सेल और ऑपरेशन सेल की टीमें सक्रिय हो गईं. सेक्टर-34 थाना क्षेत्र में नाके लगाए गए. आसपास के इलाके में तलाशी शुरू हुई. अब हर तरफ सोनू की तलाश है, पर अब तक उसका सुराग नहीं मिला.
चॉकलेट देने के बहाने किया रेप
यह वही सोनू सिंह है जिसने 28 दिसंबर 2023 को इंसानियत को शर्मसार कर दिया था. चॉकलेट के लालच में पांच साल की बच्ची को घर से बाहर बुलाया. उसे अपने कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी. शव को बेड बॉक्स में छिपाकर फरार हो गया था.
हत्या कर बेड बॉक्स में छुपाई थी लाश
कुछ घंटे बाद बच्ची के लापता होने पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज में सोनू मासूम के साथ दिखाई दिया. जब कमरे का ताला तोड़ा गया, तो बेड बॉक्स से बच्ची का शव बरामद हुआ. डीएनए रिपोर्ट और सबूतों के आधार पर अदालत ने सोनू को फांसी की सज़ा और ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. अब वह अस्पताल से फरारी के बाद दो राज्यों की पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. इंसाफ की प्रतीक्षा कर रही बच्ची की यादें अब एक नए डर में तब्दील हो गई हैं कि कहीं यह दरिंदा फिर किसी मासूम तक न पहुंच जाए.





