1.5 करोड़ कैश और हरमनप्रीत कौर को प्रमोशन, अमनजोत-हरलीन को नौकरी! भगवंत मान सरकार ने किया बड़ा एलान
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्व कप जीत के बाद अब पंजाब सरकार ने राज्य की बेटियों को गर्व से सराबोर कर दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया है कि पंजाब की तीनों खिलाड़ियों हरमनप्रीत कौर, अमनजोत कौर और हरलीन देओल को 1.5 करोड़ रुपये का कैश अवार्ड दिया जाएगा. यह सम्मान उनकी ऐतिहासिक जीत की पहचान है.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व कप जीतने के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. लेकिन पंजाब के लिए यह जीत कुछ खास है, क्योंकि इस टीम में राज्य की तीन बेटियों ने न केवल हिस्सा लिया बल्कि अपने खेल से देश का नाम रोशन किया है.
हरमनप्रीत कौर, अमनजोत कौर और हरलीन देओल, ये तीन नाम अब सिर्फ क्रिकेट के मैदान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पंजाब की नई पहचान बन चुके हैं. अब भगवंत मान की सरकार ने तीनों खिलाड़ियों को को 1.5 करोड़ रुपये का कैश अवार्ड देने का एलान किया है.
मान सरकार देगी खिलाड़ियों को 1.5 करोड़ रुपये
पंजाब सरकार ने खिलाड़ियों की इस शानदार जीत को सलाम करते हुए बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को घोषणा की कि तीनों खिलाड़ियों को राज्य की खेल नीति के तहत 1.5-1.5 करोड़ रुपये का कैश अवार्ड दिया जाएगा. सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है. बताया जा रहा है कि हरमनप्रीत कौर जल्द ही पंजाब लौट सकती हैं, जिसके बाद तीनों खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
नौकरी और प्रमोशन पर भी सरकार का विचार
पंजाब सरकार खिलाड़ियों को केवल आर्थिक इनाम तक सीमित नहीं रखना चाहती. सीएम मान ने संकेत दिया है कि हरमनप्रीत कौर को उनके पद पर प्रमोशन दिया जा सकता है. वहीं अमनजोत और हरलीन को भी सरकारी नौकरी का ऑफर देने की तैयारी है. यह कदम राज्य में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा संकेत है.
खेल और बेटियों दोनों का सम्मान
मुख्यमंत्री ने विश्व कप जीत के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तीनों खिलाड़ियों से बात की थी. उन्होंने कहा था कि विश्व कप ट्रॉफी पंजाब की धरती पर जरूर आएगी. मान ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे खुद बीसीसीआई से इस संबंध में बात करेंगे. पंजाब सरकार का यह कदम न सिर्फ खेल भावना का सम्मान है, बल्कि उन बेटियों के संघर्ष और मेहनत की सराहना भी है, जिन्होंने क्रिकेट के मैदान पर भारत का तिरंगा ऊंचा किया. यह पहल आने वाली पीढ़ियों को भी यह संदेश देती है कि अगर हौसला मजबूत हो तो पंजाब की मिट्टी से निकलकर कोई भी बेटी दुनिया फतह कर सकती है.





