एक सप्ताह के अंदर 2 SSP सस्पेंड... गैंगस्टर्स के खिलाफ एक्शन न लेना पड़ा भारी, उपचुनाव से क्या है कनेक्शन?
अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह को पंजाब सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद ये कार्रवाई देखने को मिली है. एक सप्ताह के अंदर 2 SSP सस्पेंड हो चुके हैं.
तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद पंजाब सरकार ने अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह को कथित तौर पर उनके काम के प्रति लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. एक सप्ताह के अंदर ये दूसरी बार है जब किसी एसएसपी को सस्पेंड किया गया हो.
सूत्रों के मुताबिक एसएसपी मनिंदर सिंह पर आरोप लगा है कि उनके जिले में कई गैंगस्टर सक्रिय है और एसएसपी द्वारा उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते उनको पंजाब सरकार ने सस्पेंड करने का फैसला किया.
8 नवंबर को SSP रवजोत कौर ग्रेवाल हुईं थीं सस्पेंड
भारतीय चुनाव आयोग ने 8 नवंबर को तरतारन जिले की एसएसपी डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल को सस्पेंड कर दिया था. रवजोत कौर ने सितंबर 2025 में अपना कार्यभार संभाला था. रवजोत कौर पर आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान पक्षपात और पुलिस बल के दुरुपयोग का आरोप लगा था, जिसके चलते उनको सस्पेंड कर दिया गया था.
सुखबीर सिंह बादल ने दर्ज कराई थी शिकायत
दरअसल डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल के खिलाफ अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. सुखबीर सिंह बादल का कहना था कि एसएसपी रवजोत कौर ने अकाली दल के नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ उनके अभियान और रैलियों को विफल करने के लिए झूठी एफआईआर दर्ज कराईं. शिकायतों में नशा विरोधी अभियान, संगठित अपराध, चोरी, जबरन वसूली और हथियार रखने के आरोप में तीन अकाली दल कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी शामिल थी.
इतना ही नहीं अकाली दल ने एसएसपी रवजोत कौर पर ये भी आरोप लगाया कि अज्ञात व्यक्तियों ने पुलिस अधिकारी बनकर आम आदमी पार्टी के पक्ष में लोगों को निशाना बनाया और उन्हें हिरासत में लिया. जिसके बाद चुनाव आयोग एक्शन में आया और रवजोत कौर को सस्पेंड कर दिया गया. बाद में चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद सुरिंदर लांबा को तरनतारन का नया एसएसपी बनाया गया.
तरनतारन उपचुनाव में AAP की जीत
तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी अपनी सीट बचाने में कामयाब रही. इस सीट पर आम आदमी पार्टी और अकाली दल के बीच टक्कर देखने को मिली थी. लेकिन अंत में जीत 'आप' की झोली में आई.





