अमृतपाल सिंह को पैरोल देने से पंजाब सरकार ने क्यों किया इनकार? एजेंसियों ने दी थी ये चेतावनी
पंजाब सरकार ने खडूर साहिब से सांसद और एनएसए के तहत जेल में बंद अमृतपाल सिंह को पैरोल देने से साफ इनकार कर दिया था. दरअसल अमृतपाल सिंह ने शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए पैरोल मांगी थी, लेकिन इसको लेकर जांच एजेंसियों ने सरकार को चेतावनी दी.
पंजाब सरकार ने खडूर साहिब से सांसद और एनएसए के तहत जेल में बंद अमृतपाल सिंह को शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए पैरोल देने से इंकार कर दिया है. अमृतपाल ने 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विशेष अनुमति की मांग की थी. हालांकि राज्य सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टों व संभावित कानून-व्यवस्था संबंधी जोखिमों को देखते हुए इस मांग को खारिज कर दिया.
यह फैसला उस समय आया है जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में दाखिल एक याचिका को खारिज करते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर पैरोल संबंधी निर्णय करने का निर्देश दिया था. अब सरकार ने सभी पुलिस और जिला स्तर की रिपोर्टों का अध्ययन करने के बाद स्पष्ट रूप से पैरोल न देने का निर्णय लिया है.
कानून-व्यवस्था को लेकर एजेंसियों की चेतावनी
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस द्वारा गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में अमृतपाल सिंह की रिहाई को कानून-व्यवस्था के लिए संभावित खतरा बताया गया. अधिकारियों को आशंका थी कि उनकी रिहाई के बाद राज्य में अशांति या संवेदनशील इलाके प्रभावित हो सकते हैं. इन रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने निष्कर्ष निकाला कि इस समय पैरोल देना सुरक्षा नजरिए से सही नहीं है.
सरकार औपचारिक रूप से करेगी सूचित
पंजाब सरकार ने कहा है कि यह निर्णय आधिकारिक रूप से लोकसभा अध्यक्ष और अमृतपाल सिंह दोनों को भेजा जाएगा. सरकार की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि ये फैसला सुरक्षा मूल्यांकन के आधार पर लिया गया है, न कि राजनीतिक वजहों से.
NSA के तहत जेल में बंद अमृतपाल सिंह
32 वर्षीय अमृतपाल सिंह जून 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. 10 नवंबर को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संसद में भाग लेने के लिए राहत मांगी थी और एनएसए की धारा 15 का हवाला दिया था, जिसके तहत असाधारण परिस्थितियों में बंदी को पैरोल दी जा सकती है.
अमृतपाल सिंह ने मई 2024 के लोकसभा चुनावों में खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर लगभग 4 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. जुलाई 2024 में उन्हें सांसद पद की शपथ लेने के लिए चार दिन की पैरोल भी मिली थी, लेकिन उन्होंने अब तक लोकसभा के किसी भी सत्र में हिस्सा नहीं लिया है.





