70 की उम्र में ऐसा भद्दा मजाक! राहुल-प्रियंका पर कैलाश विजयवर्गीय के विवादित बोल, कांग्रेस बोली- भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का...
हाल ही में मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर विवादित बयान दिया जिससे कांग्रेस के कई नेता नाराज हुए. उन्होंने अपने बयान में कहा कि हमारी परंपराएं हमें यह सब करने की इजाज़त नहीं देती. अपने घर में कोई चाहे तो करे, लेकिन सार्वजनिक रूप से नहीं.

मध्य प्रदेश की राजनीति इन दिनों एक अलग ही बहस के केंद्र में है. मामला सिर्फ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और नेताओं की भाषा तक पहुंच गया है. दरअसल, कुछ दिन पहले शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल और प्रियंका के आपसी रिश्ते पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भाई-बहन के बीच सार्वजनिक रूप से इस तरह के 'प्यार-दुलार' का प्रदर्शन भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है. इस बयान के बाद विवाद बढ़ा और अब उनके ही कैबिनेट सहयोगी विजय शाह ने खुले मंच से न सिर्फ विजयवर्गीय का बचाव किया बल्कि उनकी बातों को और भी कठोर शब्दों में दोहराया.
शाह ने खंडवा की एक सभा में कहा, 'यह हमारी संस्कृति नहीं है. हमारी परंपराएं हमें यह सब करने की इजाज़त नहीं देती. अपने घर में कोई चाहे तो करे, लेकिन सार्वजनिक रूप से नहीं.' यह कहते हुए उन्होंने अपनी महिला सहयोगी विधायक कंचन तनवे का उदाहरण दिया और कहा, 'वह मेरी बहन हैं, तो क्या मैं मंच पर उन्हें चूमूंगा? भारतीय संस्कृति हमें ऐसा नहीं सिखाती.'
विवादित बयान के बाद सफाई
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'मैं किसी रिश्ते की पवित्रता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. सभी रिश्ते पवित्र होते हैं... हालांकि, एक सीमा होती है, और मैं उसी का जिक्र कर रहा हूं. मैंने जो कहा है वह यह है कि विदेशों में ऐसा होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं होता... अगर आपने मेरा पूरा भाषण सुना होता, तो यह सवाल ही नहीं उठता। मैंने केवल विदेशी संस्कृति और भारतीय संस्कृति के बारे में बात की थी....'
विवादित बयान के बाद सफाई
पुराने विवाद भी आए सामने
विजय शाह का नाम विवादों से नया नहीं है. कुछ महीने पहले 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उन्होंने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. बयान पर मचे बवाल के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी. अब एक बार फिर उनकी टिप्पणी ने कांग्रेस को हमला करने का मौका दे दिया है. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा के मंत्री लगातार महिलाओं और संस्कृति को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन पार्टी उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती.
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के वरिष्ठ मंत्री बार-बार अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं और संगठन चुप रहता है.' प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो इसे सीधा भाजपा की राजनीति और नेतृत्व की हताशा से जोड़ दिया. उन्होंने कहा, '70 साल की उम्र में कैलाश विजयवर्गीय ऐसे बयान देकर न सिर्फ भारतीय संस्कृति का अपमान कर रहे हैं, बल्कि महिलाओं और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का भी मज़ाक बना रहे हैं.' पटवारी ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि सत्ता के लालच में सांस्कृतिक मूल्यों का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह किया जा रहा है.
बड़ा होता तूफान
अब जबकि विजय शाह ने विजयवर्गीय का समर्थन कर दिया है, यह विवाद और गहरा गया है. भाजपा पर आरोप है कि वह नेताओं की जुबान पर लगाम लगाने में नाकाम रही है. वहीं विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाकर जनता के सामने पेश कर रहा है कि कैसे सत्ता पाने के लिए नेता संस्कृति और परंपरा को तोड़-मरोड़ कर इस्तेमाल करते हैं.