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'तारीख बताओ, उठा लेंगे...प्रेग्नेंट महिला की अपील पर सांसद का विवादित बयान, रील के जरिए की गांव में सड़क बनवाने की डिमांड

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें गर्भवती लीला साहू भाजपा सरकार से अपने गांव में सड़क बनवाने की डिमांड रखती है. लेकिन उसे भाजपा सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह विवादित बयान में जवाब दिया। उन्होंने सुविधा देने से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे पास बजट नहीं है.

तारीख बताओ, उठा लेंगे...प्रेग्नेंट महिला की अपील पर सांसद का विवादित बयान, रील के जरिए की गांव में सड़क बनवाने की डिमांड
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( Image Source:  X : @NAINAYADAV_06 )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 12 July 2025 9:09 AM IST

मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले की एक नौ महीने की गर्भवती महिला लीला साहू इन दिनों सुर्खियों में हैं. वजह है उनके गांव की बदहाल, कीचड़ से लथपथ और बरसात में जानलेवा हो जाने वाली सड़क. लीला कोई राजनेता नहीं, कोई सेलिब्रिटी नहीं, बस एक आम महिला हैं जो मां बनने के बेहद नाज़ुक मोड़ पर हैं. लेकिन उन्होंने जो सवाल उठाया है, वो सीधे सत्ता की नींव तक पहुंचता है.

लीला साहू ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें वह अपने गांव की जर्जर सड़कें दिखाते हुए कहती हैं, 'मैं प्रेग्नेंट हूं, मेरी डिलीवरी कभी भी हो सकती है, लेकिन जिस रास्ते से अस्पताल जाना है, वो रास्ता नहीं, खतरे की गलियों जैसा है.' लीला का यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया और लोगों की भावनाओं को झकझोर गया. लेकिन वहीं दूसरी ओर, सत्ता में बैठे नेताओं की प्रतिक्रिया ने जनता को और भी ज़्यादा विचलित कर दिया.

हैरान कर देगा नेता जी का बयान

भाजपा सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने जो बयान दिए, वो किसी संवेदनशील लोकतांत्रिक व्यवस्था की झलक नहीं, बल्कि एक असंवेदनशील सत्ता का चेहरा दिखा गए. सांसद मिश्रा ने लीला से कहा, 'तारीख बताओ, हम तुम्हें उठा लेंगे.' वहीं मंत्री राकेश सिंह ने तीखे लहजे में कहा, 'अगर हर कोई सोशल मीडिया पर पोस्ट करेगा तो क्या हम हर मांग पर सीमेंट और डंपर लेकर पहुंच जाएं? विभाग के पास इतना बजट नहीं होता.' नेताओं के इन बयानों ने केवल लीला को ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश को उत्तेजित कर दिया. प्रदेश की जनता ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है, क्या आम नागरिक की आवाज़ अब सोशल मीडिया पर भी मज़ाक बनकर रह गई है?.

डबल इंजन सरकार से थी गांव में सड़क बनने की उम्मीद

लीला कोई पहली बार आवाज़ नहीं उठा रही थी, वह पिछले एक साल से सड़क की मांग कर रही हैं, अधिकारियों को पत्र लिख चुकी हैं, जनप्रतिनिधियों से मिल चुकी हैं, पर हर बार उन्हें सिर्फ़ आश्वासन मिला, और अब मजाक. लीला कहती हैं, 'मैंने भाजपा को वोट दिया, उम्मीद थी कि डबल इंजन सरकार हमारे गांव को मुख्यधारा से जोड़ेगी, लेकिन हमें केवल बहाने और तंज मिले.' उन्होंने अपने वीडियो में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अपील की- कृपया मेरे गांव की सड़क बनवाइए, ताकि मेरी और मेरे बच्चे की जान सलामत रह सके.'

सड़क कोई विश्वकर्मा नहीं बनाते

इस अपील के जवाब में आए सांसद मिश्रा का बयान और भी चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा, 'सड़क बनने में समय लगता है. खाम वाली सड़क 10 साल से बन रही है, थोड़ा बहुत काम बचा है. जंगल की वजह से दिक्कतें आती हैं. सड़क कोई विश्वकर्मा नहीं बनाते कि हाथ फैलाया और चमत्कार हो गया.' उन्होंने आगे कहा, 'रामायण में देखा था कि विश्वकर्मा ने नगरी बना दी थी, लेकिन असल ज़िंदगी में ऐसा नहीं होता.' इस बयान के बाद, सांसद मिश्रा ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वह अब एक गर्भवती महिला को मोहरा बना रही है.' उन्होंने कहा, 'मुझे कांग्रेस पर तरस आता है.'

सुरक्षा और सुविधा हर सरकार की जिम्मेदारी

मंत्री राकेश सिंह ने भी लीला की अपील को खारिज करते हुए कहा कि किसी एक वीडियो पर सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती, और इस आधार पर हर गांव में सड़क नहीं बन सकती. हर गांव में कोई वीडियो बना ले, तो क्या हम सबकी मांगे तुरंत मान लें?. इन बयानों के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ये बयान केवल असंवेदनशील नहीं, बल्कि क्रूर हैं. जब एक महिला प्रसव जैसे गंभीर दौर से गुज़र रही हो, तब उसकी सुरक्षा और सुविधा की चिंता होना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.'

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