राजधानी भोपाल से दो कदम आगे इंदौर! 'Z Shape' ब्रिज का कर रहा निर्माण, लोग बोले - ड्राइविंग लासेंस चाहिए तो...
Indore News: इंदौर में बनने वाले Z आकार की पहली झलक देखकर ही लोग हैरान हो गए हैं. यह ब्रिज पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) की देखरेश में बनाया जा रहा है. यह ब्रिज रेलवे लाइन को पार करने के लिए बनाया गया है. स्पेस की समस्या की वजह से Z आकार का डिजाइन बनाया गया है.

Indore News: हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 90 डिग्री का ब्रिज का निर्माण हुआ. इस ब्रिज की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी. अब इंदौर ने भोपाल से भी आगे निकल गया है और Z आकार का सुंदर ओवरब्रिज बनाया जा रहा है. यह एक रेलवे ओवरब्रिज है, जो दिखने में अंग्रेजी के अक्षर 'Z' के साइज का नजर आता है.
इंदौर के 'Z' ब्रिज की झलक सामने आई है. इसमें दो-दो 90 डिग्री एंगल है, जिसे लोग ये चमत्कारी डिजाइन बता रहे हैं. इसके निर्माण से ट्रैफिक कम होगा और लोगों को घंटों जाम में फंसना नहीं पड़ेगा. हालांकि इसको लेकर कुछ चिंता भी जताई गई है.
इंदौर ने मारी बाजी
इंदौर में बनने वाले Z आकार की पहली झलक देखकर ही लोग हैरान हो गए हैं. यह ब्रिज पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) की देखरेश में बनाया जा रहा है. इसके बारे में PWD ने कहा कि डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है. यह ब्रिज रेलवे लाइन को पार करने के लिए बनाया गया है. स्पेस की समस्या की वजह से Z आकार का डिजाइन बनाया गया है.
सोशल मीडिया पर उस Z ब्रिज की खूब चर्चा हो रही है. यूजर्स इसे अलग-अलग नाम दे रहे हैं. जैसे जिग-जैग, ड्राइविंग स्कूल का टेस्ट ट्रैक भी कहा जा रहा है. एक ने कहा कि अगर इंदौर में ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए तो इस Z टेस्ट को पास करना होगा. ऐसे ही कई मीम्स देखने को मिल रहे हैं.
ब्रिज को लेकर क्या है समस्या?
इंदौर का Z ब्रिज एक और अपने डिजाइन को लेकर चर्चा में है. वहीं दूसरी ओर इसको लेकर चिंता भी जताई गई है. दरअसल ब्रिज का दूसरा एंगल रेलवे माल गोदाम एरिया की तरफ है. एक ट्रक ड्राइवर ने NDTV को बताया कि इस एंगल पर अगर हमारे ट्रक माल भरकर चढ़ते हैं तो एक्सीडेंट की जिम्मेदारी कौन लेगा. इसके लिए तो सरकार ही जिम्मेदार होगी न.
Z ब्रिज की खासियत
इंदौर के पोलोग्राउंड में बन रही रेलवे ओवरब्रिज (RoB) को अंग्रेजी अक्षर 'Z' के आकार में डिजाइन कर रहा है, जिसमें दो 90° मोड़ शामिल हैं- एक लक्स्मीनगर से और दूसरा MR‑4 की ओर है. भारी वाहनों के लिए इन मोड़ों से बचना मुश्किल होगा, जिससे दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम की संभावना बढ़ सकती है. PWD पुल सेल की इंजीनियर गुरमीत कौर भाटिया ने बताया कि डिजाइन पहले देखा जा रहा है. मोड़ का रेडियस 20 मीटर रखा गया है, तथा सुपिर Elevation और गति सीमा 20 km/h पर आधारित है.