बारिश से 'फुलेरा गांव' का बुरा हाल! जानें पंचायत वेब सीरीज में दिखने वाले MP के महोड़िया का हाल | VIDEO
Panchayat Series Phulera Village: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का महोड़िया गांव में भारी बारिश के जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है. गांव के पंचायत भवन के सामने कीचड़ पड़ा हुआ है. ये वही गांव का जहां पंचायत वेब सीरीज के तीनों सीरीज के फुलेरा गांव को दिखाया गया था.

Panchayat Series Phulera Village: अमेजन प्राइम की पंचायत वेब सीरीज के 4 सीजन आ गए हैं और चारों की सुपरहिट रहे. सीरीज में फुलेरा गांव की कहानी और वहां की राजनीति के बारे में बताया गया है. लेकिन असल में फुलरा गांव बारिश के बाद पानी में डूबा नजर आ रहा है. कैमरे में जितना खूबसूरत दिखता हकीकत में गांव के हालत बहुत खराब हैं.
पंचायत में जिस फुलेरा गांव को दिखाया जाता है. दरअसल वो असल में मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का महोड़िया गांव का मानसून के आने के बाद से यहां के बहुत बुरी स्थिति है. पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे पंचायत भवन का इलाका कीचड़ में बदल गया है.
बारिश के बाद गांव के हालत
सोशल मीडिया पर महोड़िया गांव पंचायत भवन की पुरानी और अब की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. ये तस्वीरें प्रशासन के झूठे दावों की पोल खोलती है. पंचायत सीरीज में जो गांव साफ-सुथरा दिखता है असल में वहां के लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है. पंचायत भवन के सामने कीचड़ और गंदगी देखने को मिल रही है. सीरीज में चमकरने वाला फुलेरा सच में विकास के रूप में कितना पीछे है. गांव वालों ने कहा कि वेब सीरीज से हमारे गांव को काफी पहचान मिली और दूरी-दूर तक चर्चा होती है. लेकिन टीम ने कुछ काम नहीं किया ये सब महोड़िया गांव की पंचायत ने किया है.
हालात को देखकर उठे सवाल
पंचायत वेब सीरीज में दिखाए गए गांव को यूपी के बलिया जिले का फुलेरा गांव के रूप में दिखाया गया है. हालांकि इसकी शूटिंग एमपी के महोड़िया गांव में हुई है. सीरीज के चारों पार्ट की शूटिंग यही हुई है. इंटरनेट पर गांव के पंचायत भवन की फोटो सामने आई है, जहां कीचड़ ही कीचड़ देखने को मिल रहा है.
मेकर्स पर भड़के यूजर्स
बारिश से फुलेरा गांव से हुई हालत को देखकर यूजर्स ने मेकर्स को ट्रोल करना शुरू कर दिया. एक ने लिखा, पंचायत सीरीज के मेकर्स को तो कम से कम गांव का जायजा लेना चाहिए. दूसरे ने कहा, यही कारण है कि प्रधान जी हार गए. किसी ने कहा, प्रशासन और मेकर्स दोनों को मिलकर गांव वालों की मदद करनी चाहिए.