MP Police Training में गीता पाठ पर महाभारत! मुस्लिमों ने की कुरान की मांग, कांग्रेस बोली- पुलिस का भगवाकरण- VIDEO
मध्य प्रदेश पुलिस ट्रेनिंग में गीता पाठ को लेकर सियासी बवाल मच गया है. कांग्रेस ने इसे पुलिस का ‘भगवाकरण’ बताया, तो कुछ मुस्लिम संगठनों ने कुरान पाठ की मांग उठाई. एडीजीपी राजा बाबू सिंह के निर्देश पर पुलिस रिक्रूट्स से हर रात गीता का एक अध्याय पढ़वाया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में पुलिस ट्रेनिंग विंग के हालिया आदेश ने सियासी माहौल गर्मा दिया है. आदेश के अनुसार, अब पुलिस के प्रशिक्षुओं को हर रात ध्यान (मेडिटेशन) सत्र से पहले ‘श्रीमद्भगवद गीता’ का एक अध्याय पढ़ना अनिवार्य किया गया है. इस निर्देश पर विपक्षी कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे पुलिस बल के “भगवाकरण” की कोशिश बताया है, जबकि बीजेपी का कहना है कि यह कदम नैतिकता और आत्मसंयम सिखाने वाला है.
यह निर्देश एडीजी (ट्रेनिंग) राजा बाबू सिंह द्वारा जारी किया गया है, जिन्होंने सभी आठ पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों को पत्र भेजकर कहा है कि "मार्गशीर्ष माह श्रीकृष्ण का महीना होता है, अतः इस पवित्र महीने में पुलिस के प्रशिक्षु हर रात ध्यान से पहले गीता का एक अध्याय पढ़ें."
'गीता' से पुलिस कर्मियों को धर्म, नीति और संयम सिखाने की पहल
NDTV से बात करते हुए राजा बाबू ने कहा कि 'गीता जीवन का मार्ग दिखाती है और धर्मयुक्त आचरण सिखाती है. अगर पुलिसकर्मी इसके सिद्धांतों को आत्मसात करेंगे, तो वे अधिक अनुशासित और जिम्मेदार बनेंगे.” उन्होंने बताया कि अपने पिछले कार्यकाल में भी उन्होंने जेलों में बंद कैदियों को गीता की प्रतियां बांटी थीं और वहां भी गीता पाठ सत्र शुरू किए थे. इससे पहले उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में तुलसीदास की ‘रामचरितमानस’ की चौपाइयां पढ़वाने का भी अभियान चलाया था.
कांग्रेस का आरोप– 'यह असंवैधानिक और भगवाकरण की शुरुआत'
कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने इस निर्देश को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि “यह असंवैधानिक कदम है. हर व्यक्ति को अपने धर्म और आस्था का अधिकार है. पुलिस बल को किसी एक धार्मिक विचारधारा की ओर मोड़ना गलत है. यह आरएसएस-प्रेरित एजेंडा है.” गुप्ता ने आगे कहा कि इस तरह के आदेश से राज्य की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठता है और सरकार को तुरंत इसे वापस लेना चाहिए.
बीजेपी का पलटवार– “गीता को सांप्रदायिक बताने वालों की भारतीयता संदिग्ध”
बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि“अगर कोई ‘श्रीमद्भगवद गीता’ को सांप्रदायिक मानता है, तो उसकी भारतीयता पर ही शक होता है. गीता किसी धर्म की नहीं, बल्कि दर्शन और कर्तव्य की किताब है.” उन्होंने कहा कि इसमें किसी पर भी गीता पढ़ने का दबाव नहीं है, बल्कि यह नैतिक अनुशासन और समाज सुधार का प्रयास है. “अगर इससे पुलिस और समाज बेहतर बनता है, तो इसमें बुराई क्या है?” उन्होंने जोड़ा.
पुलिस करेगी ‘हार्टफुलनेस मेडिटेशन’ सेशन
गीता पाठ के साथ अब पुलिस विभाग तीन दिवसीय ध्यान सत्र (Heartfulness Meditation) भी आयोजित करेगा. यह कार्यक्रम 19 से 21 दिसंबर तक चलेगा, जो वर्ल्ड मेडिटेशन डे (21 दिसंबर) के अवसर पर आयोजित होगा. यह सत्र भोपाल के अपर लेक, इंदौर के राजवाड़ा, जबलपुर के धुआंधार फॉल्स, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और खजुराहो मंदिर परिसर जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर होंगे.
एडीजी राजा बाबू सिंह ने कहा कि “इस पहल का उद्देश्य ध्यान को प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान से जोड़ना है.” कार्यक्रम में 76 प्रशिक्षित पुलिस प्रशिक्षकों की टीम भाग लेगी और यह जनता के लिए भी खुला रहेगा.





