कौन हैं IAS संतोष वर्मा? ब्राह्मण बेटी पर विवादित बयान से मचा बवाल, कार्रवाई की उठी मांग
मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी संतोष वर्मा ने अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रांतीय अधिवेशन में आरक्षण पर बयान देते हुए ‘ब्राह्मण की बेटी’ को लेकर विवादित टिप्पणी की है. वीडियो वायरल होने के बाद ब्राह्मण संगठनों और राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. जानें पूरा मामला और उनका प्रोफाइल.
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ IAS अधिकारी संतोष वर्मा इन दिनों अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. अजाक्स के एक कार्यक्रम में उन्होंने आरक्षण और जाति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आरक्षण तब तक चले जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में न दे. यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. ब्राह्मण संगठनों, कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक समूहों ने इसे जातिगत टिप्पणी बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं, संतोष वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है और उद्देश्य जातिवाद के खिलाफ संदेश देना था.
आईएएस संतोष वर्मा का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. उनका बयान सामने आने के बाद ब्राह्मण समाज ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बयान के बाद ब्राह्मण समाज में बहुत नाराजगी है और माफी या सफाई की मांग उठी है.
क्या कहा था?
एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने कहा है कि 'आरक्षण तब तक जारी रहे जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी उनके बेटे को दान ना कर दे या उससे संबंध ना बनाए.' संतोष वर्मा ने यह टिप्पणी अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रांतीय अधिवेशन में 23 नवंबर को यह टिप्पणी की थी.
खत्म कर दीजिए जाति, हम छोड़ देंगे आरक्षण
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को वायरल वीडियो में मंच से कह रहे हैं, "मैं तब तक यह नहीं मानूंगा कि एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना कर दे या उसका उससे संबंध नहीं बनाए. केवल आर्थिक आधार की बात है तो- जब तक यह रोटी-बेटी का व्यवहार ना होता, तब तक हमको समाज के पिछड़ेपन, सामाजिक पिछड़ेपन के कारण आरक्षण की पात्रता मिलती रहेगी. आप खत्म कर दीजिए जाति, हमें नहीं चाहिए आरक्षण."
MP सरकार से कार्रवाई की मांग
आईएएस अधिकारी के बयान से ब्राह्मण और सवर्ण संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है और सरकार से कार्रवाई की मांग की है. ब्राह्मण सभा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र व्यास ने कहा कि यह तुच्छ सोच है. उन्होंने कहा कि इस तरह की मानसिकता वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
कौन हैं संतोष वर्मा?
संतोष कुमार वर्मा मध्य प्रदेश कैडर के 2012 के बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग में उप सचिव पद पर कार्यरत हैं. हाल ही में उन्हें अजाक्स का प्रांतीय प्रमुख भी चुना गया है. वह संघ के सामाजिक न्याय और पिछड़े तबकों के अधिकारों को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कोर्ट ऑर्डर बनाकर IAS में प्रमोशन हासिल किया था. जांच में पाया गया कि उन्होंने एक्विटल ऑर्डर की फर्जी प्रतियां पेश की थीं. इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उन्हें IPC की विभिन्न धाराओं जैसे धोखाधड़ी, जालसाजी में गिरफ्तार किया था.
हाल ही में उन्होंने ब्राह्मण समाज को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा था कि आरक्षण तब तक चले जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में न दे या उनके बेटे से संबंध न बनाए. बाद में संतोष वर्मा ने अपना बयान स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका असल उद्देश्य जातिगत विभाजन को मिटाना है और उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का हवाला दिया. उनके आरक्षण-संबंधित बयान ने सामाजिक संवेदनशीलता और जातिगत विभाजन को फिर से बहस में ला दिया है.





