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गोल्डी–लॉरेंस की टूटी यारी, झारखंड में होती है पाकिस्तानी ड्रोन से आर्म्स की तस्करी, गैंगस्टर मयंक सिंह ने खोले कई राज़

झारखंड पुलिस और एटीएस के हत्थे चढ़ा सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह सिर्फ एक अपराधी नहीं बल्कि अपराध की दुनिया का वह कड़ी है जिसने भारत और विदेशों के गैंगस्टरों को जोड़े रखा. अजरबैजान से प्रत्यर्पण के बाद जैसे ही मयंक से पूछताछ शुरू हुई, उसने ऐसे-ऐसे खुलासे किए कि जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए

गोल्डी–लॉरेंस की टूटी यारी, झारखंड में होती है पाकिस्तानी ड्रोन से आर्म्स की तस्करी, गैंगस्टर मयंक सिंह ने खोले कई राज़
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 6 Sept 2025 10:17 AM IST

झारखंड पुलिस और एटीएस के हत्थे चढ़ा सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह सिर्फ एक आम अपराधी नहीं है, बल्कि वह अपराध जगत का वह धागा है जिसने भारत के गैंगस्टरों को विदेशों के अंडरवर्ल्ड से जोड़ रखा था. अज़रबैजान से प्रत्यर्पण के बाद जब उससे पूछताछ शुरू हुई तो उसने ऐसे कई राज खोले.

मयंक ने बताया कि अब गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई की दोस्ती टूट चुकी है. वहीं, झारखंड में पाकिस्तानी ड्रोन से हथियार भेजे जाते हैं. विदेश में बैठकर सब कुछ ऑपरेट किया जा रहा है. चलिए जानते हैं गैंगस्टर के चौंकाने वाले खुलासों के बारे में.

लॉरेंस और गोल्डी से रिश्तों की पोल

मयंक सिंह ने पूछताछ में कबूल किया कि वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से लंबे समय से जुड़ा रहा है. उसने बताया कि लॉरेंस का भाई अनमोल इस वक्त अमेरिका की जेल में बंद है जबकि कुख्यात गोल्डी बरार वहीं बैठकर पूरे नेटवर्क को चला रहा है. मयंक ने यह भी कहा कि अब गोल्डी और लॉरेंस की राहें अलग हो चुकी हैं, लेकिन दोनों के बीच संपर्क बनाए रखने का काम उसके जैसे लोग ही करते थे. हवाला से पैसों का लेनदेन हो या विदेशों से हथियारों की खरीद, इन सबकी जिम्मेदारी उसी के पास थी.

पाकिस्तान से पंजाब तक ड्रोन का रास्ता

सबसे बड़ा खुलासा मयंक ने पंजाब के रास्ते होने वाली तस्करी पर किया. उसने बताया कि पाकिस्तान से तरणताल, अमृतसर और फिरोजपुर की सीमाओं पर ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेजे जाते हैं. पाकिस्तान के शाहबाज भट्टी जैसे आर्म्स तस्कर इन हथियारों की सप्लाई करते हैं. पंजाब के स्थानीय गैंग इन हथियारों को भारत में अलग-अलग राज्यों के अपराधियों तक पहुंचाते हैं. इसके बाद पैसों का जाल शुरू होता है जो हवाला नेटवर्क से होते हुए यूरोप तक फैल जाता है.

हवाला और ‘पाक पंजाब रेस्तरां’ का लिंक

पूछताछ में सामने आया कि यूरोप में बैठे आधा दर्जन से ज्यादा लोग हवाला के जरिए करोड़ों की रकम इकट्ठा करते हैं. यह रकम क्वालालंपुर स्थित ‘पाक पंजाब रेस्तरां’ तक पहुंचाई जाती है. वहां से पैसा सीधे पाकिस्तानी हथियार सप्लायरों के पास जाता है. यानी सीमा पर आने वाली एक-एक गोली और राइफल के पीछे पैसों का यह पूरा गोलचक्कर सक्रिय है.

अमन साहू और झारखंड कनेक्शन

झारखंड में सक्रिय अपराधी अमन साहू ने भी मयंक के जरिए लॉरेंस, गोल्डी और रोहित गोदारा से संपर्क साधा था. मयंक ही पैसों और हथियारों की सप्लाई का मैनेजर था. इसी वजह से झारखंड में भी पाकिस्तान से आए हथियारों का इस्तेमाल हुआ. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने साफ कहा है कि अमन साहू गैंग के पास से मिले हथियारों के पाकिस्तानी कनेक्शन की पुष्टि हो चुकी है. अब पंजाब, हरियाणा, यूपी और अन्य राज्यों की पुलिस मिलकर इस नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश करेगी.

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