इस गांव के लड़कों को नहीं मिल रही दुल्हन, अब लोगों ने निकाला ये फरमान
झारखंड का एक ऐसा गांव है, जहां के लड़कों की शादी नहीं हो रही है. इसके कारण वह बूढ़े हो रहे हैं. अब ऐसे में गांव वालों ने एक फरमान जारी किया है, जहां नेताओं की एंट्री बैन कर दी है. यह गांव आजादी के 77 साल बाद भी बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहा है.

झारखंड के चतरा जिले के लोगों ने अपने गांव में नेताओं की एंट्री पर बैन लगा दिया है. यहां के लोगों का कहना है कि सरकार और नेताओं के कारण गांव में लड़कों की शादी में बाधा आ रही है. यह मामला सिमरिया प्रखंड के देवकीटांड गांव का है, जो नक्सल प्रभावित है. आज भी यह गांव विकास की राह से कोसों दूर है. ऐसे में ग्रामीणों ने खुद गांव के उधार के लिए कदम उठाया है.
जहां स्थानीय लोगों ने अनाज बेचकर खुद सड़क बनाई है. कच्ची सड़क बनने के बावजूद भी ग्रामीणों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यहां पुलिया नहीं है. इसके चलते लोग नदी पार कर गांव के बाहर जाने के लिए मजबूर हैं. चलिए जानते हैं आखिर क्या है मामला?
मंजूरी मिलने के बाद भी नहीं बनी सड़क
इस पर हसीब अंसारी का कहना है कि उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत को शिकायत की है, जहां एक बार नहीं बल्कि कई बार पक्की सड़क बनाने के लिए मंजूरी मिली है. लेकिन इसके बावजूद सड़क और पुल का सपना अधूरा है. स्थानीय लोग खुद चंदा जमा करके कच्ची सड़क को ठीक करवाते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में सड़क की हालत खराब हो जाती है और नदी पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है.
मूल सुविधाओं से वंचित लोग
इस गांव में लगभग 200 लोग रहते हैं. इस गांव में केवल सड़क के अलावा अस्पताल भी नहीं है. इस गांव के लोग आज भी मूल सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसे में खुद सोचिए आजादी 77 साल पूरे होने के बाद बावजूद लोग इस हालात में जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं.
लड़कों की नहीं हो रही शादी
सड़क की कमी के चलते न सिर्फ आवाजाही में परेशानी आ रही है बल्कि इसके चलते लड़कों की जिंदगी पर भी असर पड़ रहा है. दरअसल सड़क न होने के कारण लड़कों की शादी नहीं हो रही है. लड़की वालों का कहना है कि जिस गांव में सड़क नहीं है, वहां हम अपनी बेटी की शादी कैसे कर दें.