दिल्ली में बाढ़ का कहर: सरकार के 'दरवाजे' तक पहुंचा यमुना का पानी, 7500 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हुए शिफ्ट | Video
दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर पार कर चुका है. लोहा पुल बंद, 54 ट्रेनें कैंसिल और 7,500 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में शिफ्ट किए गए. निगमबोध घाट पर दाह संस्कार रोकना पड़ा. बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी ने हालात गंभीर बना दिए हैं. जानें दिल्ली बाढ़ 2025 की पूरी स्थिति.
दिल्ली के दिल पर यमुना का कहर टूट पड़ा है. बारिश और बाढ़ के ऐसे दृश्य, जो अक्सर बिहार और असम से आते थे, अब राजधानी दिल्ली की सड़कों और मोहल्लों में देखे जा रहे हैं. बुधवार शाम को हालात उस समय और गंभीर हो गए जब यमुना का पानी दिल्ली सचिवालय की चौखट तक जा पहुंचा. निचले इलाके डूब चुके हैं और हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं.
दिल्ली सचिवालय, जो यमुना किनारे स्थित है, लंबे समय से सुरक्षित माना जाता था. ऊंची दीवारें और मजबूत बांध भी अब बाढ़ के बढ़ते पानी को रोक पाने में असमर्थ दिख रहे हैं. तस्वीरें और वीडियो यह साफ़ कर रहे हैं कि यमुना का उफान अब सरकार तक भी पहुँच चुका है. लोगों में डर है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो राजधानी का दिल पूरी तरह ठप हो जाएगा.
7500 से ज्यादा लोग सुरक्षित ठिकानों पर भेजे गए
बुधवार दोपहर तक प्रशासन ने पूर्वी, उत्तरी, दक्षिण-पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और मध्य दिल्ली से 7,500 से अधिक लोगों को निकालकर 25 राहत शिविरों में भेज दिया. इन शिविरों में तंबू, स्कूल और सामुदायिक भवनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि हालात बिगड़ने की आशंका के चलते लगातार निगरानी रखी जा रही है.
बैराज से छोड़ा जा रहा पानी बना चिंता का कारण
हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी ने दिल्ली की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, सुबह आठ बजे तक हथिनीकुंड से 1.62 लाख क्यूसेक और वजीराबाद से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. विशेषज्ञों का कहना है कि जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे हालात और गंभीर होंगे.
मंत्री का दावा, स्थिति नियंत्रण में
दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने आईटीओ बैराज का निरीक्षण किया और कहा कि 2023 जैसे हालात इस बार नहीं होंगे. उनका कहना है कि जलवहन क्षमता बढ़ाने के लिए छह महीनों में बड़े कदम उठाए गए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर जलस्तर 209 मीटर तक भी पहुंच जाए तो अधिकृत क्षेत्र में बने घर सुरक्षित रहेंगे. हालांकि ज़मीनी हकीकत यह है कि पानी कई बस्तियों में घुस चुका है और लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
यातायात और रेलवे सेवा पर असर
दिल्ली का लोहा पुल पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इससे न सिर्फ़ सड़कों पर ट्रैफिक ठप हुआ है, बल्कि रेल सेवाओं पर भी सीधा असर पड़ा है. रेलवे ने 54 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है और 43 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया है. इससे हजारों यात्री फंसे हुए हैं और स्टेशनों पर अफरातफरी का माहौल है. यात्रियों से अपील की गई है कि वे घर से निकलने से पहले ट्रेन का स्टेटस जरूर चेक कर लें.
निगमबोध घाट पर संकट
बुधवार शाम निगमबोध घाट की दीवार ढहने से हालात और खराब हो गए. ऐतिहासिक घाट में पानी घुसने से दाह संस्कार रोकने पड़े और अब घाट पूरी तरह बंद कर दिया गया है. यह दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान स्थल है, और इसके बंद होने से राजधानी में अंतिम संस्कार की व्यवस्था पर बड़ा दबाव बन गया है.
ट्रैफिक अलर्ट और जाम की स्थिति
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आउटर रिंग रोड और मजनूं का टीला से सलीमगढ़ बायपास तक डायवर्जन लगा दिया है. जगह-जगह जाम की स्थिति है और लोगों को घंटों तक परेशान होना पड़ रहा है. प्रशासन की अपील है कि लोग केवल ज़रूरी काम होने पर ही बाहर निकलें और ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों का पालन करें.
2023 की बाढ़ की यादें ताज़ा
यमुना का जलस्तर बुधवार शाम 207.33 मीटर तक पहुंच गया, जो 1978 और 2013 के स्तर से भी ऊपर है. 2023 में जब यमुना 208.66 मीटर तक गई थी, तब हजारों लोग विस्थापित हुए थे. इस बार भी हालात उससे अलग नहीं दिख रहे. राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं, लेकिन लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल गहराता जा रहा है.
बारिश और बाढ़ से दिल्ली बेहाल
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. यमुना बाजार जैसे इलाके, जहां राहत शिविर लगाए गए थे, अब खुद पानी में डूब चुके हैं. लोगों को दोबारा दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि हेल्पलाइन नंबर सक्रिय हैं और बचाव टीमें लगातार काम कर रही हैं. लेकिन राजधानी की सच्चाई यह है कि बाढ़ और बारिश ने दिल्लीवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.





