आज से नियम नहीं माने तो गाड़ी गई! ‘No PUC, No Fuel’ लागू, 20 हजार तक भरना पड़ सकता है जुर्माना; सड़क पर उतरेंगे 580 पुलिसकर्मी
दिल्ली सरकार ने 18 दिसंबर से ‘No PUC, No Fuel’ नियम सख्ती से लागू कर दिया है. अब बिना वैध PUC वाले वाहन पेट्रोल, डीजल या CNG नहीं भरवा सकेंगे. उल्लंघन पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 20,000 रुपये तक का जुर्माना और बार-बार उल्लंघन करने पर वाहन जब्त होने का खतरा है. इस नियम के पालन के लिए 580 पुलिसकर्मी और 126 चेकप्वाइंट तैनात किए गए हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिगड़ती हवा की सेहत को देखते हुए सरकार ने अब तक का सबसे कड़ा कदम उठाया है. दिल्ली सरकार और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने एलान किया है कि गुरुवार, 18 दिसंबर से राजधानी में ‘No PUC, No Fuel’ नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा. इसका सीधा मतलब है कि जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं होगा, उन्हें किसी भी तरह का ईंधन नहीं दिया जाएगा.
यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब सर्दियों के मौसम में दिल्ली-NCR की हवा बेहद जहरीली स्तर तक पहुंच जाती है. PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक प्रदूषक कण तय मानकों से कई गुना ऊपर दर्ज किए जा रहे हैं. सरकार का कहना है कि अगर अभी सख्ती नहीं बरती गई, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं.
क्या है ‘No PUC, No Fuel’ नियम?
दिल्ली सरकार के नए निर्देशों के मुताबिक, राजधानी के सभी पेट्रोल, डीजल और CNG पंपों पर केवल उन्हीं वाहनों को ईंधन मिलेगा, जिनके पास वैध PUC सर्टिफिकेट होगा. बिना PUC के वाहन अगर फ्यूल लेते पाए गए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. PUC की जांच केवल कागजी सर्टिफिकेट तक सीमित नहीं होगी. इसके लिए ANPR कैमरे, VAHAN डेटाबेस, वॉयस अलर्ट सिस्टम और पुलिस बल की मदद ली जाएगी ताकि किसी भी तरह की ढिलाई न हो.
GRAP स्टेज-IV (Severe+) लागू रहने के दौरान दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड और BS-VI से कम उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की राजधानी में एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. इसमें BS-III और BS-IV श्रेणी के वाहन भी शामिल हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस फैसले से रोज़ाना दिल्ली में दाखिल होने वाली लाखों गाड़ियां प्रभावित होंगी—
- नोएडा से 4 लाख से ज्यादा
- गुरुग्राम से करीब 2 लाख
- गाजियाबाद से लगभग 5.5 लाख वाहन
किन वाहनों को मिलेगी छूट?
हालांकि सभी पर पाबंदी नहीं है. BS-VI compliant वाहन, साथ ही CNG, LNG, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को राहत दी गई है. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट, आपात सेवाओं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े वाहनों को भी छूट मिलेगी. सरकार ने साफ कर दिया है कि अब CNG भी केवल वैध PUC वाले वाहनों को ही दी जाएगी. दिल्ली सरकार की अधिसूचना के अनुसार, 18 दिसंबर से सभी CNG वाहन चालकों को फ्यूल भरवाते समय PUC दिखाना अनिवार्य होगा.
निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध
प्रदूषण के एक बड़े कारण माने जाने वाले निर्माण कार्यों पर भी सरकार ने सीधा प्रहार किया है. रेत, गिट्टी, पत्थर, ईंट, सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट और मलबा ढोने वाले किसी भी वाहन की दिल्ली में एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. नियम तोड़ने पर वाहन जब्त किए जा सकते हैं और भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा का क्या कहना है?
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा के अनुसार, सरकार चार मोर्चों पर प्रदूषण से लड़ रही है- वाहन उत्सर्जन, धूल, औद्योगिक प्रदूषण और कचरा. उन्होंने साफ कहा है कि बिना वैध PUC के किसी भी वाहन को फ्यूल नहीं दिया जाएगा और इसके लिए कैमरे व पुलिस की पूरी मदद ली जाएगी. सरकार ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए Google Maps के साथ 100 ट्रैफिक हॉटस्पॉट्स पर काम करने और भविष्य में कारपूलिंग ऐप लाने की भी तैयारी कर रही है.
उल्लंघन पर कितना जुर्माना?
नियम तोड़ने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई होगी. पहली बार उल्लंघन पर ₹20,000 तक का जुर्माना. बार-बार नियम तोड़ने पर वाहन जब्त. हालिया अभियानों में अब तक 8 लाख से ज्यादा वाहनों पर चालान, लगभग 20,000 पुराने वाहन और 993 गैर-अनुपालन बस-ट्रक कार्रवाई की जद में आ चुके हैं.
क्यों जरूरी हुए इतने सख्त कदम?
IIT कानपुर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्दियों में दिल्ली के
PM10 प्रदूषण में 19.7%
PM2.5 प्रदूषण में 25.1%
योगदान केवल वाहनों से आता है. यही वजह है कि सरकार ने सीधे वाहन और निर्माण गतिविधियों पर सख्ती की है.
कब तक लागू रहेंगे ये नियम?
ये सभी निर्देश GRAP स्टेज-IV लागू रहने तक प्रभावी रहेंगे. जैसे ही यह स्टेज हटेगा या बदलेगा, उसी के अनुसार नियमों में बदलाव होगा. सरकार ने साफ कहा है कि भविष्य में GRAP स्टेज-IV दोबारा लागू होने पर अलग से कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा, नियम अपने आप लागू हो जाएंगे. सरकार का दावा है कि इन सख्त कदमों से दिल्ली की हवा को कुछ राहत मिलेगी और प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो पाएगा.





