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Delhi Building Collapsed: विधानसभा में उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट 'चीखते' रह गए, दयालपुर में लाशें बिछ गईं

दिल्ली विधानसभा में उपाध्यक्ष-विधायक (भाजपा) डॉ. मोहन सिंह बिष्ट काफी तेज आवाज में सदन में बोल रहे थे. जो कुछ मैंने देखा-सुना वही हू-ब-हू मैं यहां उस दिन, अपने ‘नोट-पैड’ में दर्ज इबारत ‘स्टेट मिरर हिंदी’ के पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूं. ताकि आइंदा के लिए सनद रहे, क्योंकि सदन में उस दिन उस वक्त विधानसभा उपाध्यक्ष दिल्ली में लाशें बिछ जाने की जिस आशंका पर चीख-चीख कर बोल रहे थे, शनिवार (19 अप्रैल 2025) को वही दिल दहला देने वाला हादसा जमाने में पेश भी आ गया

Delhi Building Collapsed: विधानसभा में उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट चीखते रह गए, दयालपुर में लाशें बिछ गईं
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 19 April 2025 8:54 PM IST

सही तरह से तारीख-दिन तो मुझे याद नहीं है लेकिन उस दिन दिल्ली विधानसभा की ‘प्रेस-गैलरी’ में मैं खुद मौजूद था. वो शायद दिल्ली में बनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा आहूत, दिल्ली विधानसभा के बुलाए गए पहले सत्र का कोई दिन रहा है. वक्त यही कोई दोपहर के आसपास का. उस सत्र में दोपहर के वक्त दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष और मुस्तफाबाद से भाजपा विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट भी मौजूद थे. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता खुद सदन चला रहे थे.

सदन में अधिकांश विधायक-मंत्री बारी आने पर अपनी-अपनी बात रख रहे थे. मैं जब उस दिन विधानसभा की प्रेस-दीर्घा में (प्रथम तल) पर पहुंचा तो, उस वक्त सदन में विधानसभा उपाध्यक्ष-विधायक (भाजपा) डॉ. मोहन सिंह बिष्ट काफी तेज आवाज में सदन में बोल रहे थे. जो कुछ मैंने देखा-सुना वही हू-ब-हू मैं यहां उस दिन, अपने ‘नोट-पैड’ में दर्ज इबारत ‘स्टेट मिरर हिंदी’ के पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूं. ताकि आइंदा के लिए सनद रहे, क्योंकि सदन में उस दिन उस वक्त विधानसभा उपाध्यक्ष दिल्ली में लाशें बिछ जाने की जिस आशंका पर चीख-चीख कर बोल रहे थे, शनिवार (19 अप्रैल 2025) को वही दिल दहला देने वाला हादसा जमाने में पेश भी आ गया.

दिल्ली विधानसभा में उपाध्यक्ष डॉ. मोहन सिंह बिष्ट का वक्तव्य...(कुछ शब्दों के इधर-उधर होने की संभावना है)

महोदय जल्दी कीजिए वरना लाशों के ढेर.....

“माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं जिस मुस्तफाबाद इलाके से विधायक चुनकर सदन में इलाके की जनता का प्रतिनिधित्व करने आया हूं, वो मुस्तफाबाद क्षेत्र और उसके आसपास तो है ही. मैं पूरी दिल्ली की भी बात सदन के पटल पर रख रहा हूं. जिस पर जल्दी से जल्दी अमल किया जाए. वरना वो दिन दूर नहीं होगा, जब किसी भूकंप या और किसी आपदा की हालत में दिल्ली के घरों में लाशों के ढेर लग जाएंगे... और इसकी वजह होगी दिल्ली नगर निगम व अन्य संबंधित एजेंसियों की सांठगांठ से तूफानी रफ्तार से बनाई जा चुकी मकानात.”

“पूरी दिल्ली अवैध निर्माण से पटी पड़ी है”

“महोदय मैं सदन का ध्यान आकर्षित कराने भर के लिए यह सब यहां नहीं बोल-बता रहा हूं. अपितु मुझे पूरी-पूरी आशंका है कि जो कुछ दिल्ली में बने अवैध मकानों के बारे में मैं यहां बता रहा हूं, अगर मेरी बात को ध्यान से लेकर उस पर तुरंत अमल नहीं किया गया, तो वो दिन कभी भी हमारे आपके और इन अवैध निर्माण पर खड़े, कमजोर घरों में कभी भी लाशों के ढेर लग सकते हैं. क्योंकि इन अवैध निर्माणों पर दिल्ली नगर निगम द्वारा खड़े करवा डाले गए, मकानों की दीवारें और बुनियादें उस हद की मजबूत नहीं है, जो वे किसी आपदा की झपट को बर्दाश्त करके, उनमें रहने वाले हजारों-लाखों लोगों की जिंदगियां बचा सकें.”

इधर सदन में मुद्दा उठा, उधर लाशें बिछ गईं!

“अध्यक्ष जी के माध्यम से मैं सदन से अनुरोध करता हूं कि, इन कमजोर मकानों को एकदम हटा दिया जाए, जिन्हें दिल्ली नगर निगम ने पिछली सरकार में कागज की मानिंद खड़ा करवा डाला गया है. यह कमजोर बुनियाद पर खड़े मकान एक या दो मंजिल तक ही सीमित नहीं रहे हैं. इन बेदम मकानों की ऊंचाई तीन-चार से पांच मंजिल तक भी पहुंचा डाली गई है. मतलब, जितनी ज्यादा इन कमजोर मकानों में मंजिले हैं. किसी आपदा में यह इंसान की उतनी ही ज्यादा जिंदगियां भी अकाल मौत के मुंह में निगलने की भी जिम्मेदार साबित हो जाएंगी. इसमें मुझे तो कम से कम शक कतई नहीं है. हम पिछली सरकार पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. मैं चाहता हूं कि दिल्ली की जनता हमारी जनता है और हम दिल्ली की जनता के... तो महोदय ऐसे में इन कमजोर और खस्ताहाल चार-चार पांच पांच मंजिला अवैध निर्माण को तत्काल वक्त रहते गिरवा दिया जाए. ताकि नए सिरे से मजबूत मकान बन सकें और हम लोगों को उनके घरों में तो कम से कम सुरक्षित रहने की गांरटी दे सकें.”

''कम से कम मेरा इलाका ही ‘सेफ’ करवा दो''

‘'अध्यक्ष महोदय अगर मेरे कहे मुताबिक हाल-फिलहाल पूरी दिल्ली में ऐसा न हो सके. तो कम से कम मेरे विधानसभा क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके में मौजूद इन कमजोर-खस्ताहाल बहुमंजिला मकानों को तो ढहवा ही दिया जाए. ताकि मुझे अपने इलाके के लोगों की जिंदगियां बचाने में तो सहूलियत हो सके.''

एमएलए की चीखों के बीच मकान ढह गया

'स्टेट मिरर हिंदी' के पाठक अब तक समझ चुके होंगे कि हम आज यहां, विधानसभा में करीब एक महीने पहले उपाध्यक्ष की कही हुई बातों को क्यों दोहरा रहे हैं? क्योंकि आज ही (शनिवार 19 अप्रैल 2025) तो तबाही मची है उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में. जहां ठीक वैसा ही जर्जर हाल, कमजोर बुनियाद-दीवारों पर टिका अवैध निर्माण की चीख-चीख कर गवाही देता, एक 6 मंजिला मकान ढह ढह गया. जैसे जर्जर निर्माण कार्य को वक्त रहते ढहवाने की गुजारिश दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष सदन में, कुछ दिन पहले ही चीख-चीख कर रहे थे.

सोते वक्त ‘अकाल-मौत’ ने दबोचा

शनिवार को खबर लिखे जाने तक (शाम सात बजे तक) इस ढहे जर्जर अवैध निर्माणित 6 मंजिला मकान के मलबे में दबकर 11 लोग मर चुके हैं. जबकि मलबे में से 20 जख्मी लोगों को जैसे-तैसे निकाल कर अस्पतालों में दाखिल कराया जा चुका है. बाकी अब तक मलबे में और कितने लोग फंसे रहकर जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे होंगे? यह संख्या उस दिल्ली नगर निगम के उन, तमाम कथित भ्रष्ट अफसरों-बाबूओं को भी नहीं पता होगी जिन्होंने, चंद रुपयों की रिश्वतखोरी की एवज में, इसी तरह के न मालूम दिल्ली में और कितने अवैध निर्माण वाले मकान चोरी-छिपे बनवा डाले होंगे.

बुनियाद कमजोर, निर्माण अवैध था

शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात (शनिवार तड़के तीन बजे के करीब, जब सब गहरी नींद में सो रहे थे) हुए, इस हादसे की धमक से आज तो दिल्ली हिली पड़ी है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी शोक व्यक्त किया है. सवाल यह है कि दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. मोहन सिंह बिष्ट द्वारा, इसी नासूर रूपी गंभीर विषय या समस्या पर दिल्ली विधानसभा में उठाए गए सवालों के जवाब में, आकिर दिल्ली सरकार के आला-अफसरों ने अब तक क्या कदम उठाए? दयालपुर इलाके के शक्ति विहार की गली नंबर-1 में रेत की मानिंद भरभरा कर ढही इमारत तहसीन पुत्र यासीन की बताई जाती है. कोई कहता है कि मकान 6 मंजिल था कोई कहता है कि मकान चार मंजिल था. एक बात मगर सब साथ मिलकर कह रहे हैं कि, मकान की बुनियाद कमजोर थी और मकान गैर-कानूनी तरीके से बना था.

लाशें बिछाने वालों की खैर नहीं- कपिल मिश्रा

हादसे से बेहाल दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि, इस घटना या फिर दिल्ली में इस तरह की घटनाओं के लिए सीधे सीधे बिल्डर-माफिया लॉबी और दिल्ली नगर निगम जिम्मेदार है. इलाके का अब हमारी सरकार सर्वे कराएगी. सर्वे में जो अधिकारी, बिल्डर माफिया फसेंगे वे कतई नहीं बचेंगे.

''मांगी थी हिफाजत, मिली लाशें''

दूसरी ओर ‘स्टेट मिरर हिंदी’ से बातचीत में दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने दोहराया, “मैने तो करीब एक महीने पहले ही इस विषय को जोर-शोर से विधानसभा में उठाया था. मगर परिणाम के रूप में मुझे आज मिला है मिट्टी में मिल चुका अवैध निर्माण से तैयार कराए गए इस 4-6 मंजिला मकान का मलबा. उसके नीचे दबी लाशें और चीखते-बिलबिलाते हुए जख्मी होकर मलबे में फंसे लोग. कहने को तो मैं यह मुद्दा दिल्ली के उप-राज्यपाल और दिल्ली नगर निगम आयुक्त के सामने भी उठा चुका हूं.”

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