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कौन हैं IAS सौम्या चौरसिया, जिन पर 19 गुना अधिक संपत्ति रखने का है आरोप, भूपेश बघेल के समय रह चुकी हैं डिप्टी सेक्रेटरी

छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक सेवा में लंबा और विवादित करियर रखने वाली IAS सौम्या चौरसिया इस समय चर्चा में हैं. उन पर अपनी वैध आय से लगभग 19 गुना अधिक संपत्ति रखने का आरोप है, जिसे लेकर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने औपचारिक रूप से चार्जशीट दाखिल की है.

कौन हैं IAS सौम्या चौरसिया, जिन पर 19 गुना अधिक संपत्ति रखने का है आरोप, भूपेश बघेल के समय रह चुकी हैं डिप्टी सेक्रेटरी
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( Image Source:  instagram-@bastartalkies )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 15 Oct 2025 5:07 PM IST

छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ईओडब्ल्यू/एसीबी) ने IAS सौम्या चौरसिया के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोपपत्र दाखिल किया. वह पिछली कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रह चुकी हैं.

यह मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है. उन पर अपनी ज्ञात आय से लगभग 19 गुना अधिक संपत्ति और निवेश अर्जित करने का आरोप है. सौम्या का नाम पहले भी घोटाले में आ चुका है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह सब कुछ परिवार वालों के नाम के जरिए किया.

19 गुना ज़्यादा संपत्ति का आरोप

ईओडब्ल्यू की जांच ने राज्य में हड़कंप मचा दिया. रिपोर्ट के अनुसार, सौम्या चौरसिया ने अपनी लीगल इनकम से लगभग 19 गुना अधिक संपत्ति अर्जित की. 17 सालों की सरकारी सेवा के दौरान जहां उनकी लीगल कमाई मात्र 2.52 करोड़ थी, वहीं उन्होंने करीब 46.96 करोड़ रुपये की संपत्ति और निवेश जमा किए. यानी लगभग 1,872% अधिक. इस मुकदमे को राज्य के इतिहास में किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का अब तक का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है. जांच अधिकारियों ने आठ हज़ार पेजों की चार्जशीट में आरोपों का पूरा जाल पेश किया, जिसमें जमीनों के सौदे, निवेश के दस्तावेज़ और बेनामी लेनदेन का पूरा ब्यौरा दर्ज है.

परिजनों के ज़रिये संपत्ति छुपाने का जाल

चार्जशीट के अनुसार, सौम्या चौरसिया ने अपनी मां, पति, चचेरे भाई और यहां तक कि बहन के ससुर का नाम भी इस्तेमाल किया. रायपुर, दुर्ग और कोरबा जिलों में कम से कम 45 प्रॉपर्टी खरीदी गईं. ज़्यादातर सौदे 2019 से 2022 के बीच हुए, जब वह मुख्यमंत्री कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी थीं, यानी सत्ता और संसाधन, दोनों उनके पास थे. ईओडब्ल्यू का दावा है कि इन सालों में उन्होंने न केवल रियल एस्टेट में भारी इंवेस्ट किया, तब उन्होंने सत्ता का पूरा फायदा उठाकर रियल एस्टेट में भारी इंवेस्ट किया और बेनामी संपत्तियों से मालिकाना हक छुपाया.

अकाउंट्स ऑफिसर से करियर की शुरुआत

सौम्या चौरसिया की सफर 2005 में अकाउंट्स ऑफिसर बनकर शुरू हुई थी. मेहनत और समझदारी से वे जल्दी बिलासपुर की डिप्टी कलेक्टर बनीं. फिर 2019 में मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव बनकर उनकी जिंदगी का पन्ना बदल गया. यही पद उन्हें राजनीतिक पहुंच और ताकत देता है, जिससे उन्होंने कथित तौर पर अवैध संपत्ति का बड़ा साम्राज्य बनाया.

पहले भी घोटाले में आ चुका है नाम

यह पहली बार नहीं था जब सौम्या चौरसिया का नाम सुर्खियों में आया हो. दिसंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें 540 करोड़ रुपये के कोयला लेवी घोटाले में गिरफ्तार किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में उन्हें ज़मानत दे दी, लेकिन अब ईओडब्ल्यू की नई चार्जशीट ने उन्हें फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है.

सत्ता बदलने के बाद तेज़ हुई कार्रवाई

राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद तीन अलग-अलग मामले उनके खिलाफ दर्ज किए गए. इनमें कोयला लेवी घोटाला, जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) फंड का दुरुपयोग, और आय से अधिक संपत्ति का यही मामला शामिल है. ब्यूरो की रिपोर्ट का दावा है कि उन्होंने अपनी वैध आय के मुकाबले 49.69 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की, जिसे ज़मीन, इमारतों और बेनामी निवेश में खपा दिया गया.

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