BJP से नाता रखने पर नक्सलियों ने पूर्व सरपंचों को उतारा मौत के घाट, अलग होने की दी थी चेतावनी
छत्तीसगढ़ के बीजापुर थाने में नक्सलियों ने दो सरपंचों को किडनैप किया था. जानकारी बिर्याभूमि गांव से पूर्व सरपंच सुखलु फर्सा और नैमेड थाने के मुरगा बाजार से कादर के पूर्व सरपंच सुखराम अवलाम का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी. बताया गया कि सरपंच बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए थे. सिजसपर दूरी बनाने की चेतावनी दी गई थी.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने दो सरपंच की हत्या करके उन्हें मौत के घाट उतार डाला है. दरअसल भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के बिर्यभूमि गांव और नैमेड थाना क्षेत्र के पास से नक्सलियों ने दो सरपंचों को किडनैप कर लिया था. वहीं इसके बाद जानकारी सामने आई कि नक्सली जिले में दो पूर्व सरपंचों की हत्या कर दी गई है.
वहीं इस घटना से मौके पर डर का माहौल पैदा हो चुका है. लोगों में उनकी सुरक्षा को लेकर अजीब डर देखने को मिल रहा है. जानकारी के अनुसार बीजापुर के भैरगढ़ थाने के बिर्याभूमि गांव से बीजेपी नेता और पूर्व सरपंच सुखुल फर्सा और नैमेड थाने के मुर्गा बाजार से कादर के पूर्व सरपंच सुखराम अवलाम को नक्सलियों द्वारा 2 दिसबंर को किडनैप कर लिया गया.
BJP से जुड़ने का लगाया आरोप
वहीं सुखलु फर्सी सरपंच के शव के पास के एक नोट बरामद हुआ था. इस बरामद में नक्सलियों ने उनपर बीजेपी से जुड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें पार्टी से दूरी बनाए रखने के लिए तीन बार चेतावनी दी थी. लेकिन उन्होंने उनका आदेश नहीं माना जिसके कारण नक्सलियों ने चौथी बार में उनकी हत्या का फैसला लिया. दरअसल नक्सलियों ने उन्हें बीजेपी से दूरी बनाने के लिए चेतावनी दी थी.
बेटी ने की थी अपील
आपको बता दें कि अपने पिता को बचाने के लिए सुखलु फर्सा की बेटी ने अपरहरण के बाद सोशल मीडिया पर एक अपील की थी. इस अपील के दौरान वह काफी भावुक नजर आ रही थी. वहीं पुलिस से उन्होंने अपने पिता की रिहाई की भी उन्होंने गुहार लगाई थी. इस अपील के बाद भी नक्सलियों ने उन्हें छोड़ा नहीं और उनकी हत्या कर दी.
सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
वहीं इस मामले पर बीजापुर के एडिशनल पुलिस इंस्पेक्टर चंद्रकांत गोवरना की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने बताया कि पुलिस की एक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है. साथ ही कानूनी कार्रवाई की जा रही है. बताया गया कि इस घटना के बाद से ही मौके पर डर का माहौल बन गया है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर कड़े सवाल उठा रहे हैं. लोगों को उम्मीद है कि नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ताकी भविष्य में ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सके.





