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छत्तीसगढ़ में बड़े घोटाले का पर्दाफाश, आखिर कैसे हुआ 32 करोड़ का खेल और फिर 22 अधिकारी...

छत्तीसगढ़ में बड़े शराब घोटाले को लेकर सरकार ने 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जबकि 7 आरोपी अधिकारी पहले ही रिटायर हो चुके हैं. EOW की नई चार्जशीट में घोटाले की रकम बढ़कर ₹3,200 करोड़ हो गई है, जो पहले ED द्वारा ₹2,161 करोड़ बताई गई थी. आरोप है कि 2019 से 2023 के बीच अधिकारियों ने अवैध शराब की समानांतर बिक्री कर सरकार को राजस्व से वंचित किया. इस घोटाले में कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी समेत कई बड़े नामों की भूमिका की जांच हो रही है.

छत्तीसगढ़ में बड़े घोटाले का पर्दाफाश, आखिर कैसे हुआ 32 करोड़ का खेल और फिर 22 अधिकारी...
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( Image Source:  AI )

Chhattisgarh 3200 crore liquor scam: छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन सभी पर राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई थी. EOW की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस घोटाले से राज्य को 3,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो पहले ED द्वारा बताए गए 2,161 करोड़ रुपये से काफी अधिक है.

निलंबित अधिकारियों में 10 सहायक आबकारी आयुक्त, 5 उप आबकारी आयुक्त, 3 जिला आबकारी अधिकारी, 3 सहायक जिला आबकारी अधिकारी और 1 सहायक आबकारी अधिकारी शामिल हैं. बाकी 7 आरोपी अधिकारी सेवा से रिटायर हो चुके हैं.

घोटाले का तरीका क्या था ?

EOW ने बताया कि 2019 से 2023 के बीच, इन अधिकारियों ने 15 बड़े जिलों में अवैध रूप से ड्यूटी चुकाई गई शराब को सरकारी दुकानों में बेचा, और इसी के समानांतर 'लीगल शराब' भी उपलब्ध थी. यह सारा काम एक संगठित सिंडिकेट के निर्देशों पर हुआ, जिसमें राज्य स्तरीय समन्वय के लिए कुछ अधिकारियों की भूमिका भी थी.

डिस्टिलरी से अतिरिक्त शराब का उत्पादन कर ट्रकों में भरकर सीधे देशी शराब की दुकानों पर भेजा जाता था, जहां इसे बिना सरकारी टैक्स दिए बेचा जाता था. इससे जुटी रकम राज्य के खजाने में नहीं जाती थी, बल्कि अधिकारियों और दलालों को कमीशन में दी जाती थी.

ED की जांच और बड़े नामों की संलिप्तता

प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर रही है. एजेंसी के अनुसार, यह एक संगठित रैकेट था, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता और आबकारी अधिकारी शामिल थे.

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार

अब तक ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनके बेटे चैतन्य बघेल की भूमिका की भी जांच चल रही है. इस घोटाले के कथित मास्टरमाइंड अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, और ITS अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. अनवर ढेबर, रायपुर के पूर्व महापौर एजाज़ ढेबर के भाई हैं.

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