नीतीश के 225 सीटों के टारगेट को 160 पर क्यों ले आई बीजेपी? इन वजहों से अमित शाह ने की नंबर की कटौती
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए का सीट टारगेट घटाकर 160+ सीटें तय की हैं. यह रणनीति गठबंधन संतुलन और यथार्थवादी चुनावी तैयारी को ध्यान में रखकर की गई. पटना और अन्य जिलों में गठबंधन के सभी दलों के साथ चर्चा चल रही है. सीट शेयरिंग नवरात्र के बाद घोषित होगी. जानिए बिहार में चुनावी तैयारियों की पूरी रणनीति, कार्यकर्ताओं के लिए संदेश और आगामी चुनाव कार्यक्रम की संभावित तारीखें.

बिहार की राजनीतिक राहें अब और भी रोमांचक हो गई हैं. केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने बिहार में एनडीए के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट टारगेट में बड़ा बदलाव किया है. पहले 225 सीटों के लक्ष्य को लेकर जो उत्साह था, उसे अब 160 से अधिक सीटों के लक्ष्य में संशोधित कर दिया गया है. यह कदम खुफिया रिपोर्ट, ग्राउंड फीडबैक और चुनावी सर्वेक्षणों के आधार पर लिया गया माना जा रहा है.
राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा है कि अमित शाह ने यह कदम न केवल यथार्थवादी चुनावी रणनीति के लिए उठाया, बल्कि एनडीए और जेडीयू के बीच गठबंधन संतुलन बनाए रखने की कोशिश भी की है. इस बदलाव से पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल और चुनावी तैयारी दोनों प्रभावित होंगे.
बिहार को दी जाए चौगुनी दिवाली: अमित शाह
अररिया जिले के फारबिसगंज में कोशी, पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने एक भावुक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि इस बार बिहार के लोगों को चार दिवाली मनानी है. पहली दिवाली भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की, दूसरी दिवाली 75 लाख जीविका दीदियों के खाते में आर्थिक राहत पहुंचने की, तीसरी दिवाली 395 से ज्यादा वस्तुओं पर जीएसटी कम या खत्म होने की और चौथी दिवाली 160+ सीटों के साथ NDA-BJP की सरकार बनाने की होगी.
शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह केवल चुनावी जीत का नहीं, बल्कि जनता के लिए योजनाओं और विकास की दिवाली है. यह बयान चुनावी माहौल को गरम करने के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का भी प्रयास था.
नीतीश की अध्यक्षता में हुई तैयारी बैठक
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में एनडीए नेताओं ने पिछले साल अक्टूबर में ही जुटना शुरू कर दिया था. 28 अक्टूबर 2024 को सीएम आवास पर नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में एनडीए के बड़े नेता मौजूद थे और जेडीयू ने 225 सीट जीतने का लक्ष्य सार्वजनिक किया.
बैठक के बाद जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने साफ कहा था कि एनडीए की जीत का लक्ष्य 225 सीटों का होगा और नारा दिया गया, "2025 में 225 और फिर से नीतीश." यह नारा पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह और भरोसे का प्रतीक बन गया.
एनडीए की सीटों की चर्चा
25 नवंबर 2024 को जेडीयू कार्यालय में पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें एनडीए की सभी प्रादेशिक पार्टियों के अध्यक्ष मौजूद थे. यहां फिर से 225 सीटों के लक्ष्य पर जोर दिया गया. उस समय से बिहार में चल रही एनडीए की सभी कार्यकर्ता बैठकों और सम्मेलनों में यही नारा सुनाई दे रहा था.
हालांकि अब अमित शाह ने रणनीति बदलते हुए लक्ष्य को 160+ सीटों तक सीमित कर दिया है, ताकि गठबंधन और कार्यकर्ता अधिक यथार्थवादी लक्ष्य के लिए तैयार रहें.
सीट बंटवारे पर अभी फाइनल फैसला नहीं
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी चल रही है. अमित शाह ने संकेत दिए हैं कि नवरात्र के बाद सीट शेयरिंग की घोषणा की जाएगी. हाल ही में पटना में हुई बैठकों में भाजपा और जेडीयू के शीर्ष नेता चर्चा कर रहे हैं.
गठबंधन में जेडीयू से लेकर चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों तक बातचीत जारी है. सूत्रों के अनुसार, जैसे ही मोटा-मोटी सहमति बनेगी, गठबंधन के सभी नेता एक साथ बैठकर सीट बंटवारे की अंतिम मुहर लगाएँगे.
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कब होगी
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4 अक्टूबर को बिहार दौरे पर आएंगे. इस दौरे के दौरान आयोग के अधिकारी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की अंतिम समीक्षा करेंगे. 5 अक्टूबर को उनका दौरा समाप्त होगा और माना जा रहा है कि उसी सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी.
इस तैयारी के साथ ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है और कार्यकर्ताओं के मनोबल को देखते हुए भाजपा और एनडीए दोनों ही गहन चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं.
चुनावी रणनीति और भविष्य की संभावनाएं
अमित शाह द्वारा सीट टारगेट घटाने का फैसला रणनीतिक नजरिए से महत्वपूर्ण है. यह न केवल गठबंधन में संतुलन बनाए रखेगा, बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच उम्मीद और यथार्थवादी लक्ष्य भी स्थापित करेगा. 160+ सीटों के लक्ष्य से एनडीए को दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने का भरोसा भी मिलेगा.
विश्लेषकों का मानना है कि यदि एनडीए कार्यकर्ताओं का उत्साह बरकरार रहता है और गठबंधन में सभी दल संतुलित रूप से सहयोग करते हैं, तो बिहार में फिर से नीतीश कुमार की सरकार बनना अधिक संभावित है.
बिहार में चुनावी माहौल गरम
बिहार की सड़कों पर और पार्टी कार्यालयों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. कार्यकर्ता अब नए सीट टारगेट और गठबंधन के निर्णयों के साथ तैयारियों में जुट गए हैं. अमित शाह का संदेश स्पष्ट है- एनडीए की जीत के लिए हर स्तर पर तैयारी करना जरूरी है. जैसे-जैसे अक्टूबर का महीना करीब आएगा, राजनीतिक गलियारों में चर्चा और गर्म हो जाएगी और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियाँ अपने चरम पर पहुंच जाएंगी.