Al-Falah यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी कौन हैं? मनी लॉन्ड्रिंग में सामने आया नाम
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक और अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी वर्तमान में दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट की जांच में नाम आने से सुर्खियों में हैं. उनके बिजनेस नेटवर्क, पुराने धोखाधड़ी आरोप और यूनिवर्सिटी में शामिल संदिग्ध कनेक्शनों ने उनकी प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए हैं.
जावेद अहमद सिद्दीकी मध्य प्रदेश के महू में जन्मे एक शिक्षा उद्यमी हैं, जिन्होंने अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना की, लेकिन हाल के दिल्ली के रेड फोर्ट कार ब्लास्ट की जांच में उनका नाम सामने आने के बाद, उनकी पर्सनल और व्यावसायिक पृष्ठभूमि पर गहरी जांच शुरू हो गई है। अकसर चर्चा में आने वाले उनके पुराने फर्म, वित्तीय विवाद और यूनिवर्सिटी स्टाफ से जुड़े संदिग्ध कनेक्शन इस मामले को और जटिल बना रहे हैं।
जावेद अहमद सिद्दीकी कौन?
जावेद अहमद सिद्दीकी का जन्म महू मध्य प्रदेश में हुआ था. उन्होंने इंदौर की देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से B.Tech किया. शुरुआत में वह जामिया मिलिया इस्लामिया में लेक्चरर भी रह चुके हैं. उनका Al-Falah चैरिटेबल ट्रस्ट और व्यवसाय नेटवर्क है. जावेद सिद्दीकी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और चेयरमैन हैं. उनके नाम पर कम से कम 9 कंपनियां पंजीकृत हैं. ये कंपनियां शिक्षा, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा, इन्वेस्टमेंट आदि सेक्टरों में काम करती है. इन कंपनियों का अधिकांश पते एक ही ‒ Al-Falah House, Jamia Nagar, दिल्ली है.
उन्होंने Al-Falah यूनिवर्सिटी का आरंभ 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में किया था. उसे 2014 में विश्वविद्यालय का दर्जा मिला. यह विश्वविद्यालय हरियाणा (फरीदाबाद) में है और इसके परिसर में मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं.
धोखाधड़ी से है पुराना नाता
जावेद सिद्दीकी और उनके भाई हमूद पर पुराने निवेश धोखाधड़ी के आरोप हैं. उनके भाई हमूद को लगभग 25 वर्ष पुराने मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. जावेद सिद्दीकी 2000 में किए गए धोखाधड़ी-मामले में एफआईआर का हिस्सा थे.
दिल्ली ब्लास्ट से क्या है रिश्ता?
10 नवंबर की कार ब्लास्ट (Red Fort के पास) की जांच के सिलसिले में जावेद सिद्दीकी का नाम सामने आया. आरोप है कि ब्लास्ट में शामिल कुछ संदिग्ध डॉक्टर Al-Falah यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे. जांच एजेंसियां यह देख रही हैं कि क्या विश्वविद्यालय ट्रस्ट या उसके फर्मों ने वित्तीय मदद के जरिए किसी तरह की संदिग्ध गतिविधियों को सपोर्ट किया. ED (Enforcement Directorate) ने विश्वविद्यालय से जुड़े कई स्थलों पर छापेमारी की है. शेल कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है.
ED ने लगाया मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
कुछ रिपोर्टों में यह कहा गया है कि जावेद सिद्दीकी की पर्सनल लाइफ और अतीत संदेहास्पद माना जाता रहा है. उनकी प्रतिष्ठा पर ब्लास्ट के बाद भारी सवाल उठे हैं. विश्वविद्यालय ने जांच की प्रक्रिया में सहयोग का दावा किया है और कहा है कि वे शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं.
ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. ईडी की जांच में सामने आया कि इस ट्रस्ट ने मेटियोरिक राइज यानी तेजी से बढ़ोतरी दिखाई पर ये बढ़ोतरी असली कमाई से मेल नहीं खाती. कंस्ट्रक्शन, कैटरिंग और दूसरी सर्विस के कॉन्ट्रैक्ट सीधे उनकी पत्नी और बच्चों की कंपनियों को दिए गए थे. कई शेल कंपनियों का इस्तेमाल पैसे की हेराफेरी के लिए किया गया. अल फलाह यूनिवर्सिटी में दिल्ली ब्लास्ट के आरोपियों को संरक्षण देने का भी आरोप है.





