तेजस्वी यादव ने बता दी अपने शपथग्रहण की तारीख, एग्जिट पोल्स को सिरे से नकारा; कहा - ये सब आंकड़े फर्जी हैं
तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल्स को “फर्जी और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने वाला” बताया. उन्होंने कहा कि वोटिंग खत्म होने से पहले ही मीडिया ने पोल दिखाने शुरू कर दिए, ताकि जनता और प्रशासन पर असर डाला जा सके. आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि सर्वे एजेंसियों ने सैंपल साइज या प्रक्रिया नहीं बताई. तेजस्वी ने दावा किया कि जनता का फीडबैक बेहद सकारात्मक है और “14 नवंबर को नतीजे, 18 नवंबर को शपथ ग्रहण” तय है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मंगलवार देर शाम आए एग्जिट पोल्स ने एनडीए (BJP–JDU गठबंधन) को स्पष्ट बढ़त दिखाई, जबकि महागठबंधन को कई सर्वेक्षणों में पिछड़ता बताया गया. लेकिन आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने इन तमाम एग्जिट पोल्स को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि “ये सब आंकड़े फर्जी हैं, जो जनता के मनोबल को तोड़ने और प्रशासनिक मशीनरी पर मानसिक दबाव बनाने के लिए जारी किए गए हैं.”
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “कल लोग शाम के छह-सात बजे तक कतारों में खड़े होकर वोट डाल रहे थे. लोग धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन वोटिंग खत्म भी नहीं हुई थी कि टीवी चैनलों और वेबसाइट्स ने एग्जिट पोल्स दिखाने शुरू कर दिए. ये सब एक तयशुदा रणनीति का हिस्सा है, ताकि जनता और अधिकारियों पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सके.”
तेजस्वी ने कहा कि उन्हें न तो झूठी उम्मीदों में जीने की आदत है और न ही किसी भ्रम में. उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम न तो झूठे आशावाद में जीते हैं और न ही भ्रम में. एग्जिट पोल्स के जरिए माहौल बनाया जा रहा है ताकि लोगों को लगे कि चुनाव पहले ही तय हो चुका है, जबकि सच्चाई इससे बिलकुल अलग है.”
“सैंपल साइज और सर्वे का तरीका ही नहीं बताया गया”
तेजस्वी यादव ने इन एग्जिट पोल्स की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी ने यह नहीं बताया कि कितने लोगों से राय ली गई और किन इलाकों को शामिल किया गया. “अगर आप किसी भी चैनल या एजेंसी से पूछेंगे कि सर्वे में सैंपल साइज कितना था, तो किसी के पास जवाब नहीं होगा. न सैंपल साइज बताया गया, न सर्वे की प्रक्रिया. ये सिर्फ़ मनगढ़ंत आंकड़े हैं जिनका मकसद सिर्फ माहौल बनाना है.”
“महागठबंधन को जनता से मिला सकारात्मक फीडबैक”
तेजस्वी ने बताया कि महागठबंधन ने चुनाव समाप्त होने के बाद स्वयं फीडबैक कलेक्ट किया है और नतीजे बेहद सकारात्मक हैं. “चुनाव खत्म होने के बाद हमने जनता से फीडबैक लिया. हमें जो जानकारी मिली है, वह बहुत ही सकारात्मक है. पहले कभी इतना अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था. आप कह सकते हैं कि 1995 के चुनावों की तुलना में इस बार जनता में और भी ज़्यादा बदलाव की चाह है.” उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार की जनता ने सरकार के खिलाफ भारी मतदान किया है. “इस बार जनता ने रिकॉर्ड संख्या में वोट डाला है, और यह बदलाव का वोट है. मैंने पहले ही कहा था कि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे और शपथ ग्रहण समारोह 18 नवंबर को होगा.”
एग्जिट पोल्स ने क्या कहा?
अधिकांश एग्जिट पोल्स ने एनडीए को भारी बढ़त दिखाई है, दैनिक भास्कर के सर्वे में एनडीए को 145–160 सीटें और महागठबंधन को 73–91 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
- मेट्रिज़ एग्जिट पोल ने एनडीए को 147–167 सीटें, महागठबंधन को 70–90 सीटें और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 0–2 सीटें दी हैं.
- पीपल्स पल्स ने एनडीए को 133–159 सीटें, महागठबंधन को 75–101 सीटें और जन सुराज को 0–5 सीटों के बीच दिखाया है.
- विशेषज्ञों का कहना है कि एग्जिट पोल्स सिर्फ़ सैंपल सर्वे पर आधारित अनुमान होते हैं और कई बार ये असल परिणामों से बिलकुल उलट साबित हुए हैं.
“14 को नतीजे, 18 को शपथ ग्रहण”
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता इस बार परिवर्तन के मूड में है और उनकी सरकार बनना तय है. उन्होंने आत्मविश्वास से कहा, “हमने हमेशा कहा है कि 14 नवंबर को नतीजे आएंगे और 18 नवंबर को शपथ ग्रहण होगा. जनता अब डर और दबाव की राजनीति से आज़ाद होना चाहती है.”
बिहार में इस बार चुनावी जंग बेहद दिलचस्प बन चुकी है. एक तरफ एनडीए अपने विकास मॉडल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा कर रहा है, तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव युवाओं, रोजगार और बदलाव के मुद्दे पर मैदान में हैं. एक्ज़िट पोल्स भले ही एनडीए की जीत का दावा कर रहे हों, लेकिन तेजस्वी यादव के आत्मविश्वास और जनता से मिले फीडबैक के दावे ने इस राजनीतिक मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है. काउंटिंग 14 नवंबर को होगी, और तब यह साफ़ हो जाएगा कि बिहार ने इस बार विकास के नाम पर वोट दिया या बदलाव के नाम पर.





