ओडिशा दारोगा भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड नीतीश कुमार पटना से गिरफ्तार, 117 कैंडिडेटों को पकड़कर पुलिस ने किया था भंडाफोड़
ओडिशा दारोगा बहाली परीक्षा से जुड़े प्रश्नपत्र लीक मामले में CBI को बड़ी सफलता मिली है. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के सहयोग से जांच एजेंसी ने इस हाई-प्रोफाइल पेपर लीक केस के मास्टरमाइंड नीतीश कुमार को बिहार के खुसरूपुर से गिरफ्तार किया है. नीतीश लंबे समय से फरार चल रहा था और अभ्यर्थियों को बस के जरिए आंध्र प्रदेश ले जाकर प्रश्नपत्र रटवाने की साजिश रच रहा था. इस मामले में पहले ही कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और अब जांच एजेंसियों को बिहार समेत अन्य राज्यों से जुड़े परीक्षा माफियाओं के नाम सामने आने की उम्मीद है.
देश में लगातार सामने आ रहे परीक्षा पेपर लीक मामलों ने एक बार फिर भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. ओडिशा दारोगा बहाली परीक्षा से जुड़ा मामला अब सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका नेटवर्क बिहार से लेकर आंध्र प्रदेश तक फैलता दिख रहा है. इसी कड़ी में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है.
लंबे समय से फरार चल रहे मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के साथ ही इस संगठित परीक्षा माफिया गिरोह की परतें खुलने लगी हैं. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों और गिरफ्तारियों का संकेत है.
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खुसरूपुर से मास्टरमाइंड गिरफ्तार
ओडिशा दारोगा भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में Central Bureau of Investigation (CBI) ने Economic Offences Unit (EOU) के सहयोग से बड़ी कार्रवाई की. जांच में मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड नीतीश कुमार को बिहार के Khusrupur से गिरफ्तार कर लिया गया. नीतीश खुसरूपुर का ही रहने वाला बताया जा रहा है.
ओडिशा दारोगा बहाली से जुड़ा मामला
यह पूरा केस Odisha Police Recruitment Board द्वारा आयोजित दारोगा बहाली परीक्षा से जुड़ा है. बोर्ड ने परीक्षा की तिथि 5 और 6 अक्टूबर तय की थी. इससे पहले ही प्रश्नपत्र लीक कर अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर ही सवाल-जबाव रटवाने की साजिश रची गई थी.
पहले ही हो चुकी हैं कई गिरफ्तारियां
इस केस में इससे पहले परीक्षा माफिया गिरोह के सरगना शंकर पुष्टि की गिरफ्तारी हो चुकी है. पूछताछ के दौरान शंकर ने नीतीश कुमार का नाम उजागर किया था. इसके बाद से ही CBI और EOU की टीमें नीतीश की तलाश में जुटी थीं.
पहले हो चुका था फरार
जांच एजेंसियों के मुताबिक, नीतीश कुमार पहले भी पुलिस के हत्थे चढ़ते-चढ़ते बच गया था. वह अभ्यर्थियों को बस में बैठाकर Andhra Pradesh की ओर ले जा रहा था, जहां उन्हें सुरक्षित स्थान पर प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाने की योजना थी. हालांकि उस समय वह मौके से फरार होने में सफल रहा.
बस से ले जाए जा रहे थे अभ्यर्थी
जांच में सामने आया है कि परीक्षा माफिया रवि भूषण और बिजेंद्र कुमार ने शंकर के साथ मिलकर पूरी सेटिंग की थी. 3 अक्टूबर को एक बस बुक की गई, जिसमें दर्जनों अभ्यर्थियों को बैठाकर आंध्र प्रदेश बॉर्डर की ओर ले जाया जा रहा था.
ओडिशा पुलिस ने योजना पर फेरा पानी
माफियाओं की इस योजना को ओडिशा पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया. पुलिस ने बस को रोककर 117 अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया और पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया. यहीं से जांच की कड़ी बिहार तक पहुंची.
पूछताछ में और नाम आने की उम्मीद
नीतीश कुमार से फिलहाल गहन पूछताछ की जा रही है. जांच एजेंसियों को शक है कि बिहार और अन्य राज्यों में सक्रिय कई परीक्षा माफिया इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
परीक्षा प्रणाली पर फिर सवाल
इस पूरे मामले ने एक बार फिर देश की भर्ती परीक्षाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. CBI और EOU का दावा है कि इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए डिजिटल ट्रेल, कॉल डिटेल्स और फाइनेंशियल लेन-देन की भी जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी साजिशों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके.





