3 से 4 लाख में बिक रहा था भविष्य! CSIR–UGC–NET के पेपर लीक मामले में दो लोग गिरफ्तार, क्या फिर से होगा Exam?
हरियाणा में CSIR–UGC–NET 2025 परीक्षा से ठीक पहले बड़ा पेपर लीक सामने आया है. 18 दिसंबर को होने वाली परीक्षा का प्रश्नपत्र एक दिन पहले नकल माफियाओं तक पहुंच गया. सोनीपत से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो 37 छात्रों से प्रति छात्र 3–4 लाख रुपये लेकर पेपर पढ़वा रहे थे. पुलिस ने डिजिटल सबूत जब्त किए हैं और FIR दर्ज की गई है. मामला JRF और PhD अभ्यर्थियों से जुड़ा है. NTA ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन प्रभावित केंद्रों पर परीक्षा रद्द होने की आशंका जताई जा रही है.
हरियाणा में CSIR–UGC–NET 2025 परीक्षा से ठीक पहले सामने आए पेपर लीक मामले ने देशभर के अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ा दी है. 18 दिसंबर को आयोजित होने वाली इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा का प्रश्नपत्र एक दिन पहले ही नकल माफियाओं तक पहुंच गया. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद परीक्षा की निष्पक्षता और संभावित रद्दीकरण को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
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यह खुलासा सिर्फ एक परीक्षा घोटाले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संगठित नकल नेटवर्क की गहराई और छात्रों की मेहनत के साथ हो रहे खिलवाड़ को भी उजागर करता है. पुलिस की कार्रवाई के बाद अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की भूमिका और आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
18 दिसंबर की परीक्षा से पहले ही लीक हुआ CSIR–UGC–NET पेपर
पुलिस जांच में सामने आया है कि CSIR–UGC–NET परीक्षा, जो 18 दिसंबर को आयोजित होनी थी, उसका प्रश्नपत्र 17 दिसंबर को ही लीक हो गया था. यह पेपर नकल माफियाओं के एक संगठित गिरोह तक पहुंचा, जिसने इसे अभ्यर्थियों को पैसे लेकर उपलब्ध कराया.
सोनीपत में पुलिस की रेड, दो आरोपी गिरफ्तार
हरियाणा के सोनीपत जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नीरज धनकड़ और सचिन नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, ये दोनों एक बिल्डिंग में 37 छात्रों को बैठाकर उन्हें प्रश्नपत्र पढ़वा रहे थे. जांच में यह भी सामने आया कि हर छात्र से 3 से 4 लाख रुपये की मोटी रकम वसूली जा रही थी. पुलिस ने मौके से डिजिटल सबूत भी बरामद किए हैं, जिनमें लीक हुआ प्रश्नपत्र और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल हैं.
JRF और PhD अभ्यर्थियों को बनाया गया निशाना
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी एक संगठित नकल नेटवर्क का हिस्सा थे, जो खासतौर पर Junior Research Fellowship (JRF) और PhD पात्रता परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को निशाना बना रहा था. छापेमारी के दौरान कई अभ्यर्थी मौके पर मौजूद मिले, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है.
FIR दर्ज, परीक्षा रद्द होने की आशंका
इस पूरे मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है. हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से अभी तक परीक्षा रद्द करने या दोबारा परीक्षा कराने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक, अगर जांच में यह साबित होता है कि किसी विशेष परीक्षा केंद्र की निष्पक्षता प्रभावित हुई है, तो सेंटर-विशेष पर परीक्षा रद्द किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
CSIR–UGC–NET: क्यों है यह परीक्षा इतनी अहम?
CSIR–UGC–NET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिसके माध्यम से देशभर की यूनिवर्सिटीज़ और रिसर्च संस्थानों में लेक्चरशिप, JRF और PhD में प्रवेश की पात्रता तय होती है. हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, ऐसे में पेपर लीक की घटना ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
अभ्यर्थियों को क्या सलाह?
जांच से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों को NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से नजर बनाए रखनी चाहिए. परिणाम, परीक्षा रद्द होने या आगे के निर्देशों से जुड़ी कोई भी जानकारी वहीं जारी की जाएगी.





