उत्तराखंड में पेपर लीक से बचने के इंतजाम, वॉशरूम में लगेंगे जैमर, ब्रेक से पहले होगी चेकिंग
उत्तराखंड में सरकारी भर्ती परीक्षा को लेकर हाल ही में उठे विवाद ने छात्रों और कैंडिडेट्स के लिए चिंता बढ़ा दी है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के एक हालिया पेपर लीक मामले ने यह साफ कर दिया कि राज्य में भर्ती परीक्षाओं के संचालन में बड़े बदलाव की जरूरत है. परीक्षाओं में सुरक्षा को लेकर आयोग ने अब एक बड़ा ओवरहाल करने की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके.

उत्तराखंड में हाल ही में हुए पेपर लीक के मामले के बाद सरकारी भर्ती परीक्षाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. आयोग ने घोषणा की है कि अब वॉशरूम में जैमर लगाए जाएंगे ताकि किसी भी तरह के मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से पेपर की फोटो लेने या भेजने की संभावना खत्म की जा सके.
इसके अलावा, उम्मीदवारों को टॉयलेट जाने से पहले और वापस आने के बाद तलाशी से गुजरना होगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी बनी रहे.
परीक्षा स्थगित, 45 पदों के लिए हजारों उम्मीदवार तैयार
5 अक्टूबर को सहकारी निरीक्षक और सहायक विकास अधिकारी (सहकारी) के पदों के लिए एग्जाम होने वाला था. 45 खाली पदों के लिए लगभग 10,000 कैंडिडेट्स हैं, लेकिन अब अचानक से आयोग ने परीक्षा स्थगित कर दी है. आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मार्तोलिया ने बताया कि यह फैसला उम्मीदवारों से बात करने के बाद लिया गया है और भविष्य में परीक्षा पूरी सुरक्षा के साथ आयोजित करने के लिए नई तारीख बाद में घोषित की जाएगी.
पेपर लीक की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
परीक्षा स्थगित करने का निर्णय पिछले महीने की घटना से जुड़ा है, जब 21 सितंबर को हरिद्वार केंद्र से परीक्षा का तीन पेजों का पेपर लीक हुआ था. इस मामले में उम्मीदवारों ने हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने CBI जांच का भरोसा दिया. दो आरोपियों, एक उम्मीदवार और उनकी बहन, को गिरफ्तार किया गया. कथित तौर पर उम्मीदवार ने आईफोन को परीक्षा केंद्र में छुपाया और बहन को फोटो भेजा, जिसने उत्तर हल करके वापस भेजा.
परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा बढ़ाने की योजना
अध्यक्ष ने बताया कि आयोग अब परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा मजबूत बनाने की प्लानिंग कर रहा है. अब पहले सरकारी स्कूल और कॉलेजों को चुनेंगे और उनके परिसर की जांच करेंगे, ताकि यह पता चल सके कि सुरक्षा कितनी मजबूत है. अगर सरकारी संस्थान पर्याप्त सुरक्षित नहीं होंगे, तो हम सहायक संस्थानों का उपयोग करेंगे और निजी स्कूलों को आखिरी विकल्प के रूप में चुनेंगे.
हाई-टेक तैयारी: जैमर और पुलिस तैनाती
नए उपायों के तहत आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) से 5G सिग्नल को रोकने के लिए जैमर की व्यवस्था करने में मदद मांगी है. जैमर अब परीक्षा केंद्रों के वॉशरूम में भी लगाए जाएंगे, और उम्मीदवारों को टॉयलेट जाने के पहले और बाद में जांच से गुजरना होगा. इससे पेपर लीक की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही, परीक्षा से एक दिन पहले केंद्र का निरीक्षण किया जाएगा और पुलिस अधिकारी चौबीसों घंटे तैनात रहेंगे. परीक्षा के दिन सुबह भी हॉल की जांच के लिए अधिकारियों को तैनात किया जाएगा.
देहरादून में सैकड़ों कोचिंग सेंटर
देहरादून में सैकड़ों कोचिंग सेंटर हैं जहां राज्य भर के छात्र सालों से सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. 21 सितंबर को आयोजित ग्रेजुएशन लेवल एग्जाम में पटवारी, लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी और छह अन्य पदों के लिए 416 रिक्त पद थे, और केवल देहरादून में 121 केंद्रों पर 40,000 से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए थे. यह साफ है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर उम्मीदवारों की संख्या, पेपर लीक की घटनाएं और सुरक्षा की जरूरतें मिलकर आयोग के लिए चुनौती बन गई हैं.
सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता
सुरक्षा के नए कदम, हाई-टेक जैमर, बायोमेट्रिक पहचान और सरकारी संस्थानों में परीक्षा आयोजित करने जैसी योजनाओं से यह साफ हो जाता है कि आयोग अब सिस्टम में बदलाव को गंभीरता से ले रहा है. उत्तराखंड में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के लिए यह नया अध्याय उम्मीदवारों के भरोसे और परीक्षा की ईमानदारी को फिर से मजबूत करने की कोशिश है. अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगली परीक्षा कब होगी और यह कितनी सुरक्षित परिस्थितियों में आयोजित की जाएगी.