ए मनोरमा, बता ना यार... शपथ भी नहीं पढ़ पाईं नवादा विधायक विभा देवी, बगल में बैठी MLA ने की मदद
बिहार विधानसभा के शपथ ग्रहण सत्र में एक भावुक और अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब नवादा से निर्वाचित विधायक विभा देवी शपथ पढ़ते समय अटक गईं. बगल में बैठी महिला विधायक ने तुरंत उनकी मदद की, जिससे सदन में साथीपन और सहयोग की मिसाल देखने को मिली. पहली बार सदन पहुंची विभा देवी का यह पल चर्चा का विषय बन गया. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी और कृष्णनंदन पासवान को भी शपथ दोबारा पढ़नी पड़ी.
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आमतौर पर औपचारिक शपथों, गंभीर माहौल और राजनीतिक औपचारिकताओं से जुड़ा रहता है लेकिन इस बार सदन के भीतर एक ऐसा मानवीय और दिलचस्प पल देखने को मिला जिसने पूरे दिन की चर्चाओं का रुख बदल दिया. नवादा से नव-निर्वाचित विधायक विभा देवी जब शपथ लेने पहुंचीं, तो कुछ शब्दों पर लड़खड़ाते ही सदन में एक पल के लिए सन्नाटा पसर गया. लेकिन इसी तनावभरे क्षण में बगल में बैठी महिला विधायक ने आगे बढ़कर जिस तरह उनकी मदद की, वह दृश्य राजनीति में सहयोग और संवेदनशीलता की मिसाल बन गया.
यह घटना केवल शपथ ग्रहण के दौरान हुई एक सामान्य चूक नहीं थी बल्कि पहली बार सदन पहुंचीं विभा देवी के आत्मविश्वास, उनकी झिझक, और साथ ही सदस्यों के बीच सद्भावना का एक अनोखा प्रदर्शन था. बिहार की राजनीति अक्सर टकरावों और आरोपों में घिरी रहती है, लेकिन यह छोटा सा पल यह याद दिलाता है कि लोकतंत्र में मानवीयता आज भी जिंदा है.
शपथ लेते समय अटक गईं विभा देवी
नवादा सीट से जीतकर पहली बार सदन पहुंचीं जदयू विधायक विभा देवी आत्मविश्वास के साथ माइक तक पहुंचीं. लेकिन जैसे ही उन्होंने शपथ पढ़ना शुरू किया, एक-दो शब्दों पर उनका उच्चारण अटक गया. उनके चेहरे पर झिझक और तनाव साफ झलक रहा था, जिससे कुछ पल के लिए सदन शांत हो गया.
बगल में बैठी विधायक ने तुरंत की मदद
विभा देवी की परेशानी देखते ही बगल में बैठी एक महिला विधायक आगे बढ़ीं और धीरे-धीरे उनके कान में सही शब्द बताते हुए उन्हें शपथ पूरी करवाने में सहयोग दिया. सदन में बैठे कई सदस्य मुस्कुरा रहे थे और तालियों के बीच उन्होंने पूरी शपथ पढ़ी. यह दृश्य राजनीतिक मतभेदों से परे सदन की एकजुटता दिखाता था.
पति की विरासत का दबाव
विभा देवी पूर्व राजद विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं. नवादा में उनके परिवार का राजनीतिक प्रभाव बड़ा है. यह पहली बार था जब वह स्वयं विधायक बनकर सदन पहुंचीं. उनकी झिझक यह भी दर्शाती है कि राजनीतिक विरासत से निकलकर खुद की पहचान बनाना किसी नए जनप्रतिनिधि के लिए कितना चुनौतीपूर्ण होता है.
शपथ बाद दिखा आत्मविश्वास
शपथ पूरी होने के बाद विभा देवी ने मुस्कुराकर सदन का अभिवादन किया. सीट पर लौटते समय उन्होंने विशेष रूप से उस विधायक को धन्यवाद दिया जिसने उनकी मदद की थी. बाद में उन्होंने कहा, “पहली बार सदन में आई हूं, तनाव था… लेकिन सबने हौसला बढ़ाया.”
कौन हैं विभा देवी?
243 विधानसभा क्षेत्रों में नवादा सबसे महत्वपूर्ण सीटों में एक है. 2025 चुनाव में जदयू प्रत्याशी विभा देवी ने 87,423 वोटों से जीत दर्ज की. चुनाव से पहले वे राजद में थीं और अक्टूबर में नीतीश कुमार के साथ जुड़ीं. उनके पति राजबल्लभ यादव हाल ही में POCSO मामले में बरी हुए हैं, जिसका नवादा की राजनीति पर गहरा असर रहा है.
पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी को भी दोबारा पढ़नी पड़ी शपथ
सदन का यह पहला दिन केवल नए विधायकों के लिए ही नहीं, बल्कि अनुभवी नेता रेणु देवी के लिए भी चुनौती भरा रहा. कई बार विधायक और बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री रह चुकीं रेणु देवी शपथ पढ़ते समय दो बार शब्दों में अटक गईं. प्रोटेम स्पीकर ने उन्हें रोककर सही प्रारूप समझाया, जिसके बाद उन्होंने फिर से शपथ ली.
कृष्णनंदन पासवान भी अटके
रेणु देवी के बाद बीजेपी विधायक कृष्णनंदन पासवान भी शपथ पढ़ते समय वही गलती कर बैठे एक साथ “ईश्वर की शपथ” और “सत्यनिष्ठा” दोनों पढ़ दिए. प्रोटेम स्पीकर ने तुरंत उन्हें रोका और प्रक्रिया समझाई. बाद में उन्होंने दोबारा शपथ ली.
शपथ ग्रहण का पहला दिन
पहले दिन कई नए विधायकों को शब्दों में कठिनाई हुई कुछ झिझके, कुछ अटके, लेकिन हर बार सदन ने तालियों और सहयोग के साथ उन्हें संभाला. राजनीतिक गहमागहमी के बीच यह दिन याद दिलाता है कि लोकतंत्र केवल बहस का मंच नहीं, बल्कि सीखने, बढ़ने और साथ देने की प्रक्रिया भी है.





