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बेतिया पुलिस लाइन में खून की होली, निजी रंजिश में सिपाही ने साथी को गोलियों से भूना; जांच में आया चौंकाने वाला मोड़

बेतिया पुलिस लाइन में शनिवार रात ड्यूटी के दौरान दो सिपाहियों के बीच विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया. आरोपी सिपाही सर्वजीत ने साथी सोनू कुमार पर सर्विस राइफल से 12 गोलियां दाग दीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. शुरुआती जांच में निजी रंजिश की आशंका जताई जा रही है. पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बेतिया पुलिस लाइन में खून की होली, निजी रंजिश में सिपाही ने साथी को गोलियों से भूना; जांच में आया चौंकाने वाला मोड़
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 20 April 2025 8:54 AM

बेतिया पुलिस लाइन में शनिवार रात ड्यूटी पर तैनात दो सिपाहियों के बीच का तनाव जानलेवा बन गया. मामूली कहासुनी ने ऐसी भयावह शक्ल ली कि सिपाही सर्वजीत कुमार ने अपनी सर्विस राइफल से साथी सिपाही सोनू कुमार पर 12 गोलियां दाग दीं. मौके पर ही सोनू की मौत हो गई. गोलीबारी के बाद पुलिस लाइन में अफरा-तफरी मच गई और अन्य जवानों ने तत्काल सर्वजीत को काबू में कर लिया.

घटना के बाद सर्वजीत बैरक की छत पर चढ़ गया और वहां से भी फायरिंग करने लगा. गोलियों की आवाज से पुलिस केंद्र में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. जैसे ही वरिष्ठ अधिकारी घटना की सूचना पर पहुंचे, सर्वजीत को हथियार सहित पकड़ा गया और हिरासत में ले लिया गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और परिजनों को सूचित कर दिया गया है.

नई पोस्टिंग-पुराना विवाद

मृतक सिपाही सोनू कुमार भभुआ जिले के रहने वाले थे, जबकि आरोपी सर्वजीत आरा से हैं. दोनों कुछ ही दिन पहले सिकटा थाने से ट्रांसफर होकर बेतिया पुलिस लाइन में एक साथ पोस्ट हुए थे. शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों के बीच पहले से ही निजी विवाद था, जो बढ़ते-बढ़ते अब इस खौफनाक अंजाम तक पहुंच गया.

पर्सनल रंजिश या कुछ और?

पुलिस फिलहाल घटना की तह तक जाने की कोशिश कर रही है. डीआईजी हरकिशोर राय ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आपसी रंजिश का लग रहा है. हालांकि, कुछ सूत्रों का दावा है कि मृतक जवान सोनू का आरोपी सिपाही की पत्नी से संपर्क था, जिससे सर्वजीत नाराज था. पुलिस इस संभावित कारण की भी जांच कर रही है लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

सवालों के घेरे में पुलिस लाइन की व्यवस्था

यह घटना न सिर्फ दो जवानों के बीच के विवाद की त्रासदी है, बल्कि पुलिस बल की आंतरिक अनुशासन व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है. हथियारों की उपलब्धता, तनावपूर्ण माहौल और मनोवैज्ञानिक सहयोग की कमी जैसे मुद्दों को अब गंभीरता से देखने की ज़रूरत है. एसडीपीओ विवेक दीप के नेतृत्व में पूछताछ जारी है और जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है.

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