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सांसद ने CJI को सुना दी खरी-खरी, हंगामे के बाद बीजेपी ने किया किनारा; जानें विपक्षी दलों ने क्या कहा | Video

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कोर्ट देश में गृह युद्ध के लिए ज़िम्मेदार है. उनके बयान से सियासी तूफान मच गया। भाजपा ने इसे निजी विचार बताते हुए पल्ला झाड़ लिया, जबकि कांग्रेस और AAP ने तीखी प्रतिक्रिया दी. विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.

सांसद ने CJI को सुना दी खरी-खरी, हंगामे के बाद बीजेपी ने किया किनारा; जानें विपक्षी दलों ने क्या कहा | Video
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नवनीत कुमार
By: नवनीत कुमार

Updated on: 20 April 2025 9:17 AM IST

भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक ऐसा बयान दे डाला जिसने पूरे सियासी माहौल में हलचल मचा दी है. उन्होंने सीधे तौर पर भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को देश में 'गृहयुद्ध' जैसी स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने ये तक कह डाला कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाने लगे, तो फिर संसद को बंद ही कर देना चाहिए! अब ज़रा सोचिए, एक सांसद से ऐसे शब्दों की उम्मीद की जा रही थी क्या?

मामला वक्फ अधिनियम में हुए हालिया बदलावों को लेकर चल रही सुनवाई का है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कुछ सवाल उठाए, जिस पर सरकार ने कुछ प्रावधानों को फिलहाल लागू ना करने की बात कही. इसी के बाद दुबे जी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ पोस्ट डाल दिए. X (पहले ट्विटर) पर उनकी बातों से माहौल गरमा गया.

निशिकांत दुबे ने क्या कहा?

दुबे का कहना है कि अदालत अपनी हदें पार कर रही है. संसद द्वारा पास किए गए कानूनों को रद्द कर रही है और यहां तक कि राष्ट्रपति को भी निर्देश दे रही है. उन्होंने सवाल उठाया, "भाई अगर सुप्रीम कोर्ट ही सब कुछ करेगा, तो फिर सांसद लोग क्या करेंगे? घर बैठ जाएं?" उनके मुताबिक कोर्ट तीसरा सदन बनने की कोशिश कर रहा है, जो संविधान के खिलाफ है.

बीजेपी ने किया किनारा

भाजपा ने इस पूरे विवाद से फौरन किनारा कर लिया. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ-साफ कहा कि यह दुबे और दिनेश शर्मा (दूसरे भाजपा सांसद) के निजी विचार हैं. पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा हमेशा से ही न्यायपालिका का सम्मान करती आई है और करती रहेगी.

क्या बोले सलमान खुर्शीद?

इस बयान के बाद विपक्ष ने भी निशाना साधना शुरू कर दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद बोले, "अगर कोई सांसद सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाता है, तो यह लोकतंत्र के लिए एक खतरे की घंटी है. हमारी व्यवस्था में आख़िरी फैसला सरकार का नहीं, कोर्ट का होता है. ये बात समझनी बहुत जरूरी है."

आप ने भी किया हमला

आम आदमी पार्टी ने भी हमला बोल दिया. प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दुबे का बयान बेहद घटिया है और सुप्रीम कोर्ट को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए. उन्होंने यहां तक कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर अवमानना का केस चलाकर सांसद को जेल भेजना चाहिए.

जयराम रमेश ने साधा निशाना

कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि कोर्ट ने कई मौकों पर सरकार के फैसलों को असंवैधानिक करार दिया है- जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड वाला मामला. उन्होंने कहा कि जब भी कोर्ट संविधान की रक्षा की बात करता है, भाजपा बौखला जाती है.

तुमलोग ट्यूबलाइट हो: ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को बीजेपी नेताओं पर तंज कसते हुए उन्हें "ट्यूबलाइट" करार दिया. यह बयान उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी के जवाब में दिया. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी नेताओं की समझ देर से जागती है, जब तक मामला हाथ से निकल चुका होता है.

अब असली सवाल ये उठता है कि क्या अदालत को उसके काम करने से रोका जा सकता है? क्या कानून पर सवाल उठाने की जगह, हमें उसे ठीक से समझने की ज़रूरत नहीं है? संसद कानून बनाए, कोर्ट उसकी व्याख्या करे- यही तो बैलेंस है हमारे लोकतंत्र का. लेकिन जब बयानबाज़ी से माहौल गर्माने की कोशिश होती है, तो सिस्टम के सारे गियर लड़खड़ा जाते हैं.

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