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बिहार चुनाव 2025: जहां हटे और जुड़े सबसे ज़्यादा वोटर, वहां रहा NDA का दबदबा - EC के आंकड़ों से बड़ा सामने आया चुनावी गणित

बिहार चुनाव 2025 के बाद चुनाव आयोग के आंकड़ों से बड़ा पैटर्न सामने आया है - जहां वोटर लिस्ट में सबसे ज़्यादा नाम हटाए गए या सबसे ज़्यादा नए वोटर जुड़े, उन ज्यादातर सीटों पर NDA ने बढ़त बनाई. सबसे अधिक और सबसे कम डिलीशन/एडिशन वाली सीटों पर भी NDA का प्रभाव दिखा. उच्च या निम्न मतदान वाले क्षेत्रों - चाहे पुरुष हों या महिलाएं - अधिकांश श्रेणियों में NDA विजयी रहा. यह NDA की मजबूत चुनावी पकड़ और स्थिर वोटबैंक को दर्शाता है.

बिहार चुनाव 2025: जहां हटे और जुड़े सबसे ज़्यादा वोटर, वहां रहा NDA का दबदबा - EC के आंकड़ों से बड़ा सामने आया चुनावी गणित
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 20 Nov 2025 9:58 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का नतीजा आ चुका है, और अब चुनाव आयोग (EC) द्वारा जारी किए गए नए आंकड़े इस चुनाव के बेहद दिलचस्प पैटर्न को उजागर करते हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि वोटर लिस्ट में जिन विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक नाम हटाए गए (deletions) और जहां सबसे अधिक नए वोटर जोड़े गए (additions), उन दोनों ही तरह की सीटों पर NDA ने स्पष्ट बढ़त बनाई. विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया के दौरान हुए नामों के हटने और जुड़ने ने कई सीटों पर चुनावी गणित को नया रूप दिया, और अंतिम नतीजे NDA के पक्ष में गए.

चुनाव आयोग के अनुसार, जिन पांच विधानसभा सीटों पर SIR के दौरान सबसे अधिक वोटर डिलीट हुए, उनमें से चार सीटों पर NDA के उम्मीदवार विजयी रहे. यह पैटर्न बताता है कि वोटर लिस्ट के बृहद बदलावों का चुनावी लाभ NDA को मिला.

1. गोपालगंज - सबसे अधिक 56,793 डिलीशन, और BJP की लगातार पांचवीं जीत

गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 56,793 नाम हटाए गए. इसके बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की. यह न सिर्फ संगठनात्मक मजबूती को दिखाता है, बल्कि यह भी कि वोटर-लिस्ट में बड़े बदलाव के बाद भी BJP का कोर वोटबैंक स्थिर बना रहा.

2. पूर्णिया - 50,767 डिलीशन, BJP की जीत

पूर्णिया, जहां 50 हजार से अधिक हटाए गए नाम (राज्य में दूसरा सबसे बड़ा डिलीशन), वहां भी BJP ने जीत दर्ज की. पूर्णिया और किशनगंज ही ऐसी दो सीटें थीं जहां 50 हजार से अधिक नाम हटाए गए.

3. मोतिहारी - 49,747 डिलीशन, BJP का कब्जा बरकरार

मोतिहारी में करीब 50 हजार नाम हटे, लेकिन इसका चुनावी असर BJP के खिलाफ नहीं गया. पार्टी ने यहां भी क्लीन स्वीप किया.

4. कुचायकोट - 43,226 डिलीशन, JD(U) की जीत

कुचायकोट में सबसे अधिक डिलीशन वाली सीटों में चौथे नंबर पर रहते हुए 43,226 नाम हटाए गए. यहां जनता दल (यूनाइटेड) (JD(U)) की जीत ने NDA का झंडा बुलंद रखा.

5. किशनगंज - 42,940 डिलीशन, कांग्रेस की जीत

इस श्रेणी की एकमात्र सीट जहां विपक्षी महागठबंधन ने जीत दर्ज की. कांग्रेस ने यहां अपनी पकड़ बनाए रखी.

सबसे कम डिलीशन वाली सीटें - यहां भी NDA आगे

जिन पांच सीटों में सबसे कम वोटर हटाए गए, वहां भी NDA ने मजबूत प्रदर्शन किया. ये सीटें थीं:

  • दरभंगा (2,859 डिलीशन – राज्य में सबसे कम)
  • चनपटिया (6,031)
  • बेतिया (6,076)
  • देहरी (6,219)
  • महुआ (6,302)

इनमें BJP और चिराग पासवान की LJP(RV) ने दो-दो सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को एक सीट मिली. महुआ विशेष रूप से चर्चा में रहा, क्योंकि यहां RJD से बगावत करने वाले तेज प्रताप यादव, जो अपनी नई बनाई जंशक्ति जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे, हार गए.

सबसे अधिक नए वोटर जोड़ने वाली सीटें - NDA के लिए मिक्‍स रहे नतीजे

चुनाव आयोग के अनुसार, नौतन विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 5,434 नए वोटर जोड़े गए. यह पूरे बिहार में इकलौती सीट थी जहां 5,000 से अधिक नए वोटर शामिल हुए. इस सीट पर BJP की जीत हुई, जो बताता है कि नए वोटरों ने भी NDA की ओर झुकाव दिखाया.

इन पांच सीटों में सबसे अधिक नए नाम जुड़ने के बावजूद, परिणाम इस प्रकार रहे:

  • BJP - 2 सीटें
  • JD(U) - 1 सीट
  • LJP(RV) - 1 सीट
  • कांग्रेस - 1 सीट

नए वोटर जोड़ने वाली अन्य सीटें थीं:

  • ठाकुरगंज (4,728)
  • चेनारी (4,689)
  • अररिया (4,444)
  • तरारी (3,787)

सबसे कम नए वोटर जोड़ने वाली सीटें - सभी 5 पर जीती NDA

यहां NDA का प्रभाव सबसे अधिक दिखा. सभी सीटों पर NDA ने जीत हासिल की:

  • छातापुर - केवल 179 नए वोटर (सबसे कम)
  • निर्मली - 316
  • पिपरा - 336
  • बिहारीगंज - 438
  • सिमरी बख्तियारपुर - 470

इन पांच में से तीन JD(U), एक BJP और एक LJP(RV) के खाते में गई.

टर्नआउट के आंकड़े - कौन जहां जीता?

सबसे अधिक कुल मतदान वाली सीटें

राज्य की पांच सर्वाधिक वोटिंग वाली सीटें रहीं:

  • कसबा (81.97%)
  • बरारी (81.73%)
  • ठाकुरगंज (81.57%)
  • प्रनपुर (81.17%)
  • किशनगंज (80.81%)

इनमें JD(U) ने 2 सीटें जीतीं, जबकि BJP, LJP(RV) और कांग्रेस को एक-एक सीट मिली.

सबसे कम मतदान वाली सीटें - सभी NDA के पास

  • कुम्हरार (40.22%)
  • बांकीपुर (41.39%)
  • दीघा (42.84%)
  • बिहारशरीफ (55.22%)
  • नवादा (55.27%)

इन सभी पांच सीटों पर NDA की जीत हुई - 4 BJP ने और 1 JD(U) ने जीता.

महिला वोटिंग पैटर्न - AIMIM की बड़ी बढ़त

सबसे अधिक महिला मतदान वाली पाँच सीटों पर दिलचस्प रुझान दिखा:

  • ठाकुरगंज (90.27%)
  • कोचाधामन (89.22%)
  • प्रनपुर (88.99%)
  • बैसी (88.89%)
  • अमौर (88.09%)

यहां असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने तीन सीटें जीतीं, जबकि BJP और JD(U) को एक-एक सीट मिली. यह दर्शाता है कि उच्च महिला मतदान ने कई जगहों पर AIMIM को बढ़त दिलाई.

सबसे कम महिला मतदान - सभी सीटें BJP के खाते में

  • कुम्हरार (39.13%)
  • बांकीपुर (39.86%)
  • दीघा (41.46%)
  • बिहारशरीफ (54.83%)
  • भागलपुर (55.42%)

ये सभी पांच सीटें BJP ने जीतीं, जो शहरी क्षेत्रों में BJP की पकड़ को मजबूत प्रदर्शित करता है.

सबसे अधिक पुरुष मतदान वाली पांच सीटों में परिणाम इस प्रकार रहे:

  • BJP - 2
  • JD(U) - 1
  • LJP(RV) - 1
  • कांग्रेस - 1

लेकिन जिन पांच सीटों में पुरुष मतदान सबसे कम रहा, उन सभी पर NDA ने जीत दर्ज की:

  • BJP - 3
  • JD(U) - 1
  • LJP(RV) - 1

चुनाव आयोग के आंकड़े साफ बताते हैं कि चाहे सबसे अधिक डिलीशन वाली सीटें हों या सबसे कम एडिशन वाली, चाहे सबसे कम महिला मतदान या सबसे कम पुरुष मतदान, लगभग सभी श्रेणियों में NDA ने बढ़त बनाए रखी. इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि NDA का गठजोड़ न सिर्फ अपने पारंपरिक वोटबैंक को सहेजने में सफल रहा, बल्कि नए वोटरों, कम मतदान वाले इलाकों और बड़े बदलाव से गुजर रही सीटों - सभी में अपनी चुनावी पकड़ को मजबूत रखने में कामयाब रहा.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
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