बिहार कांग्रेस में कैसे घुसे RSS कार्यकर्ता? उम्मीदवारों को अपने ही बताने लगे एजेंट, अल्लावरु को हटाने की मांग को लेकर बवाल
बिहार कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है. कुछ नाराज नेता तो धरने पर भी बैठ गए. कुछ ने मीडिया में इस बात को उछाल दिया. कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि आरएसएस विचारधारा से जुड़े लोगों को पार्टी ने उम्मीदवार बना दिया है. नाराज नेताओं ने प्रदेश प्रभारी अल्लावरु पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है.
बिहार कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा. अब यह मामला शीर्ष नेतृत्व यानी दिल्ली तक पहुंच गया है. नाराज नेताओं का आरोप है कि आरएसएस कनेक्शन वाले उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं. कई वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर विरोध जताते हुए कहा कि कांग्रेस अपने मूल विचारधारा से भटक रही है और संघ के एजेंटों को आगे बढ़ा रही है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस पूरे विवाद के बीच प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु असंतुष्टों के निशाने पर हैं. उन्हें हटाने की मांग तेज हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद माधब के हवाले से लिखा है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु संघ के आदमी हैं. राहुल गांधी उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाएं. उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. सिर्फ माधव आनंद ही नहीं बल्कि बिहार कांग्रेस के कई नेताओं ने गुरुवार को पटना स्थित बिहार कांग्रेस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश प्रभारी पर 'कॉर्पोरेट एजेंट' और 'आरएसएस का स्लीपर सेल' तक करार दिया.
शिकायत करने के लिए कांग्रेस में नहीं है व्यवस्था
बिहार कांग्रेस के नेताओं के हाथ में 'टिकट चोर, बिहार छोड़' के नारे वाली तख्तियां थीं. इन नेताओं आरोप है कि वे धरना इसलिए दे रहे हैं क्योंकि पार्टी के भीतर किसी शिकायत निवारण तंत्र का अभाव है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक आवाज पहुंचाने का उनके पास और कोई रास्ता नहीं है. कांग्रेस के नाराज नेताओं का कहना है, 'हम चाहते हैं कि हमारी आवाज राहुल गांधी तक पहुंचे, इसलिए, हम प्रेस से बात कर रहे हैं. अल्लावरु ने राहुल गांधी की दो हफ़्ते तक चली मतदाता अधिकार यात्रा से पक्ष में बनी लहर को भी नुकसान पहुंचाया है.
किसने लगाए 'टिकट चोर' होने के आरोप
बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद माधव ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बगावत का झंडा बुलंद किया था. साथ ही अल्लावरु पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को बिगाड़ा है. पैसे लेकर टिकट बेचा है.
अल्लावरु का कॉर्पोरेट एजेंडा
माधव आनंद ने यह कहते हुए कि अगर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अल्लावरु की बजाय कोई 'राजनीतिक व्यक्ति' होते, तो मौजूदा स्थिति न होती, माधब आनंद ने संदेह जताया कि वह आरएसएस के एजेंट हो सकते हैं. अल्लावरु कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं. हमें संदेह है कि वह एक कॉर्पोरेट एजेंडा हैं... शायद आरएसएस का कोई स्लीपर सेल भी हों, जिसे पार्टी के बाहर की ताकतों ने स्थापित किया है.
कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करे आलाकमान
माधब आनंद की मांग है कि अल्लावरु की जगह तुरंत किसी राजनीतिक व्यक्ति को लाया जाए. पार्टी के मामलों को संभालने के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष होना चाहिए. हमारे प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, जो पहले ही अल्लावरु के सामने अपनी लाचारी जता चुके हैं, कुटुम्बा सीट से अपनी संभावनाओं को संभालने में व्यस्त हैं. इसी तरह, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान कदवा से चुनाव लड़ रहे हैं. उन दोनों को हमारी शुभकामनाएं.
ये है बगावत की वजह
माधब ने इस बात से इनकार किया कि बगावत का कारण उन्हें और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले अन्य नेताओं को टिकट न मिलना था. अगर यह सच होता, तो हम अब आवाज क्यों उठा रहे होते? नामांकन पत्र पहले ही दाखिल हो चुके हैं और कोई भी दबाव हमें टिकट दिलाने में मदद नहीं कर सकता. हम बिहार में कांग्रेस को बर्बाद होने से बचाना चाहते हैं. बिहार कांग्रेस नेताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अल्लावरु को हटाने की मांग की, उन पर 'आरएसएस एजेंट' होने का आरोप लगाया
आरोप सही निकले तो होगी कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस के करीब एक दर्जन सक्रिय सदस्यों को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारे गए हैं. पार्टी आलाकमान तक इसकी सूचना पहुंच गई है. कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने आरएसएस के संभावित उम्मीदवार चेक करने का आदेश दिया है.पार्टी ने इस मामले के आरोपी दो सीनियर नेताओं की पहचान भी की है. सूत्रों का कहना है कि बिहार चुनाव प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से भी इस मामले में पार्टी आला कमान ने जवाब मांगा है.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी के दो बड़े नेताओं के कहने पर अधिकांश टिकट बांटे गए हैं. पार्टी ने जिन लोगों को टिकट दिया उनमें से अधिकांश आरएसएस के सक्रिय सदस्य रहे हैं. वे टिकट मिलने से कुछ दिन पहले तक आरएसएस के कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका में काम करते नजर आए हैं.
RSS के इन लोगों को दिए गए टिकट
पटना के कुम्हार विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदीप चंद्रवंशी और पश्चिम चंपारण का नौतन विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी अमित गिरी का मामला सबसे ज्यादा गंभीर है. दोनों के संबंध में पार्टी के पास जो इनपुट है उसके अनुसार ये काफी समय आरएसएस से जुड़े हुए हैं. दोनों आरएसएस के सक्रिय सदस्य रहे हैं. साथ ही बीजेपी सांसद संजय जायसवाल के करीबी हैं. इनकी पैरवी करने वाले नेताओं पर अब कार्रवाई की भी चर्चा है. इसके अलावा फारबिसगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज विश्वास, नालंदा से कौशलेंद्र उर्फ छोटे मुखिया, पूर्णिया कस्बा से इरफान आलम, रक्सौल से श्याम बिहारी प्रसाद, सोनबरसा से सरिता पासवान व अन्य शामिल हैं.
राजेश राम दें सवालों के जवाब
कांग्रेस पार्टी आला कमान ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम से पूछा है कि क्या इसकी आपको सूचना थी? सूचना थी तो क्या आपने चुनाव प्रभारी समेत पार्टी के वरीय नेताओं को इसकी सूचना दी थी क्या? अगर नहीं दी तो क्यों नहीं दी? इन सवालों का स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
किसने की थी RSS उम्मीदवारों की पैरवी?
कांग्रेस आलाकमान ने टिकट की पैरवी करने वाले दो नेताओं की पहचान कर ली है. कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं की कांग्रेस में टिकट बंटवारे में खूब चली है. आरोप है कि बड़ी राशि लेकर दोनों ने टिकट दिए हैं. जिन दो टिकट को लेकर पार्टी ज्यादा गंभीर है उनमें एक आरजेडी से कांग्रेस में एंट्री मारी है दूसरे को पार्टी ने अभी तक अपनी सदस्यता तक नहीं दी है.





