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Bihar Chunav Result: क्या जयचंदों ने आरजेडी का कर दिया बंटाधार, तेजप्रताप के बयान में कितना दम?

बिहार चुनाव के नतीजों के बाद तेज प्रताप यादव ने आरजेडी की हार के लिए ‘जयचंदों’ को जिम्मेदार ठहराया है. क्या वाकई पार्टी के अंदरूनी गुटबाजी और बागी नेताओं ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया. टिकट बंटवारे की गलतियों और लोकसभा चुनाव में टूटे कैडर ने पार्टी की नींव हिलाकर रख दी.

Bihar Chunav Result: क्या जयचंदों ने आरजेडी का कर दिया बंटाधार, तेजप्रताप के बयान में कितना दम?
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( Image Source:  Tej pratap yadav facebook )

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी को मिली करारी हार के बाद पार्टी में खुलकर नाराजगी के स्वर उठने लगे हैं. जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने बयान देते हुए आरोप लगाया कि जयचंदों ने आरजेडी का बंटाधार कर दिया. सवाल यह है कि क्या वाकई अंदरूनी विश्वासघात, टिकट बंटवारे की गलतियों और लोकसभा चुनाव में टूटे कैडर ने पार्टी की नाव डुबो दी? या यह बयान सिर्फ हार का ठीकरा फोड़ने की कोशिश है? विस्तार समझें तेज प्रताप के आरोपों में कितना दम है.

लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने महुआ से चुनावी हार के बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जयचंद ने आरजेडी को कमजोर कर दिया. उन्होंने परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि पब्लिक लाइफ में इसके लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने संजय यादव पर भी कटाक्ष किया.

हमारी हार भी जीत है

जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "महुआ से हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है. आज के परिणामों को मैं जनादेश के रूप में स्वीकार करता हूं. हमारी हार भी जीत है, क्योंकि बिहार ने यह साफ संदेश दे दिया है कि अब राजनीति परिवारवाद की नहीं, सुशासन और शिक्षा की होगी."

तेजस्वी फेलस्वी हो गया - तेज प्रताप

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 पर तेज प्रताप यादव ने आगे कहा, "ये जयचंदों की करारी हार है, हमने पहले ही कहा था इस चुनाव के बाद बिहार से कांग्रेस समाप्त हो जाएगी और वो साफ-साफ दिख रहा है. मेरे साथ जनता का प्रेम, विश्वास और आशीर्वाद है, लेकिन सच्चाई कड़वी है. इन जयचंदों ने RJD को भीतर से खोखला कर दिया है. यही वजह है कि इस बार तेजस्वी फेलस्वी हो गया."

तेजस्वी की चुनावी रणनीति पर उठाए सवाल

तेज प्रताप यादव के मुताबिक तेजस्वी की रैलियों में भीड़ तो खूब दिखी, लेकिन उसे वोट में बदलने में मशीनरी नाकाम रही. रोजगार और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे उठाए गए, लेकिन ग्रामीण इलाकों में जातीय समीकरण एनडीए के पक्ष में समेट लिए गए. सियासी जानकारों का कहना है कि कई विश्लेषकों का मानना है कि रणनीति में कमजोरियों का जिम्मा केवल ‘जयचंदों’ पर डालना आसान रास्ता है. तेज प्रताप के इस आरोप पर अभी तक तेजस्वी यादव का बयान नहीं है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025बिहारतेज प्रताप यादव
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