Begin typing your search...

NDA के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर घमासान, CPI माले 45 तो VIP 60 सीटों पर अड़ी, सहयोगियों को कैसे साधेंगे तेजस्वी?

Seat Distribution In Mahagathbandhan: महागठबंधन या इंडिया गठबंधन में आरजेडी (RJD) प्रमुख पार्टी है. सीट शेयरिंग के लिए गठित कमेटी के प्रमुख तेजस्वी यादव हैं. उनके सामने इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को साथ लेकर चलने की चुनौती है. ऐसे में टिकट बंटवारे का काम उनके लिए किसी जोखिम से कम नहीं है. जानें क्यों?

NDA के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर घमासान, CPI माले 45 तो VIP 60 सीटों पर अड़ी, सहयोगियों को कैसे साधेंगे तेजस्वी?
X
( Image Source:  Social )

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. टिकट बंटवारे को लेकर 12 जून को पटना में महागठबंधन में शामिल दलों की बैठक प्रस्तावित है. बैठक से पहले कांग्रेस, वीआईपी और वामदलों ने आजेडी नेता तेजस्वी यादव की परेशानी बढ़ा दी है. ऐसा इसलिए कि वो सीट बंटवारे को लेकर बनी कमेटी के प्रमुख भी हैं. ऐसे में सहयोगी दलों की महत्वाकांक्षा और सभी को साथ लेकर चलना उनके लिए आसान नहीं होगा.

किसने कितने सीटों पर ठोका दावा

वामपंथी गठबंधन CPI माले ने 45 सीटों पर दावेदारी ठोकी है. पार्टी की 45 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. पार्टी ने चुनाव से पहले 12 से 27 जून तक पार्टी 'बदलो सरकार, बदलो बिहार' नाम से चार यात्राएं निकालने का फैसला लिया है. ये यात्राएं शाहाबाद, मगध, चंपारण और तिरहुत क्षेत्र में निकाली जाएंगी.

विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी मार्च में ही तय किया है कि वे 60 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. VIP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया था. गठबंधन की बैठक में कुछ सीटें कम या ज्यादा होने की संभावना है.

कांग्रेस पार्टी इस बार बिहार में आक्रामक मूड में हैं. कांग्रेस इस बार भी साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की तरह 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है. पार्टी के नेता कन्हैया कुमार बिहार में इसको लेकर यात्रा कर रहे हैं. कांग्रेस की रणनीति से साफ है कि वो इस बार 70 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी. इसको लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच मतभेद की बातें भी सामने आ चुकी हैं.

2020 में महागठबंधन में शामिल दलों का प्रदर्शन

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में विकासशील इंसान पार्टी महागठबंधन में शामिल नहीं थी. कुल 243 सीटों में से आरजेडी ने 144, कांग्रेस ने 70, CPI माले ने 19, CPI ने 6 और CPI ने 4 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. महागठबंधन को सिर्फ 110 सीटों पर जीत मिली थी. RJD ने 75, कांग्रेस ने 19 और वामपंथी दलों के समूह ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी.

पटना में सियासी बीट देख रहे कए वरिष्ठ पत्रकार का इंडिया गठबंधन में सीटों की दावेदारी पर कहना है कि महागठबंधन या इंडिया गठबंधन में आरजेडी प्रमुख पार्टी है. सीट शेयरिंग के लिए गठित कमेटी के प्रमुख तेजस्वी यादव हैं. इस लिहाज से आरजेडी का महागठबंधन में अपर हैंड है. इसके अलावे, इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां सीपीआई, सीपीआई माले और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं. इस बार लोक जनशक्ति पार्टी पारस गुट ने भी महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है.

तेजस्वी यादव इस बार कांग्रेस को 70 सीट देने के मूड में नहीं हैं. कांग्रेस का प्रदर्शन 2020 में बहुत खराब रहा था. जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ी हुई है. वीआईपी और वाम गठबंधन में शामिल ने मिलकर 105 सीटों पर दावा ठोका है. इस हिसाब से 243 में से 175 सीटों पर सहयोगी दल ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में रजेडी के लिए तो 68 सीटों ही बचेंगी. जबकि एलजेपी पारस गुट को शामिल करने पर उसे भी कुछ सीटें देनी पड़ेगी. कल इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं की बैठक है. सभी को उसी का इंतजार है.

सीटों का बंटवारा तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती

दरअसल, कांग्रेस, VIP और वामपंथी पार्टियां इस बार अपनी ताकत बढ़ाने पर जोर दे रही हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव के सामने सभी दलों को साथ लेकर चलने की चुनौती है. इस बार तेजस्वी यादव टिकट बंटवारे में सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं. तेजस्वी यादव कांग्रेस को इस बार 70 सीट देने के मूड में नहीं हैं. उनका मानना है कि अगर साल 2020 में कांग्रेस को कुछ कम सीटें दी होती तो आरजेडी की सरकार बन जाती. दूसरी तरफ इस बार सीपीआई माले अपने प्रदर्शन के आधार पर ज्यादा सीटें मांग रही है. यहां इस बात का जिक्र कर दें कि सीटों पर सहमति न बनने की वजह से ही बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले जीतन राम मांझी और वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने अंतिम समय में एनडीए से हाथ मिला लिया था.

साफ है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जारी तनातनी ने एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अगर सहमति नहीं बनी तो इसका सीधा असर चुनावी रणनीति पर पड़ेगा.

खींचतान सियासी प्रक्रिया का हिस्सा- नवल किशोर यादव

आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने टिकट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान पर कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया का एक हिस्सा है. 12 जून को टिकट बंटवारे को लेकर गठित कमेटी की चौथी बैठक है. महागठबंधन के सभी दल मजबूती के साथ इंटैक्ट हैं. सभी का मकसद एनडीए को हराना है. इसी बात को लेकर कल बैठक होगी. सभी दलों के नेता आपसी सहमति से टिकट बंटवारे के मसले पर अंतिम फैसला लेंगे. पार्टी के नेता तेजस्वी यादव सभी को साथ लेकर चलेंगे.

VIP की मांग वाजिब- वैद्यनाथ सहनी

विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैद्यनाथ सहनी ने महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कहा कि हमारी पार्टी ने हाल ही में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. आबादी के लिहाज से हमारी पार्टी की ओर से सीटों की मांग वाजिब है. 12 जून को महागठबंधन में शामिल दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक प्रस्तावित है. अगर गठबंधन से कोर्ट से 60 सीटें नहीं मिली तो पार्टी क्या करेगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी इस मसले पर अंतिम फैसला लेंगे.

बिहारबिहार विधानसभा चुनाव 2025तेजस्वी यादव
अगला लेख