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बिहार विधानसभा चुनाव: कर्पूरी ठाकुर के गांव से ही क्यों चुनावी रैली की शुरुआत करने जा रहे पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की अपनी पहली रैली समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ठाकुर के गांव से करेंगे. यह कदम NDA की रणनीति में पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्ग (EBC) वोट बैंक को साधने के लिए महत्वपूर्ण है. मोदी कर्पूरी ठाकुर की विरासत और विपक्ष के “जंगलराज” मुद्दों पर चुनावी वार करेंगे. बिहार में बीजेपी-जदयू गठबंधन के लिए यह रैली निर्णायक साबित हो सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव: कर्पूरी ठाकुर के गांव से ही क्यों चुनावी रैली की शुरुआत करने जा रहे पीएम मोदी?
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 24 Oct 2025 11:21 AM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन और नाम वापसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब उम्मीदवारों की तस्वीर साफ है और सभी दलों का ध्यान प्रचार पर है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली चुनावी रैली के लिए समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम से चुनावी रैली की शुरुआत करने जा रहे हैं. यह रैली न सिर्फ बीजेपी के प्रचार अभियान की शुरुआत है, बल्कि राजनीतिक संकेत भी देती है कि NDA पिछड़े वर्गों और EBC वोट बैंक पर फोकस बनाए रखना चाहता है.

पीएम मोदी अपने भाषण में बिहार में NDA और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी उजागर करेंगे. बाढ़ प्रबंधन, किसानों के लिए योजनाएं, और पिछड़ों के कल्याण के प्रयास उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा होंगे. इसके माध्यम से जनता में यह संदेश जाएगा कि NDA विकास के एजेंडे के साथ खड़ा है.

विरासत को अपनाने का दांव खेलेंगे पीएम मोदी

कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके और समाजवाद की मजबूत पहचान रखने वाले नेता थे. दलितों, पिछड़ों और अत्यंत पिछड़े वर्गों (EBC) के अधिकारों के लिए उनका जीवन समर्पित था. प्रधानमंत्री द्वारा उनके गांव से रैली शुरू करना यह संदेश देता है कि NDA इस विरासत को अपनाने का दावा कर रहा है. NDA यह भी संदेश देना चाहता है कि वह पिछड़े वर्गों की विरासत और उनके कल्याण को अपना एजेंडा बना रहा है, साथ ही विपक्ष पर परिवारवाद और विकास विरोधी शासन के आरोप लगाकर EBC वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करने की रणनीति अपनाई जा रही है.

EBC और पिछड़े वर्गों पर NDA की नजर

बिहार की जनसंख्या में EBC लगभग 30-35% है. कर्पूरी ठाकुर इन्हीं वर्गों के लिए प्रतीकात्मक नेता माने जाते हैं. NDA, विशेषकर बीजेपी, इस वोट बैंक को साधने के लिए खुद को कर्पूरी ठाकुर की विरासत का असली वारिस पेश कर रहा है, जिससे जदयू गठबंधन की स्थिति और मजबूत हो सके.

महागठबंधन की रणनीति को देंगे चुनौती

महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, VIP, वाम दल) भी EBC वोट बैंक पर दांव खेल रहा है. VIP नेता मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर निषाद-मल्लाह समुदाय को अपनी ओर करने का प्रयास किया जा रहा है. पीएम मोदी का कर्पूरी ग्राम से आगाज महागठबंधन की इस रणनीति को चुनौती देने का तरीका भी माना जा रहा है.

पहले भी उठाया था जंगलराज का मुद्दा

पीएम मोदी ने पहले भी बिहार के चुनावी दौर में विपक्ष के 15 साल के शासन और ‘जंगलराज’ की याद दिलाई है. रैली में विकास विरोधी नीति, अपराध और परिवारवाद के मुद्दों पर विपक्ष को निशाना बनाया जाएगा. यह लालू यादव और आरजेडी पर सीधा हमला है.

दिल्ली से सेट किया बिहार चुनाव का टोन

बिहार जाने से पहले ही पीएम मोदी ने दिल्ली से ‘बुजुर्गों से संवाद’ और ‘रन फॉर बिहार यूनिटी’ जैसी वर्चुअल रैलियों के माध्यम से चुनावी टोन सेट किया. इसमें विकास, विरासत और सामाजिक एकता पर जोर दिया गया, जो उनकी रैलियों में भी मुख्य मुद्दा रहेगा.

क्या बोला कर्पूरी ठाकुर का परिवार?

कर्पूरी ठाकुर के बेटे और जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने पीएम की पहल की सराहना की. वहीं, उनके परिवार की दूसरी पीढ़ी, पोती जागृति ठाकुर ने इसे सियासी लाभ उठाने का प्रयास बताया. यह संकेत देता है कि विरासत के मुद्दे पर राजनीति अभी भी संवेदनशील है.

रैली वोट बैंक पर डालेगी प्रभाव

पीएम मोदी की रैली महज प्रचार नहीं, बल्कि NDA की रणनीति का प्रतीक है. यह पिछड़े वर्गों को साधने, महागठबंधन की चुनौती को रोकने और विपक्ष के शासनकाल की नकारात्मक छवि को जनता के सामने रखने का मौका है. बिहार विधानसभा चुनाव में यह रणनीति EBC और OBC वोट बैंक पर निर्णायक प्रभाव डाल सकती है.

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