Bihar Election 2025: राजद के सामने झामुमो की चुनौती, क्या 12 सीटें देने को राजी होंगे तेजस्वी यादव?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने RJD से बिहार की सीमावर्ती 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है. JMM ने चेतावनी दी है कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, तो वह अकेले चुनाव लड़ेगा. पार्टी का दावा है कि सीमावर्ती इलाकों में उसका जातीय आधार मौजूद है. RJD फिलहाल टकराव टालते हुए सीमित सीटें देने पर विचार कर रही है. तेजस्वी यादव इस बार गठबंधन की एकता को लेकर अधिक सतर्क नजर आ रहे हैं.
JMM RJD seat demand tension: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन के भीतर हलचलें तेज हो गई हैं. झारखंड में सत्ता में भागीदार झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) अब बिहार में भी अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा है. पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि उसे सम्मानजनक सीटें नहीं दी गईं, तो वह अकेले चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेगी.
सूत्रों के मुताबिक, JMM ने RJD के सामने 12 सीटों की मांग रखी है, जो ज्यादातर झारखंड से सटे सीमावर्ती इलाके जैसे चकाई, झाझा और सिमुलतला में हैं. इन इलाकों में पार्टी का जातीय और सामाजिक आधार भी है, जिस पर JMM को भरोसा है.
JMM की मांग मांनेगी RJD?
JMM की इस मांग को लेकर फिलहाल RJD न तो पूरी तरह राजी है और न ही पूरी तरह इनकार की स्थिति में है. पार्टी की सोच यह है कि झारखंड में चल रही गठबंधन की दोस्ती को बिहार तक विस्तार देना INDIA गठबंधन की एकता को मजबूत करने का संकेत होगा.
2020 में JMM ने बिहार में लड़ा था चुनाव
गौरतलब है कि 2020 में भी JMM ने बिहार में चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी. हालांकि 2010 में चकाई सीट पर जीत दर्ज कर पार्टी ने अपनी मौजूदगी का एहसास कराया था. यही वजह है कि इस बार JMM सीमावर्ती इलाकों में फिर से अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्ज कराना चाहता है.
JMM के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दी चेतावनी
JMM के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर पार्टी को इस बार भी नजरअंदाज किया गया, तो इसका असर झारखंड में चल रही गठबंधन सरकार पर भी पड़ सकता है. वहीं तेजस्वी यादव इस बार JMM की मांगों को लेकर अधिक सतर्क और संवेदनशील नजर आ रहे हैं.
फिलहाल, चर्चा है कि RJD दो-तीन सीमावर्ती सीटें देकर JMM को साधने की रणनीति पर विचार कर रही है, ताकि महागठबंधन की एकता बनी रहे और दोनों राज्यों में सहयोग का संदेश जाए.





