बिहार की हवाई उड़ान को लगेगा रफ्तार का इंजन! मधुबनी, सुपौल, मुंगेर समेत 6 जिलों में बनेंगे रीजनल एयरपोर्ट
बिहार में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच छह नए एयरपोर्ट्स निर्माण को लेकर समझौता हुआ है. मधुबनी, सुपौल, मुंगेर, वाल्मीकि नगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा में एयरपोर्ट बनने से निवेश, पर्यटन और रोजगार को नई रफ्तार मिलेगी. यह पहल ‘उड़ान योजना’ और ‘विकसित भारत 2047’ के विजन से जुड़ी है.

बिहार में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को मजबूती देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. दिल्ली स्थित बिहार निवास में सोमवार को बिहार सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच छह नए रीजनल एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. इस करार के जरिए मधुबनी, सुपौल (बिरपुर), मुंगेर, वाल्मीकि नगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा जैसे जिलों में विमानन सुविधाएं शुरू की जाएंगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई थी. राज्य सरकार का मानना है कि इन हवाई अड्डों से गांव-कस्बों को राष्ट्रीय हवाई नेटवर्क से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे समावेशी विकास को बल मिलेगा.
किन जिलों में बनेंगे नए हवाई अड्डे?
- मधुबनी
- बिरपुर (सुपौल)
- मुंगेर
- वाल्मीकि नगर (प. चंपारण)
- मुजफ्फरपुर
- सहरसा
इन एयरपोर्ट्स का निर्माण राज्य सरकार और AAI के संयुक्त सहयोग से किया जाएगा. पहले चरण में ₹150 करोड़ का बजट तय किया गया है, जिसमें हर एयरपोर्ट के लिए ₹25 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
मुख्य सचिव और AAI अधिकारियों की मौजूदगी में समझौता
इस MoU पर दस्तखत की प्रक्रिया में बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, रेजिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार (IAS) और नागरिक उड्डयन निदेशक निलेश देवरे (IAS) प्रमुख रूप से शामिल रहे. AAI के प्रतिनिधियों ने भी इस समझौते को बड़ी उपलब्धि बताया. मुख्य सचिव मीणा ने कहा, “यह करार राज्य की रीजनल कनेक्टिविटी को सशक्त बनाएगा और निवेश, पर्यटन तथा व्यापार को नई दिशा देगा.”
‘उड़ान योजना’ और ‘विकसित भारत 2047’ से तालमेल
यह पहल केंद्र की 'उड़ान योजना (UDAN)' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन से भी पूरी तरह मेल खाती है. इन हवाई अड्डों पर छोटे, 19-सीटर विमानों का संचालन किया जाएगा ताकि दूरदराज के क्षेत्रों को तेज और किफायती कनेक्टिविटी मिल सके.
पर्यटन, रोजगार और शिक्षा को मिलेगा प्रोत्साहन
इन एयरपोर्ट्स के निर्माण से पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के नए दरवाज़े खुलेंगे. सरकार का मानना है कि हवाई संपर्क बढ़ने से उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने में मदद मिलेगी.
रेजिडेंट कमिश्नर बोले- नीतिगत संवाद का नया केंद्र बना बिहार निवास
रेजिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने कहा, “नई दिल्ली स्थित बिहार निवास अब केवल प्रतीकात्मक स्थान नहीं, बल्कि नीतिगत संवाद और समन्वय का प्रभावशाली केंद्र बनता जा रहा है.” उन्होंने इस करार को केंद्र और राज्य सरकार के बीच साझेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण बताया.
बिहार में रीजनल एयरपोर्ट्स की यह योजना न केवल हवाई यात्रा को आम आदमी की पहुंच में लाएगी, बल्कि राज्य को निवेश, व्यापार और पर्यटन के लिए एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी.