असम कोयला खदान में भरा पानी, खतरे में है 9 मजदूरों की जान, खदान में किया जा रहा था ये काम
असम से एक बुरी खबर आई है, जहां पानी भरने के कारण कोयला खदान में 9 मजदूर फंस गए हैं. वहीं, श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब इस मामले में हिमंत बिस्वा सरमा ने सेना से भी मदद मांगी है. साथ ही, उन्होंने इस खदान में फंसे लोगों की लिस्ट भी जारी की है.

असम के दीमा हसाओ जिले में सोमवार सुबह अचानक पानी भर जाने से कोयला खदान में करीब 9 मजदूर फंसे हुए हैं. यह हादसा जिले के उमरंगसो के 3 किलो इलाके में स्थित असम कोयला खदान में सुबह करीब 7 बजे हुआ. स्थानीय लोगों के अनुसार, जब यह हादसा हुआ तब खदान में करीब 10-15 मजदूर थे.
अब इस घटना को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक स्टेटमेंट रिलीज किया है. घटना की पुष्टि करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बचाव अभियान के लिए राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मियों को भेजा गया है. जहां सरमा ने कहा हमने बचाव प्रयासों में सेना की मदद मांगी है. डीसी और एसपी को भी घटनास्थल पर भेजा गया.
सीएम हिंमत बिस्वा ने मांगी सेना से मदद
सीएम सरमा ने अपने शुरुआती पोस्ट में कहा "उमरंगसो से दुखद खबर, जहां मजदूर कोयला खदान में फंस गए हैं. सटीक संख्या और स्थिति अभी तक अज्ञात है. डीसी, एसपी और मेरे सहयोगी कौशिक राय घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. मैं सभी की सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं."
अन्य श्रमिकों ने किया पुलिस को सूचित
एक सूत्र ने बताया कि शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि जब वे वहां काम कर रहे थे, तब खदान में अचानक पानी भर गया. टिंकिलो नाम की जगह पर यह घटना हुई, जो उमरंगसो पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है. इस मामले में एक अधिकारी ने बताया कि यह जगह बहुत अंदरूनी है. जहां खदान से बाहर निकलने में कामयाब रहे कुछ श्रमिकों ने खदान मालिक और स्थानीय पुलिस को दुर्घटना के बारे में सूचित किया.
की जा रही थी रैट होल माइनिंग
खबरों की मानें, तो इस खदान में रैट होल माइनिंग प्रोसेस से खनन का काम चालू था. यह एक खतरनाक प्रोसेस है, जिसमें खदान के अंदर चूहों की तरह छोटे छेद बनाकर खुदाई का काम किया जाता है. झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, कई जगहों पर इस प्रोसेस पर बैन लगाया जा चुका है.
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
इस मामले में सूत्रों ने बताया है कि यह कोयला खदान अवैध रूप से चलाई जा रही थी. साथ ही, इसका फायदा उठाकर गुप्त रूप से खनन किया जा रहा था. बता दें कि पहले भी पड़ोसी राज्य जैसे मेघालय में भी ऐसी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. जिनमें कई मजदूरों की मौत हो चुकी है. ऐसी घटनाओं ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जिससे इस तरह के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जा चुका है.