Begin typing your search...

Wimbledon 2025: अकल्पनीय, आश्चर्य और मज़ेदार हैं विंबलडन के ये अद्भुत तथ्य

विंबलडन 2025 की शुरुआत हो चुकी है और यह दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट है. इसमें रिकॉर्ड इनामी राशि, घास की सटीक देखभाल, कठोर ड्रेस कोड और टेनिस बॉल के लिए विशेष प्रोटोकॉल लागू होता है. यहां स्ट्रॉबेरी-क्रीम से लेकर स्कोन तक खास ब्रिटिश खाना परोसा जाता है. साथ ही 'रुफ़स' नाम का बाज़ भी कोर्ट की निगरानी करता है. बॉल बॉय/गर्ल बनना भी यहां किसी चुनौती से कम नहीं.

Wimbledon 2025: अकल्पनीय, आश्चर्य और मज़ेदार हैं विंबलडन के ये अद्भुत तथ्य
X
अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 30 Jun 2025 10:42 PM IST

Wimbledon 2025: विंबलडन दुनिया का सबसे पुराना टेनिस आयोजन है. हर साल जून के अंतिम सोमवार से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट की टेनिस के सभी चार ग्रैंड स्लैमों में सबसे अधिक प्रतिष्ठा है. विंबलडन 2025 का सोमवार यानी आज से आगाज हो गया है, ऐसे में हम यहां आपको उन कुछ अल्पनीय, आश्चर्य और मज़ेदार तथ्यों से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं जिन्हें आप शायद ही जानते हों.

सबसे पहले तो ये जानिए कि विंबलडन को लेकर पूरी दुनिया में इतना क्रेज़ क्यों है. इसके पीछे टेनिस के खेल से लेकर इसमें मिलने वाली इनामी रक़म एक अहम कारक है. 1968 में शुरू हुए ओपन एरा में पुरुष चैंपियन को क़रीब 2000 पाउंड इनामी रक़म दी जाती थी. जो आज की तारीख़ में डेढ़ सौ गुना बढ़ गई है. केवल एक मैच जीते तो भी मालामाल हो जाते हैं खिलाड़ी.

इस साल क़रीब 610.22 करोड़ रुपये (52 मिलियन पाउंड) की रिकॉर्ड प्राइज़ मनी होगी. पिछले साल से इसमें 7.1 फ़ीसद की बढ़ोतरी की गई है. पुरुष और महिला चैंपियन को एक समान तीन मिलियन यानी क़रीब 35.20 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को कितनी बड़ी रक़म दी जाती है, इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि जो खिलाड़ी केवल पहले दौर का मुक़ाबला जीतता है उसे 77 लाख रुपये से भी अधिक (66,000 पाउंड) की रक़म दी जाएगी. यह पिछले साल की तुलना में 10 फ़ीसद अधिक है.

विंबलडन से 'रुफ़स' बाज का कनेक्शन

इस टूर्नामेंट से रुफ़स नाम के एक बाज का गहरा संबंध है. जी हां, आपने सही पढ़ा, बाज. इस बाज का काम हर सुबह कोर्ट से कबूतरों को भगाना है. 2003 में रुफ़स ने हामिश से यह काम संभाला था. उसके पास ख़ुद का पास भी है, जिस पर लिखा है 'बर्ड स्केयरर' यानी चिड़ियों को डराने वाला. 2012 में रुफ़स का किसी ने उसके हैंडलर की गाड़ी से अपहरण कर लिया था तब बहुत हंगामा हुआ था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वो वापस आ गया. जो लोग विंबलडन देखने जाते हैं उन्हें अगर रुफ़स को भी देखना है तो उन्हें वहां बहुत सुबह जाना होगा क्योंकि उसकी ड्यूटी अमूमन सुबह 5 बजे से 10 बजे के बीच होती है.

घास की लंबाई में सटीकता

विंबलडन दुनिया का एकमात्र ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट है जो घास पर खेला जाता है. यहां घास की कटाई बहुत ही करीने से की जाती है. साथ ही घास के डिज़ाइन से तरह तरह की आकृति भी बनाई जाती है. मैदान पर पूरे टूर्नामेंट के दौरान इसकी कटिंग इतनी बारीकी से की जाती है कि घास की लंबाई बिल्कुस सटीक 8 मिली मीटर बनी रहे.

खाने में क्या परोसा जाता है?

चूंकि यह टूर्नामेंट लंदन में आयोजित होता है लिहाजा यहां आमतौर पर ब्रिटिश भोजन ही परोसा जाता है. इस टूर्नामेंट से स्ट्रॉबेरी और क्रीम का पुराना नाता रहा है. केंट के फार्म से सुबह-सुबह ताज़ी स्ट्रॉबेरी तोड़ कर हर दिन सुबह 11 बजे विंबलडन पहुंचाई जाती है. 14 दिनों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट के दौरान पिछली बार रिकॉर्ड 166,055 सर्विंग्स परोसी गई थीं. स्ट्रॉबेरी के अलाव पूरे टूर्नामेंट के दौरान 110,225 स्कोन (पारंपरिक ब्रिटिश बेक्ड फ़ूड, आमतौर पर इसे गेहूं के आटे या दलिया से बनाया जाता है) परोसे गए, वहीं मछली और चिप्स को 17,170 बार ऑर्डर किया गया.

टेनिस बॉल को लेकर प्रोटोकॉल

विंबलडन में इस्तेमाल की जाने वाली टेनिस बॉल को लेकर एक सख़्त प्रोटोकॉल है. टूर्नामेंट के दौरान 54,250 टेनिस बॉल का उपयोग किया जाता है. हर सात से नौ गेम के बाद एक गेंद बदल दी जाती है. उन्हें नियमित तौर पर 68 डिग्री फ़ारेनहाइट पर रखा जाता है और इस्तेमाल से पहले 100 इंच की ऊंचाई से नीचे ज़मीन पर गिराया जाता है, जहां यह जांच किया जाता है कि ज़मीन पर गिरने के बाद टेनिस बॉल 135 - 147 सेंटीमीटर उछले. जो टेनिस बॉल इस जांच में नाकाम रहती है उसे टूर्नामेंट के लिए अयोग्य घोषित कर हटा दिया जाता है.

ड्रेस कोड की अवहेलना अस्वीकार्य

विंबलडन का आधिकारिक ड्रेस कोड सफ़ेद है. जो खिलाड़ी इस नियम का पालन नहीं करता है उसे अंपायर चेतावनी देते हैं. ड्रेस कोड की वजह से ही आंद्रे अगासी ने 1988 में टूर्नामेंट का बहिष्कार कर दिया था. तो रोजर फेडरर को 2013 में इसलिए चेतावनी दी गई थी क्योंकि उनके जूते का तला (शू सोल) नारंगी रंग का था. यहां विलियम्स बहनों- सेरेना और विनस बहनों- को भी ड्रेस कोड का पालन नहीं करने का दंड मिल चुका है.

आसान नहीं है बॉल गर्ल या बॉल बॉय का काम

विंबलडन से टीनएजर्स को भी जुड़ने का मौक़ा मिलता है. वो यहां बतौर बॉल गर्ल या बॉल बॉय शामिल होते हैं. पर यह इतना आसान भी नहीं है. 15 साल की उम्र के 250 बच्चों का इस टूर्नामेंट के लिए बहुत सावधानीपूर्वक चयन किया जाता है. इसके बाद उन्हें कड़े परीक्षण और प्रशिक्षण से गुज़रना पड़ता है. इसमें तीन मिनट बिना हिले एक ही जगह पर खड़े रहना भी शामिल है. मैदान में अपने काम के दौरान उन्हें बहुत चुस्त और सटीक होना पड़ता है. इसे लेकर इतनी कड़ाई है कि अगर वे टूर्नामेंट के मानकों को पूरा करने में समर्थ नहीं हो पाते तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.

स्टेट मिरर स्पेशलक्रिकेट न्‍यूज
अगला लेख