Rishabh Pant: ऋषभ पंत के 'स्टुपिड... स्टुपिड... स्टुपिड' से 'सुपर्ब... सुपर्ब... सुपर्ब' बनने की कहानी
आईपीएल में खराब फॉर्म के बाद भी ऋषभ पंत पर चयनकर्ताओं का भरोसा रंग लाया. इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले वह भारत के पहले विकेटकीपर और टेस्ट इतिहास में सिर्फ दूसरे बने. पंत ने ‘मेड इन इंडिया’ अंदाज़ में जवाब दिया - आक्रामक, मैच जिताऊ और स्मार्ट. चोट के बाद वापसी कर पंत ने दिखाया कि क्यों वो भारतीय टेस्ट टीम का भविष्य हैं. रोहित शर्मा से लेकर अजीत अगरकर तक, सभी उनके खेल के कायल हैं.

इसी साल मार्च के महीने में भारत ने लंबे अंतराल के बाद जब चैपियंस ट्रॉफ़ी पर क़ब्ज़ा किया तब अर्शदीप सिंह और ऋषभ पंत पवेलियन से दौड़ते हुए मैदान की ओर भागे. दोनों ही उस टूर्नामेंट के किसी भी मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे. टीम मैनेजमेंट ने पंत पर केएल राहुल को तरजीह दी थी और केएल राहुल ने भी अपने चुने जाने को सही ठहराते हुए ज़रूरत के वक़्त रन बनाए. तब ऋषभ पंत ने पिछले ढाई सालों में सिर्फ़ एक वनडे खेला था.
पंत को मौक़ा नहीं दिए जाने पर उस दौरान अतुल वासन जैसे पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने गौतम गंभीर से नाराज़गी जताई थी. उन्होंने कहा था, "गौतम गंभीर ख़ुद की टीम चुने जा रहे हैं. मैं इस बात से बहुत परेशान हूं कि ऋषभ पंत को मौक़ा क्यों नहीं दिया जा रहा है? ये चल क्या रहा है. पंत एक ज़ोरदार खिलाड़ी हैं. विपक्षी टीमें उनसे डरती हैं. वो अपने दम पर मैच जिता सकते हैं. उन्हें मौक़े नहीं दिए गए तो एक बेहतरीन टैलेंट हम बर्बाद कर देंगे."
हालांकि, उस टूर्नामेंट के ठीक बाद आईपीएल में भी पंत का बल्ला नहीं चला. सबसे महंगे आईपीएल खिलाड़ी होने के बावजूद उन्होंने अंतिम मैच में शतक के अलावा कुछ ख़ास रन नहीं बटोरे. आईपीएल में उनका लगातार सस्ते में आउट होना सुर्खियां बटोरता रहा.
उसी दौरान इंग्लैंड टेस्ट सिरीज के लिए टीम की घोषणा की गई और ऋषभ पंत को उप-कप्तान बनाया गया. सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन अजित अगरकर ने टेस्ट क्रिकेट में हाल के दिनों में उनके शानदार रिकॉर्ड का ज़िक्र किया और यह भी कहा कि इंग्लैंड में स्टंप के पीछे से मैच को अच्छी तरह से पढ़ने की उनकी क्षमता काम आएगी.
पंत का एक महीने के अंदर तीसरा शतक
आईपीएल में ख़राब दौर से गुज़र रहे पंत के लिए सेलेक्शन कमेटी का उनमें विश्वास जताना जबरदस्त उत्साह बढ़ाने वाला निर्णय साबित हुआ. इस घोषणा के केवल तीन दिन बाद ही पंत ने आईपीएल के आखिरी लीग मैच में नाबाद 118 रन बना दिए. समरसॉल्ट लगा कर उस शतक को पंत ने अपने ठीक उसी अंदाज में सेलिब्रेट किया जैसे इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हेडिंग्ले टेस्ट की पहली पारी में सेंचुरी जड़ने के बाद किया था.
हालांकि दूसरी पारी में जब पंत ने शतक बनाया तो उन्होंने इसे ख़ास अंदाज में सेलिब्रेट नहीं किया. जबकि दर्शकदीर्घा से दिग्गज़ क्रिकेटर सुनील गावस्कर उनसे बार-बार इशारा कर समरसॉल्ट लगाने की फरमाइश कर रहे थे. गावस्कर पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर मेलबर्न टेस्ट में ग़ैर-ज़िम्मेदाराना शॉट खेल कर आउट होने पर कमेंट्री के दौरान पंत के लिए स्टुपिड... स्टुपिड... स्टुपिड बोल चुके थे. जब हेडिंग्ले में पंत ने शतक जमाया तो उनके मुंह से पंत की तारीफ़ में सुपर्ब...सुपर्ब...सुपर्ब... निकला.
टेस्ट इतिहास के केवल दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज़
ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हेडिंग्ले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमा दिया जो उनके टेस्ट करियर की सातवीं और आठवीं सेंचुरी भी है. टेस्ट की दोनों पारियों में पंत की यह उपलब्धि कितनी ख़ास है इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि भारतीय क्रिकेट के 93 वर्षों के इतिहास में उनसे पहले कोई भी विकेटकीपर ऐसा नहीं कर सका था. पंत टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर हैं तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कारनामा उनसे पहले केवल एक ही विकेटकीपर ने किया है, वो हैं ज़िम्बाब्वे के एंडी फ़्लावर. पंत इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले भारत के पहले क्रिकेटर भी बने.
स्पेशल क्लब में पंत की एंट्री
हालांकि भारत की ओर से टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाने का कारनामा पहले भी होता रहा है. सबसे पहले टेस्ट की दोनों पारियों में विजय हज़ारे ने शतक जमाया था. वहीं सुनील गावस्कर ने तीन बार तो राहुल द्रविड़ दो बार ऐसा कर चुके हैं. विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे भी टेस्ट की दोनों पारियों में भारत की ओर से शतक जमा चुके हैं. अब पंत इस लिस्ट में नया भारतीय नाम हैं. पंत इंग्लैंड में कम-से-कम लगातार पांच पारियों में 50+ का स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज़ों के क्लब में भी शुमार हो गए हैं. इस क्लब में सर डॉन ब्रैडमैन, हेंसी क्रोनिए, शिवनारायण चंद्रपॉल, कुमार संगकारा और डेरिल मिचेल जैसे बल्लेबाज़ पहले से शामिल हैं. वहीं इस लिस्ट में सबसे ऊपर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ हैं, जिनके नाम इंग्लैंड में लगातार सात पारियों में 50+ का रिकॉर्ड है. यह पंत का इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांचवां और इंग्लैंड की धरती पर चौथा शतक है.
पंत की बल्लेबाज़ी के अंदाज़ ने टेस्ट क्रिकेट में फूंकी जान
ऋषभ पंत ने अपने टेस्ट करियर के दौरान ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ़्रीका समेत इंग्लैंड की पिचों पर शतक जड़े हैं. उन्होंने वहां की तेज़ पिचों पर अपनी बल्लेबाज़ी कौशल का परिचय दिया है. बताया है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों वो अपनी बल्लेबाज़ी की शैली में बदलाव नहीं करते अपने चिर-परिचित अंदाज में खेलते हैं. हेडिंग्ले के दोनों शतकों को ही लीजिए तो पहली पारी में 134 रन 75.28 के स्ट्राइक रेट से आए तो दूसरी पारी के 118 तो और भी तेज़ 84.28 के स्ट्राइक रेट से बनाए. लेकिन एक बैटर के तौर पर वो यह संतुलन बनाना बखूबी जानते हैं कि आक्रामक कब होना है और कब डिफ़ेंसिव खेलना है. पंत ख़ुद सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जमाए अपने शतक का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि वहां अधिक डिफ़ेंसिव खेलना था तो मैंने उसी तरह बल्लेबाज़ी की.
पंत ने बदला खेलने का अंदाज
लेकिन पंत ने टेस्ट खेलने के अंदाज को बदला है, वो कह भी चुके हैं कि "ज़रूरी नहीं है कि टेस्ट जीतने के लिए पुराने धीमे अंदाज में ही खेलने की ज़रूरत है." पंत ने इस बात पर हमेशा ज़ोर दिया है कि वह पहले से कोई रणनीति नहीं बनाते, बल्कि स्थिति का आकलन करते हैं और उसके अनुसार खेलते हैं. ठीक ऐसा ही हेडिंग्ले टेस्ट में तब दिखा जब शुभमन गिल आउट हो गए और वहां से पंत ने केएल राहुल के साथ पिच पर बल्लेबाज़ी की कमान संभाली और ऐसा दमदार रिकॉर्ड बना डाला जो इससे पहले भारतीय क्रिकेट में कभी नहीं हुआ था.
चोट से लौटे, पिच पर किया धमाल, रोहित भी बने मुरीद
2022 में एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद पंत ने पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के वापसी की है. 629 दिनों के बाद जब पंत बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में उतरे तो पहली पारी में अच्छी शुरुआत के बावजूद शतक नहीं बना सके थे. लेकिन, दूसरी पारी में जब स्कोर 67 रन पर तीन विकेट था, तब पंत बैटिंग करने आए और शुभमन गिल के साथ 167 रनों की अमूल्य साझेदारी की, इसने मैच का नतीजा तय हो गया. पंत ने अपने अंदाज में शतक जमाया और क्रिकेट में अपने आदर्श रहे महेंद्र सिंह धोनी के छह टेस्ट शतक की बराबरी कर लिए वो भी धोनी (144 पारी) की तुलना में कम केवल 58 टेस्ट पारियों में.
भले ही देखने वाले को लगता है कि पंत की बल्लेबाज़ी के स्टाइल में रिस्क है लेकिन उनके पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ऐसा नहीं मानते थे. रोहित ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, “ऋषभ पंत को मैच की स्थिति का पता होता है. सभी जानते हैं कि बैटिंग के दौरान मैच का रुख़ किसी भी ओर जा सकता है, यह बल्लेबाज़ के प्रदर्शन पर बहुत हद तक निर्भर करता है. पंत वो बल्लेबाज़ हैं जो जब तक पिच पर रहता है तो यह कोशिश करता है कि मैच कैसे हमारी तरफ़ आए. उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा है. उससे कई नतीजे हमारे पक्ष में आए हैं. पंत पहली गेंद से ही सामने की टीम के गेंदबाज़ पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं. उसमें पंत को सफलता मिली है और टीम को भी सफलता मिली है.’’
रोहित का यह कहना ख़ुद पंत के आंकड़ों में भी दिखता है. वहीं इंग्लैंड दौरे के लिए उप-कप्तान बनाने के दौरान अगरकर ने भी कहा था, "पंत पिछले चार-पांच सालों से, क़रीब-क़रीब 40 टेस्ट मैचों से, हमारे बेस्ट बैटर्स में रहा है." 27 वर्षीय पंत ने अब तक 44 टेस्ट मैचों में 44.44 की औसत से आठ शतकों समेत 3200 रन बनाए हैं.
कई मौक़े पर देखा गया है कि विकेट के पीछे से मैच को देखने और उसके माकूल कप्तान को फ़ैसले लेने में मदद करने की ऋषभ की क्षमता लाजवाब रही है. अगरकर ने उन्हें अद्भुत खिलाड़ी कहा था और साथ ही यह भी कहा था कि "सेलेक्शन कमेटी ऐसे खिलाड़ियों को तलाश रही है जो आने वाले सालों में टीम को नई ऊंचाई पर ले जा सकें." निश्चित रूप से ऋषभ पंत वो टैलेंट हैं जिन्होंने वक़्त-वक़्त पर अपने प्रदर्शन से दिखाया है कि क्यों टीम को उनपर पूरा भरोसा है. पंत केवल 27 साल के हैं, अगर भविष्य में वो टीम की कप्तानी करते भी दिखे, तो इसमें कोई अचरज वाली बात नहीं होगी.