'कोहली होते तो इंग्लैंड की आंख में आंख डालकर शतक ठोक देते', मांजरेकर ने गिल की आक्रामकता पर उठाए सवाल
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठे हैं, खासकर उनकी आक्रामकता की कमी को लेकर. पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि विराट कोहली होते तो विपक्ष से भिड़कर शतक ठोक देते. इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों से भिड़ंत के बाद गिल के खेल पर असर पड़ा और वे नाकाम रहे. संजय मांजरेकर ने चेताया कि गिल को कोहली जैसी छवि अपनाने की ज़रूरत नहीं है.

Virat Kohli aggression vs Gill calmness: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज़ में जब भी विराट कोहली का नाम आया, वह सिर्फ उनकी बल्लेबाज़ी की वजह से नहीं था. जिस अंदाज़ में वे मैदान पर विपक्षी खिलाड़ियों से टकराते, भीड़ को जोश में लाते और गेंदबाज़ों को उत्साहित करते थे, वह कई बार भारत की हार के समय भी चर्चा का विषय बना. हालांकि इस सीरीज़ में भारत के खराब सत्र गिनती के ही रहे हैं.
पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और नासिर हुसैन का मानना है कि कप्तान शुभमन गिल, भले ही बल्ले से शानदार प्रदर्शन कर रहे हों, लेकिन जब भारत हेडिंग्ले में पांचवें दिन इंग्लैंड को ऑलआउट नहीं कर पाया और इंग्लैंड ने 371 रनों का टारगेट चेज़ कर लिया, तब गिल में वह आक्रामक रवैया और लीडरशिप की कमी दिखी.
गिल के आक्रामक रुख का हुआ उलटा असर
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन जब गिल ने ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट से भिड़कर आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश की तो उसका उलटा असर हुआ. इससे न केवल इंग्लैंड का हौसला बढ़ा, बल्कि स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे अनुभवी गेंदबाज़ ने भी इसे एक नई चुनौती की तरह लिया. नतीजा यह रहा कि चौथे दिन जब गिल बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो इंग्लिश फील्डर्स ने उन्हें बुरी तरह निशाना बनाया. गिल, जिन्होंने इस सीरीज़ में तीन शतक लगाए हैं, 9 गेंदों में सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए और असहज नजर आए.
'गिल को आक्रामकता का नकली मुखौटा नहीं पहनना चाहिए'
पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ संजय मांजरेकर ने चेतावनी दी कि गिल को ‘ब्रांड बिल्डिंग’ के चक्कर में आक्रामकता का ऐसा नकली मुखौटा नहीं पहनना चाहिए, जो उनकी प्रकृति से मेल नहीं खाता. उन्होंने कहा, “अगर कोई खुद को ब्रांड बनाने के लिए दिखाता है कि हम भारतीय हैं, हम किसी से कम नहीं... ये सोच आकर्षक लग सकती है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि शुभमन गिल ऐसा करने की कोशिश नहीं कर रहे थे.”
'विराट कोहली के लिए विपक्ष से भिड़ना स्वाभाविक था'
मांजरेकर ने आगे कहा कि विराट कोहली के लिए विपक्ष से भिड़ना स्वाभाविक था. उससे उनकी बल्लेबाज़ी बेहतर होती थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर लॉर्ड्स की दूसरी पारी में कोहली बल्लेबाज़ी करते, तो शतक जड़ देते.
मांजरेकर ने कहा, “विराट कोहली के लिए यह उनकी नेचर का हिस्सा था, लेकिन शुभमन गिल के लिए यह आक्रामकता शायद स्वाभाविक नहीं है. जिस गिल ने सीरीज़ में ब्रैडमैन जैसा प्रदर्शन किया है, वही खिलाड़ी उस पारी में बेहद असहज नजर आया. ऐसा लगा जैसे वो ‘डक’ लेकर आउट हुआ हो. यह साफ संकेत है कि आक्रामकता गिल की प्राकृतिक शैली नहीं है,”
22 रन से लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को मिली हार
क्रॉली से गिल की भिड़ंत का असर तीसरे टेस्ट पर भी पड़ा. इंग्लैंड ने पूरे जोश के साथ गेंदबाज़ी की और भारत के टॉप ऑर्डर को झकझोर दिया. बेन स्टोक्स ने लंबे स्पेल फेंके और जोफ्रा आर्चर ने आखिरी दिन खतरनाक गेंदबाज़ी की. रविंद्र जडेजा और निचले क्रम की जुझारू पारी के बावजूद भारत 193 रनों के लक्ष्य से 22 रन पीछे रह गया.