भारत के खिलाफ फ्लॉप रहे Nathan McSweeney ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ जड़ा दोहरा शतक, क्या ऑस्ट्रेलिया की टीम में फिर से होगी वापसी?
एशेज सीरीज़ के बीच Nathan McSweeney ने ऑस्ट्रेलिया A के लिए इंग्लैंड लायंस के खिलाफ ब्रिस्बेन में नाबाद दोहरा शतक जड़कर चयनकर्ताओं को मजबूत संदेश दिया है. नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करते हुए 226 रन की इस पारी ने उन्हें भविष्य में उस्मान ख्वाजा के संभावित विकल्प के तौर पर फिर से चर्चा में ला दिया है. उनकी पारी की बदौरत ऑस्ट्रेलिया A ने इंग्लैंड लायंस को एक पारी और 127 रनों से हराया.
Nathan McSweeney: एशेज सीरीज़ के दौरान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचते हुए नाथन मैकस्वीनी ने जबरदस्त बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया है. ब्रिस्बेन के एलन बॉर्डर फील्ड पर पिछले हफ्ते इंग्लैंड लायंस के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया A की ओर से खेलते हुए 26 वर्षीय मैकस्वीनी ने नाबाद दोहरा शतक जड़ा. मैच के दूसरे दिन के खेल तक मैकस्वीनी 226 रन बनाकर नाबाद रहे, जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया A ने इंग्लैंड लायंस को एक पारी और 127 रनों से हराया. यह पारी ऐसे समय आई, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम भविष्य में उस्मान ख्वाजा के विकल्प को लेकर सोच-विचार कर रही है.
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हालांकि, मैकस्वीनी ने यह पारी ओपनर के बजाय नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करते हुए खेली, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यह साफ कर दिया कि वे टेस्ट टीम में वापसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं. गौरतलब है कि मैकस्वीनी ने पिछले साल भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में ओपनर के तौर पर तीन टेस्ट मैच खेले थे.
मैकस्वीनी के अलावा कूपर कॉनॉली (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया) ने तेज़तर्रार 88 रन बनाए, जबकि ऑलराउंडर ज़ेवियर बार्टलेट ने सातवें नंबर पर उतरकर आक्रामक अंदाज़ में 83 रन ठोक दिए.
शोएब बशीर रहे बेअसर
इंग्लैंड के लिए यह मैच और भी निराशाजनक साबित हुआ, खासकर ऑफ स्पिनर शोएब बशीर के लिए, जो 25 ओवर में 0/115 के आंकड़े के साथ पूरी तरह बेअसर रहे. यह प्रदर्शन ऐसे समय आया है जब 22 वर्षीय बशीर को एशेज के दूसरे टेस्ट में जगह नहीं मिली थी और इंग्लैंड ने स्पिन की जिम्मेदारी बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर विल जैक्स को सौंपी थी. यह अनौपचारिक टेस्ट मैच इंग्लैंड लायंस के ऑस्ट्रेलिया दौरे का आखिरी मुकाबला था.
मैकस्वीनी ने पेश की दावेदारी
मैकस्वीनी ने मौजूदा एशेज सीरीज़ के बीच अपने प्रदर्शन से साफ कर दिया है कि वह टेस्ट टीम में वापसी के मजबूत दावेदार हैं. आने वाले समय में ऑस्ट्रेलिया का व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर भी उनके लिए उम्मीद की बड़ी वजह बनता नजर आ रहा है. 2026–27 के सत्र में ऑस्ट्रेलिया को बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलनी है, वहीं 2027 में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली पांच टेस्ट मैचों की एशेज सीरीज़ तक टीम को कुल 21 टेस्ट मुकाबले खेलने होंगे. इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट विदेशी जमीन पर, न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर चार टेस्ट और एमसीजी में इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक 150वीं वर्षगांठ टेस्ट मैच भी शामिल है.
इसके अलावा, एशेज से पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की संभावनाएं और भारत का पांच टेस्ट मैचों का बड़ा दौरा भी तय है. इन सभी मुकाबलों को मिलाकर यह ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के लिए अब तक के सबसे व्यस्त 12 महीनों में से एक होगा. इससे पहले अक्टूबर 2004 से अक्टूबर 2005 के बीच टीम ने अधिकतम 17 टेस्ट मैच खेले थे.
चयनकर्ताओं के सामने दुविधा खड़ी कर सकते हैं खिलाड़ी
पिछले चार वर्षों में ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाज़ी क्रम में अपेक्षाकृत स्थिरता का फायदा मिला है, जहां शीर्ष क्रम को छोड़कर बहुत कम बदलाव देखने को मिले. हालांकि, इतने व्यस्त कार्यक्रम में खिलाड़ियों पर पड़ने वाले शारीरिक और मानसिक दबाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया A और शेफील्ड शील्ड में लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी चयनकर्ताओं के सामने सुखद दुविधा खड़ी कर सकते हैं.
खेल अब सही दिशा में आगे बढ़ रहा है: मैकस्वीनी
मैकस्वीनी का मानना है कि पिछले साल गर्मियों में टेस्ट क्रिकेट में मिले अनुभव ने उनके खेल में जरूरी सुधार करने के लिए प्रेरित किया. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए शील्ड क्रिकेट में शतक लगाने के बाद उन्हें लग रहा है कि उनका खेल अब सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वह सर्वोच्च स्तर पर एक और मौका मिलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, चाहे वह अभी मिले या आने वाले टेस्ट टूर्नामेंट्स में...
मैकस्वीनी ने कहा, “एक बल्लेबाज़ के तौर पर आप सही समय पर रन बनाना चाहते हैं और यह सब टाइमिंग पर निर्भर करता है. मैं बस खुद को बेहतर बनाने और हर पारी से सीखने की कोशिश करता हूं.” उन्होंने आगे कहा, “अगर मुझे ऑस्ट्रेलिया के लिए फिर से खेलने का मौका मिलता है तो उम्मीद है कि मैं अपनी बल्लेबाज़ी से पहले की तरह अच्छा प्रदर्शन कर सकूंगा और टेस्ट क्रिकेट में मजबूत शुरुआत कर पाऊंगा. अपने छोटे से अनुभव में जो कुछ मैंने सीखा है, वह निश्चित रूप से मेरी मदद करेगा.”
शेफील्ड शील्ड प्रतियोगिता का टेस्ट क्रिकेटरों को तैयार करने में अहम भूमिका
मैकस्वीनी ने यह भी भरोसा जताया कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और शेफील्ड शील्ड प्रतियोगिता हमेशा से टेस्ट क्रिकेटरों को तैयार करने में अहम भूमिका निभाती रही है. उन्होंने स्कॉट बोलैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौका मिलने से पहले बोलैंड ने कई शील्ड मैच खेले और फिर शुरुआत से ही प्रभाव छोड़ा. मैकस्वीनी ने कहा, “कुछ भी नहीं बदला है. आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं. यह जरूर एक बड़ी जिम्मेदारी होगी, लेकिन हम हमेशा कोई न कोई रास्ता निकाल लेते हैं और मुझे नहीं लगता कि इसमें आगे कोई बदलाव आएगा.”





